जयपुर. करीब 1200 दिन बाद प्रदेश के लिए खुशी की खबर आई है. राजस्थान अब जाकर कोरोना महामारी से मुक्त हो गया है. चिकित्सा विभाग की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दो दिन में 3 हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए. इनमें से एक भी पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया. यही नहीं राजधानी में जो एकमात्र एक्टिव केस था, वो भी मंगलवार को डिस्चार्ज हो गया. वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं है.
प्रदेश के सभी जिले कोरोना से मुक्त : राजस्थान जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि ये सुखद खबर है. कोविड-19 के दौर में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों की मुख्य भूमिका रही. इन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर बीमारी से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मरीजों की सेवा करते हुए कई डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की जान तक चली गई. कोरोना वो काल था जब मरीज के परिजन उन्हें संभालने के लिए तत्पर नहीं थे, लेकिन चिकित्सा कर्मियों ने उनको संभालने का काम किया. इससे सीख मिली है और सिस्टम पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है.
करनी होगी कोरोना गाइडलाइन की पालना : उन्होंने स्पष्ट किया कि 2 दिन में कोई पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया है और प्रदेश भर में एक भी एक्टिव केस मौजूद नहीं है. फिलहाल कोरोना गाइडलाइन की पालना की जा रही है. इस गाइडलाइन को छोड़ देने को लेकर अभी तक कोई डायरेक्शन प्राप्त नहीं हुए हैं, लेकिन फिलहाल 0 केस की ओर बढ़ते हुए राजस्थान कोविड-19 फ्री हुआ है.
सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान 5.0 के तहत भारत सरकार के दिशा निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में टीकाकरण से रह गए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती महिलाओं का हेड कॉउन्ट सर्वे करवाकर उन्हें वैक्सीनेट किया जाएगा. इसका रिकॉर्ड UWin सॉफ्टवेयर में रखा जाएगा, ताकि प्रदेश के लाभार्थी गर्भवती महिला और बच्चों के टीके देश के किसी भी कोने में लगाए जा सकें. अभियान के तीन चरण 7 से 12 अगस्त, 11 से 16 सितम्बर और 9 से 14 अक्टूबर तक चलेंगे. इसे लेकर 3 जुलाई से 6 जुलाई तक राज्य स्तर पर सभी जिलों के जिला प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य अधिकारियों और कार्मिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया है.