जयपुर. गहलोत-पायलट के बीच चल रही मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई के चलते तमाम कयासों के बीच आखिर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर दिया. लोकलुभावन बजट के जरिए मुख्यमंत्री ने राजस्थान के लगभग हर तबके को साधने का प्रयास किया है. लेकिन सीएम गहलोत ने जब विधानसभा में बजट पेश करते हुए यह कह दिया कि यह बजट कोई चुनावी बजट नहीं है, बल्कि मैं तो 2028 को देखते हुए बजट पेश कर रहा हूं.
साफ संकेत है कि अशोक गहलोत ने 2028 की तैयारी की बात कह कर सीधे अपनी ही पार्टी में अपने राजनीतिक विरोधी सचिन पायलट को जवाब दिया है, जिनकी गहलोत के साथ लगातार कुर्सी की रस्साकशी चल रही है. गहलोत ने एक तरीके से सचिन पायलट को अपने इस बयान के जरिए न केवल इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री के तौर पर 5 साल पूरे करने की बात कही है, बल्कि उन्होंने सीधे तौर पर संकेत दिए हैं कि वह 2023 में भी राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के चेहरे होंगे.
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इतना ही नहीं, उन्होंने अपने शायराना अंदाज में भी पायलट को जवाब दिया और उनकी खामोशी को बेबसी नहीं समझने और अभी तूफान बाकी होने के संकेत दिए हैं. गहलोत ने शायराना अंदाज में कहा, 'खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है, जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है. लहरों की खमोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादान, जितनी गहराई अंदर है, बाहर उतना तूफान बाकी है.' जो सीधे तौर पर सचिन पायलट को ही जवाब था.
क्योंकि सचिन पायलट ने परबतसर की अपनी रैली में इसी तरह से शायराना अंदाज में कहा था, 'उन्हें गुमान है कि हमारी उड़ान कुछ काम है और मुझे यकीन है कि आसमान कुछ काम है.' ऐसे में साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि 2023 बजट के बाद भी राजस्थान में किस्सा कुर्सी का जारी रहेगा और पायलट-गहलोत के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जंग भी जारी रहेगी.
उधर मोदी को कहा- 'एक ही सब पर भारी' लेकिन ERCP की बात करने की हिम्मत दिखाओ : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से पूरे देश में सोशल सिक्योरिटी एक्ट लागू करने की बात दोहराई. गहलोत ने कहा कि हम तो केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह ही कर सकते हैं, क्योंकि जब एक ही भारी पड़ रहा है सब पर तो हम तो केवल उनसे आग्रह ही कर सकते हैं. गहलोत ने मोदी पर तंज करते हुए कहा कि इतने भारी भरकम हैं प्रधानमंत्री.
इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आप हमारी बात अब मानने लगे हो. इस पर गहलोत ने भी कहा कि हम तो आपकी बात मानते हैं, लेकिन आप अगर हमारी बात मानते हो तो जाओ और ERCP की बात करके बताओ, प्रधानमंत्री से दौसा में जहां आपकी पार्टी की मीटिंग है. वहां बोलने की हिम्मत नहीं है. वहां उनके सामने जाएंगे तो बोलती बंद हो जाएगी.