जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने सार्वजनिक निर्माण विभाग में एईएन से एक्सईएन के पद पर पदोन्नति के लिए होने वाली डीपीसी पर रोक लगा दी है. इसे साथ ही अदालत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग और कार्मिक विभाग से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने कहा कि जब तक अपीलार्थी की ओर से 8 जून को दिए नोटिस पर उचित आदेश नहीं दिया जाता, तब तक डीपीसी नहीं की जाए. अधिकरण ने यह आदेश लोकेश गुप्ता की अपील पर दिए. नोटिस का जवाब देने के बाद विभाग डीपीसी के लिए स्वतंत्र रहेगा.
याचिका में कहा गया कि अपीलार्थी एईएन के पद पर 17 जून 2008 को पदोन्नत हुआ था. एक्सईएन के पद पर पदोन्नति के लिए 15 साल का कार्य अनुभव होना जरूरी है. विभाग की वरिष्ठता सूची में उसका नाम है और वह एक्सईएन के पद पर पदोन्न के लिए सभी तरह की पात्रता भी रखता है. अपील में कहा गया कि विभाग 15 साल के कार्य अनुभव की गणना उसकी एईएन पद पर हुई पदोन्नति की तारीख से कर रहा है, जबकि उसके कार्य अनुभव की गणना एक अप्रैल 2008 से होनी चाहिए.
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ऐसा होने पर वह 2023-24 में एक्सईएन के पद पर पदोन्नत होने के लिए का पात्र होगा. अपीलार्थी की ओर से इस संबंध में विभाग को नोटिस भी भेजा गया था. वहीं विभाग ने अब तक उसके नोटिस का जवाब नहीं दिया और अब पदोन्नति के लिए डीपीसी की जा रही है. ऐसे में विभाग को निर्देश दिए जाएं कि उसकी ओर से दिए नोटिस का जवाब देने तक डीपीसी नहीं की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने डीपीसी करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.