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बिजली पानी को लेकर बीजेपी का हल्ला बोल, आज से 3 दिन उपखण्ड मुख्यालय पर होगा प्रदर्शन

बिजली की दरों में वृद्धि और पानी की किल्लत को लेकर बीजेपी ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आज से तीन दिन बीजेपी उपखण्ड मुख्यालय पर अपना विरोध प्रदर्शन करेगी.

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Published : May 17, 2023, 10:28 AM IST

जयपुर. प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब बीजेपी ने आम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी और पानी की किल्लत को लेकर प्रदेश के सभी जिला अखंड मुख्यालय पर बीजेपी का हल्ला बोल आज से शुरू हो रहा है. जो अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा.

बिजली-पानी का मुद्दा : बता दें कि प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी ने बिजली-पानी जो कि आम जनता से जुड़े हुए मुद्दे हैं, उनको लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. बीजेपी प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने बताया कि सरकार की बिजली पानी के वादाखिलाफी के विरोध में 17 मई से 19 मई तक अलग-अलग उपखंड मुख्यालय पर बिजली पानी के संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी. इस दौरान बीजेपी की कोशिश होगी कि आम जनता को इस हल्ला बोल अभियान से जोड़ा जाए ताकि चुनावी माहौल में सरकार के खिलाफ आक्रोश जनता में भी दिखे.

फ्यूल सरचार्ज को लेकर नाराजगी : बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था. उसे कांग्रेस सरकार ने बढाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया. 2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रूपए 55 पैसे हुआ करती थी उसे बढाकर 11 रूपए 90 पैसे कर दी गई है. शर्मा ने कहा था कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती हो रही है, एक तरफ सरकार 23.309 मेगावाट क्षमता बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस बिजली होने की बात कहती है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती कर रही है.

पढ़ें राजस्थान में गहलोत और पायलट की बयानबाजी, पार्टी हाईकमान मौन है क्यों ?

पीने का पानी नहीं : राम लाल शर्मा ने कहा कि गर्मी शुरू होने के साथ ही प्रदेश की आम जनता को पीने की पानी की किल्लत से दो चार हो रही है. सरकार की दूरदर्शिता का नतीजा है कि मई के महीने में ही पीने के पानी को लेकर आम जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है. शर्मा ने कहा कि पेयजल संकट की स्थिति प्रदेश में बदतर है. 11,440 गांव में पानी के टैंकर भिजवाये गए. लेकिन उनका भुगतान नहीं होने के चलते पेयजल व्यवस्था ठप्प हो गई है. प्रदेश के सैकड़ो गांवों में पेयजल व्यवस्था राम भरोसे है.

जयपुर. प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब बीजेपी ने आम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी और पानी की किल्लत को लेकर प्रदेश के सभी जिला अखंड मुख्यालय पर बीजेपी का हल्ला बोल आज से शुरू हो रहा है. जो अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा.

बिजली-पानी का मुद्दा : बता दें कि प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी ने बिजली-पानी जो कि आम जनता से जुड़े हुए मुद्दे हैं, उनको लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. बीजेपी प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने बताया कि सरकार की बिजली पानी के वादाखिलाफी के विरोध में 17 मई से 19 मई तक अलग-अलग उपखंड मुख्यालय पर बिजली पानी के संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी. इस दौरान बीजेपी की कोशिश होगी कि आम जनता को इस हल्ला बोल अभियान से जोड़ा जाए ताकि चुनावी माहौल में सरकार के खिलाफ आक्रोश जनता में भी दिखे.

फ्यूल सरचार्ज को लेकर नाराजगी : बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था. उसे कांग्रेस सरकार ने बढाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया. 2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रूपए 55 पैसे हुआ करती थी उसे बढाकर 11 रूपए 90 पैसे कर दी गई है. शर्मा ने कहा था कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती हो रही है, एक तरफ सरकार 23.309 मेगावाट क्षमता बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस बिजली होने की बात कहती है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती कर रही है.

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पीने का पानी नहीं : राम लाल शर्मा ने कहा कि गर्मी शुरू होने के साथ ही प्रदेश की आम जनता को पीने की पानी की किल्लत से दो चार हो रही है. सरकार की दूरदर्शिता का नतीजा है कि मई के महीने में ही पीने के पानी को लेकर आम जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है. शर्मा ने कहा कि पेयजल संकट की स्थिति प्रदेश में बदतर है. 11,440 गांव में पानी के टैंकर भिजवाये गए. लेकिन उनका भुगतान नहीं होने के चलते पेयजल व्यवस्था ठप्प हो गई है. प्रदेश के सैकड़ो गांवों में पेयजल व्यवस्था राम भरोसे है.

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