जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सत्ताधारी दल कांग्रेस या विपक्षी दल भाजपा दोनों ही राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी के प्रयास को लेकर रणनीति बनाने में जुट चुके हैं. बात करें राजस्थान कांग्रेस की तो कांग्रेस पार्टी क्योंकि राजस्थान में सत्ता में है और उसके सामने सबसे बड़ा चैलेंज यही है कि कैसे सालों से चला आ रहा एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की सरकार बनने का सिलसिला टूटे और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो. इस बैठक की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट बैठक में शामिल होते नजर आ रहे हैं, लेकिन दोनों नेताओं के बीच एक कुर्सी का फासले ने सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
सत्ता में वापसी को लेकर रणनीति तैयार करने और टिकट चाहन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हाथ से कांग्रेस पार्टी की राजस्थान इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक राजधानी जयपुर के कांग्रेस वार रूम में हो रही है. बैठक में प्रदेश इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत सभी मेंबर मौजूद रहैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा समेत कमेटी के सभी मेंबर शनिवार को इस पर चर्चा करेंगे कि कैसे टिकट चयन प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और योग्य उम्मीदवारों के नाम के पैनल बनाकर स्क्रीनिंग कमेटी में रखे जाएं, ताकि उन्हें अंतिम मुहर के लिए कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के पास भेजा जा सके.
दरअसल, प्रक्रिया कई चरण में होनी है और इसी प्रदेश इलेक्शन कमेटी के जरिए यह नाम स्क्रीनिंग कमेटी के पास जाएंगे. ऐसे में शनिवार को यह तय होगा कि प्रदेश इलेक्शन कमेटी के मेंबर जिलों में जाकर प्रमुख कांग्रेसी नेताओं से बात करेंगे और वहां कौन सा प्रत्याशी चुनाव में पार्टी को जीत दिला सकता है, इसे लेकर चर्चा करेंगे और पैनल तैयार करेंगे.