जयपुर. विधानसभा में दो दिवसीय सत्र में पहले नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. 16वीं विधानसभा में करीब 72 विधायक ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. इस बार विधानसभा में शपथ लेने वाले विधायकों में भाजपा के 46, कांग्रेस के 19 और अन्य 7 विधायक पहली बार बतौर MLA शपथ लेंगे. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा.
भारतीय जनता पार्टी ने अपनी ओर से अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए घोषणा की है. स्पीकर की इस चुनाव प्रक्रिया में बहुमत के आधार पर देवनानी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. सत्र को लेकर विधानसभा प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली है.
पहली बार संभवत: मंत्रिमंडल से पहले शपथ : राजस्थान में यह संभवत: पहला मौका है, जब मंत्रिमंडल के गठन से पहले विधायकों की शपथ हो रही है. यही नहीं, भजनलाल शर्मा पहले ऐसे विधायक होंगे, जो विधायक से पहले मुख्यमंत्री के तौर पर विधानसभा पहुंचेंगे. इसके अलावा एक बार फिर विधानसभा में 200 से कम विधायक यानी सदन में पूरे विधायक नहीं होने वाली बात भी सही साबित हो रही है.
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चुनाव से पहले श्रीगंगानगर की करणपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद 200 में से 199 सीट पर ही मतदान हुआ था. इसके पहले 2018 और 2013 में 199 सीटों पर ही प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव हुए थे. साल 2018 में रामगढ़ के बीएसपी प्रत्याशी लक्ष्मण का निधन हुआ था. इसी तरह से साल 2013 में चूरू से बसपा प्रत्याशी जगदीश मेघवाल का निधन हुआ था. अब करणपुर में अब 5 जनवरी को वोटिंग होगी. इसके बाद जीतकर आए विधायक सदन में स्पीकर के समक्ष शपथ लेंगे.
सदन में नहीं दिखेंगे दोनों दलों के कई दिग्गज : राजस्थान विधानसभा की इस सत्र में राजनीति के कई क्षत्रप नजर नहीं आने वाले हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी से राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया और कैलाश मेघवाल जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं, तो कांग्रेस से सीपी जोशी, बीडी कल्ला, रघु शर्मा और महेश जोशी सदन में नहीं दिखेंगे. 15वीं विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठने वाली कांग्रेस विपक्ष में नजर आएगी और विपक्ष में बैठी भाजपा इस बार सरकार चलाएगी. जाहिर है कि बीते 30 साल से राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा रही है.
विधायक दल के नेता के बिना पहुंचेंगे कांग्रेस एमएलए : विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं होने के कारण विपक्ष के विधायक नेता प्रतिपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन में पहुंचेंगे. जाहिर है कि अभी तक कांग्रेस ने अपने विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया है. इस रेस में सचिन पायलट, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं.