जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बेरोजगारों से जुड़ा सवाल लगाया. इसमें उन्होंने बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकारी और औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने को लेकर सवाल पूछा. हालांकि सवाल के जवाब में मंत्री अशोक चांदना ने साफ किया कि विभागीय स्तर पर वर्तमान में इस तरह का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. उन्होंने विधानसभा में यह कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं को इस संबंध में प्राथमिकता देने के लिए सोच रही है. भविष्य में इस पर पॉलिसी लाने का विचार भी राज्य सरकार का है.
इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी पूछा कि सदन में जब जवाब यह दिया गया है कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का विचार नहीं है तो फिर आपने यह कैसे कहा कि सरकार पॉलिसी ला रही है. इस पर मंत्री अशोक चांदना ने फिर कहा कि फिलहाल इस मामले पर विभाग की ओर से कोई विचार नहीं है लेकिन भविष्य में ऐसी पॉलिसी बनाई जाएगी उसके लिए सरकार सोच रही है.
मंत्री अशोक चांदना ने सदन में यह भी बताया कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर के आंकड़ों का संधारण नहीं किया जाता लेकिन बेरोजगारी दूर करने के लिए रोजगार विभाग रोजगार सहायता शिविरों का आयोजन करता है. इसके तहत जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक कुल 244 जॉब फेयर्स का आयोजन कर 27,687 बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं. सवाल का जवाब देने के बाद मंत्री अशोक चांदना ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के पेट डॉग के मरने पर भी दुख जताया.
विधायक प्रीति शक्तावत ने पूछे ये सवाल
राजस्थान विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक प्रीति शक्तावत ने प्रत्येक ग्राम पंचायत पर सहकारी समिति स्वीकृत किए जाने से जुड़ा सवाल पूछा. उन्होंने पूछा कि अपनी विधानसभा वल्लभनगर में कितनी ग्राम पंचायतें सहकारी समितियों से वंचित हैं. इसपर मंत्री उदयलाल अंजना ने जवाब दिया कि 71 ग्राम पंचायतों में से 38 ग्राम पंचायतों में अभी ग्राम सेवा सहकारी समिति का गठन किया जाना बाकी है.
इस पर विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि जब हमारी सरकार 8 महीने की है तो फिर 2 साल का समय क्यों रखा गया है. इस पर मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि सरकार किसी पार्टी की नहीं होती वह अनवरत चलती रहती है और योजनाएं पूरी होती रहती हैं. वल्लभनगर में नियम पूरे करने के बावजूद सहकारी समितियां नहीं बनाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी जानकारी दी है.
हेमाराम पहले उलझे फिर जवाब से स्पीकर को किया संतुष्ट
राजस्थान विधानसभा में कई अवसर ऐसे आए जब मंत्री सवाल का जवाब देने में हटते हुए दिखाई दिए, लेकिन आज रेवदर विधानसभा से जुड़े वनों के विस्तार को लेकर किए सवाल के जवाब में जब बीते 3 साल को लेकर गलत आंकड़े होने की बात कही गई तो एक बार लगा कि मंत्री हेमाराम आज सवाल में उलझ गए हैं. लेकिन हेमाराम ने आखिरकार सदन को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि मूल्यांकन हर साल का नहीं होता है और अगर किसी को किसी साल में गड़बड़ी के संदेह है तो वह सरकार को लिखकर दे जांच कराई जाएगी.