ETV Bharat / state

Rajasthan Budget Preparation : विभागीय स्तर पर बजट पूर्व संवाद बैठकों का दौर शुरू, इन मुद्दों पर फोकस...

प्रदेश की गहलोत सरकार ने बजट की तैयारियां तेज कर दी है. वित्त विभाग ने बजट पूर्व विभागीय स्तर पर बैठक शुरू कर दी है. 1 नवंबर से 15 नवंबर तक यह संवाद चलेगा. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से बजट को लेकर सुझाव लेंगे.

CM Gehlot
CM Gehlot
author img

By

Published : Nov 2, 2022, 3:45 PM IST

जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार इस बार बजट दिसंबर के आखिरी सप्ताह में या जनवरी के पहले सप्ताह में लाने जा रही है. ऐसे में अब वित्त विभाग ने बजट पूर्व संवाद (Rajasthan Budget Preparation) भी शुरू कर दिया है. 1 नवंबर से 15 नवंबर तक विभागीय स्तर पर बजट पूर्व संवाद होगा. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से बजट पूर्व संवाद करके सुझाव लेंगे.

15 नवंबर तक विभागीय संवाद बैठक : वित्त विभाग ने सभी विभागों को विभागीय स्तर पर बजट को संवाद बैठकर (Round of Meetings Started at Departmental Level) करने के निर्देश दिए थे. विभाग स्तरीय बजट पूर्व संवाद बैठकें 1 नवंबर से शुरू हुई हैं, जो 15 नवंबर तक चलेंगी. अलग-अलग विभागों में विभाग स्तर पर होने वाली बजट पूर्व संवाद बैठकों में विभागों के एसीएस, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और जिला स्तर के अधिकारी बैठकों में शामिल हो रहे हैं.

बजट पूर्व संवाद बैठकों में पूर्व की बजट घोषणा के क्रियान्वयन के साथ-साथ सरकार के आगामी बजट में कौन-कौन से सुझावों को शामिल किया जा सकता है, उन पर चर्चा हो रही है. विभाग स्तर के साथ-साथ जिला स्तर पर भी बजट पूर्व संवाद बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिसमें जिला कलेक्टर को भी बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं. वित्त विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक बजट पूर्व संवाद बैठकों में आने वाले सुझावों को विभाग प्रभारी सचिव के ध्यान में लाया जाएगा और सुझावों के गुण अवगुण के आधार पर विश्लेषण करके उनकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

इन विभागों से लिए जा रहे सुझाव : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट को लेकर विभागीय स्तर पर बैठक करें, उससे पहले वित्त विभाग के अधिकारी बैठक ले रहे हैं. बैठकों में जिन विभागों के लिए अलग-अलग सुझाव लिए जा रहे हैं, उनमें सामाजिक न्याय, पुलिस, जेल प्रशासन, अल्पसंख्यक मामला, कृषि, पशुपालन, गोपालन, कृषि विपणन, उपभोक्ता, सहकारिता, जल संसाधन, ग्रामीण विकास पंचायती राज, वन, जनजाति विकास, उद्योग, स्किल डेवलपमेंट, श्रम, पर्यटन, आर्ट एंड कल्चर, नगरीय विकास, खेल और युवा मामलात, स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन, तकनीकी शिक्षा, महिला बाल विकास, चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा, उर्जा और ट्रांसपोर्ट विभाग शामिल हैं.

पढ़ें : विजयदशमी पर जोधपुर पहुंचे सीएम गहलोत, बोले- अगला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा

दिसंबर के पहले सप्ताह में सीएम करेंगे संवाद : वित्त विभाग की ओर से 15 नवंबर तक सभी विभागों से सुझाव लेकर उसके एक रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपी जाएगी. इस रिपोर्ट के बाद में नवंबर के आखिरी सप्ताह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकारियों के साथ में इन सुझाव पर चर्चा करेंगे. इसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिविल सोसाइटी, एनजीओ, आमजन, कृषकों, खिलाड़ियों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग संवाद बैठकर करके बजट पर सुझाव लेंगे. मुख्यमंत्री के साथ होने वाली संवाद बैठकर सचिवालय में होना प्रस्तावित हैं.

एक महीने पूर्व आएगा बजट : बता दें कि राज्य सरकार का बजट फरवरी में आता है, लेकिन इस बार सरकार 1 महीने पहले ही बजट पेश करने जा रही है. समय से पूर्व बजट को लेकर पिछले दिनों कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकार का यह आखिरी बजट होगा. इसलिए इस बार समय पूर्व बजट लाया जाएगा, ताकि उसको धरातल पर उतारा जा सके.

चुनावी लाभ मिलेगा : दरअसल, समय पूर्व बजट के पीछे की वजह यह है कि बजट पेश करने के बाद सरकार चुनावी मोड में चली जाएगी. सरकार की मंशा है कि प्रदेश में अगले साल दिसंबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले पहले पांचवें और अंतिम बजट की तमाम घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके और जनता को उसका लाभ मिल सके.

विपक्ष के हाथ मुद्दा छीनने की कोशिश : अक्सर जो भी सरकार सत्ता में होती है वह अपने आखिरी बजट में जनता के लिए दिल खोलकर घोषणा करते हैं. इन घोषणाओं को लेकर हमेशा यही कहा जाता है कि यह सिर्फ और सिर्फ चुनावी घोषणा है, क्योंकि घोषणाओं को धरातल पर उतारने का समय सरकार के पास नहीं होता है और प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाती है. इस बार भी विपक्ष इसे मुद्दा नहीं बनाए इसलिए गहलोत सरकार चाहती है कि जो बजट में घोषणा की जाए उसे अमलीजामा भी पहनाई जाए, ताकि चुनावी समय में विपक्ष इन घोषणाओं की पूर्ति को लेकर मुद्दा नहीं बना सके.

युवाओं और खिलाड़ियों को समर्पित होगा बजट : बता दें कि इस बार गहलोत सरकार विधानसभा चुनाव में युवाओं के वोट बैंक के जरिए सत्ता वापसी का सपना सच देख रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि सरकार का यह अंतिम बजट युवाओं और खिलाड़ियों को समर्पित होगा. इसके लिए सीएम गहलोत ने अधिक से अधिक युवाओं और खिलाड़ियों को सुझाव के लिए आमंत्रित भी किया है. प्रदेश में बड़ी आबादी युवाओं की है. सरकार की मंशा है कि युवाओं के जरिए सत्ता की जीत को दोहराया जाए.

जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार इस बार बजट दिसंबर के आखिरी सप्ताह में या जनवरी के पहले सप्ताह में लाने जा रही है. ऐसे में अब वित्त विभाग ने बजट पूर्व संवाद (Rajasthan Budget Preparation) भी शुरू कर दिया है. 1 नवंबर से 15 नवंबर तक विभागीय स्तर पर बजट पूर्व संवाद होगा. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से बजट पूर्व संवाद करके सुझाव लेंगे.

15 नवंबर तक विभागीय संवाद बैठक : वित्त विभाग ने सभी विभागों को विभागीय स्तर पर बजट को संवाद बैठकर (Round of Meetings Started at Departmental Level) करने के निर्देश दिए थे. विभाग स्तरीय बजट पूर्व संवाद बैठकें 1 नवंबर से शुरू हुई हैं, जो 15 नवंबर तक चलेंगी. अलग-अलग विभागों में विभाग स्तर पर होने वाली बजट पूर्व संवाद बैठकों में विभागों के एसीएस, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और जिला स्तर के अधिकारी बैठकों में शामिल हो रहे हैं.

बजट पूर्व संवाद बैठकों में पूर्व की बजट घोषणा के क्रियान्वयन के साथ-साथ सरकार के आगामी बजट में कौन-कौन से सुझावों को शामिल किया जा सकता है, उन पर चर्चा हो रही है. विभाग स्तर के साथ-साथ जिला स्तर पर भी बजट पूर्व संवाद बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिसमें जिला कलेक्टर को भी बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं. वित्त विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक बजट पूर्व संवाद बैठकों में आने वाले सुझावों को विभाग प्रभारी सचिव के ध्यान में लाया जाएगा और सुझावों के गुण अवगुण के आधार पर विश्लेषण करके उनकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

इन विभागों से लिए जा रहे सुझाव : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट को लेकर विभागीय स्तर पर बैठक करें, उससे पहले वित्त विभाग के अधिकारी बैठक ले रहे हैं. बैठकों में जिन विभागों के लिए अलग-अलग सुझाव लिए जा रहे हैं, उनमें सामाजिक न्याय, पुलिस, जेल प्रशासन, अल्पसंख्यक मामला, कृषि, पशुपालन, गोपालन, कृषि विपणन, उपभोक्ता, सहकारिता, जल संसाधन, ग्रामीण विकास पंचायती राज, वन, जनजाति विकास, उद्योग, स्किल डेवलपमेंट, श्रम, पर्यटन, आर्ट एंड कल्चर, नगरीय विकास, खेल और युवा मामलात, स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन, तकनीकी शिक्षा, महिला बाल विकास, चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा, उर्जा और ट्रांसपोर्ट विभाग शामिल हैं.

पढ़ें : विजयदशमी पर जोधपुर पहुंचे सीएम गहलोत, बोले- अगला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा

दिसंबर के पहले सप्ताह में सीएम करेंगे संवाद : वित्त विभाग की ओर से 15 नवंबर तक सभी विभागों से सुझाव लेकर उसके एक रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपी जाएगी. इस रिपोर्ट के बाद में नवंबर के आखिरी सप्ताह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकारियों के साथ में इन सुझाव पर चर्चा करेंगे. इसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिविल सोसाइटी, एनजीओ, आमजन, कृषकों, खिलाड़ियों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग संवाद बैठकर करके बजट पर सुझाव लेंगे. मुख्यमंत्री के साथ होने वाली संवाद बैठकर सचिवालय में होना प्रस्तावित हैं.

एक महीने पूर्व आएगा बजट : बता दें कि राज्य सरकार का बजट फरवरी में आता है, लेकिन इस बार सरकार 1 महीने पहले ही बजट पेश करने जा रही है. समय से पूर्व बजट को लेकर पिछले दिनों कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकार का यह आखिरी बजट होगा. इसलिए इस बार समय पूर्व बजट लाया जाएगा, ताकि उसको धरातल पर उतारा जा सके.

चुनावी लाभ मिलेगा : दरअसल, समय पूर्व बजट के पीछे की वजह यह है कि बजट पेश करने के बाद सरकार चुनावी मोड में चली जाएगी. सरकार की मंशा है कि प्रदेश में अगले साल दिसंबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले पहले पांचवें और अंतिम बजट की तमाम घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके और जनता को उसका लाभ मिल सके.

विपक्ष के हाथ मुद्दा छीनने की कोशिश : अक्सर जो भी सरकार सत्ता में होती है वह अपने आखिरी बजट में जनता के लिए दिल खोलकर घोषणा करते हैं. इन घोषणाओं को लेकर हमेशा यही कहा जाता है कि यह सिर्फ और सिर्फ चुनावी घोषणा है, क्योंकि घोषणाओं को धरातल पर उतारने का समय सरकार के पास नहीं होता है और प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाती है. इस बार भी विपक्ष इसे मुद्दा नहीं बनाए इसलिए गहलोत सरकार चाहती है कि जो बजट में घोषणा की जाए उसे अमलीजामा भी पहनाई जाए, ताकि चुनावी समय में विपक्ष इन घोषणाओं की पूर्ति को लेकर मुद्दा नहीं बना सके.

युवाओं और खिलाड़ियों को समर्पित होगा बजट : बता दें कि इस बार गहलोत सरकार विधानसभा चुनाव में युवाओं के वोट बैंक के जरिए सत्ता वापसी का सपना सच देख रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि सरकार का यह अंतिम बजट युवाओं और खिलाड़ियों को समर्पित होगा. इसके लिए सीएम गहलोत ने अधिक से अधिक युवाओं और खिलाड़ियों को सुझाव के लिए आमंत्रित भी किया है. प्रदेश में बड़ी आबादी युवाओं की है. सरकार की मंशा है कि युवाओं के जरिए सत्ता की जीत को दोहराया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.