जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण को फतह करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत भले ही झोंक रखी हो, लेकिन पार्टियों में बगावत का डर दोनों ही तरफ बना हुआ है. यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की ओर से अभी तक पहली सूची भी जारी नहीं की गई है. इस बीच करीब एक हफ्ते भर पहले भाजपा के 40 नामों की कथित उम्मीदवारों की वायरल सूची ने बवाल मचा दिया है. वायरल सूची के साथ विरोध के स्वर विधानसभा क्षेत्रों से निकलकर भाजपा कार्यालय तक पहुंच रहे हैं. टिकट चाहने वालों के समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि समर्थकों ने पार्टी के बड़े नेताओं तक का विरोध करना शुरू कर दिया है.
बगावत के डर ने रोकी सूची : राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर मरुधरा में चौसर बिछ चुकी है. योद्धाओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारियां की जा रही है, लेकिन बीजेपी में प्रत्याशियों की घोषणा से पहले ही गतिरोध इस कदर बढ़ गया है कि अब पार्टी के बड़े नेताओं को मुख्यालय छोड़कर दूसरी जगह बैठक करनी पड़ रही है. दरअसल, मौजूदा विधायकों और संभावित चेहरों के नाम से असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता बड़ी तादात में पार्टी मुख्यालय पहुंचकर आक्रोश जाहिर कर रहे हैं. टिकट फाइनल करने की माथापच्ची के बीच कार्यकर्ताओं में असंतोष और विरोध के सुर ने प्रदेश नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है. शेखावाटी से लेकर पूर्वी राजस्थान तक अधिकतर सभी जगह खुलकर विरोध सामने आ रहा है.
क्षेत्र से पार्टी मुख्यालय तक विरोध-प्रदर्शन : संभावित सूची को लेकर उठे बवाल ने बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय तक गहमा गहमी बढ़ा दी है. हर दिन किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र से समर्थक पार्टी मुख्यालय पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक अभिनेश महर्षि के विरोध में बड़ी तादात में कार्यकर्ता पहुंचे और महर्षि के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे पहले बुधवार को अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से टिकट हासिल करने के लिए घमासान मचा रहा. पूर्व विधायक जयराम जाटव और दूसरे पक्ष के दावेदार समर्थक कार्यालय पहुंचे. जाटव के सामने उनकी ही बेटी मीना कुमारी भी भाजपा से टिकट मांग रही हैं. यहां दोनों ने जमकर नारेबाजी की और बाद में एक-दूसरे के बीच धक्का मुक्की भी हुई.
भाजपा को नुकसान होने की हिदायत : इसी तरह से अजमेर से बीजेपी विधायक अनिता भदेल को टिकट देने के विरोध में कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय पर धरना दिया. सरदारशहर में एक दावेदार को टिकट मिलने की संभावना के चलते दूसरे दावेदार से जुड़े कई समर्थक बुधवार आधी रात बाद कार्यालय में पहुंच गए. इन लोगों ने वर्षों से भाजपा के लिए काम कर रहे कार्यकर्ता के लिए टिकट की मांग की, ऐसा नहीं होने पर चुनाव में भाजपा को नुकसान होने की हिदायत भी दे दी. वहीं, सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री भी अपने समर्थकों के साथ कार्यालय आए, उन्होंने यहां प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों के सामने विरोध जताया. साथ ही यहां तक कह दिया कि पार्टी किसी दूसरे को टिकट देती है तो सुजानगढ़ के सभी नेता सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे.
आक्रोश के बीच बैठक के लिए बदली जगह : बीजेपी के पार्टी मुख्यालय पर जिस तरह से हर दिन नाराज समर्थकों का हुजूम उमड़ रहा है, उसने पार्टी नेताओं की नींद उड़ा रखी है. हालत यह है कि दो दिन पहले कोर ग्रुप की बैठक के लिए जगह तक बदलनी पड़ी. हमेशा कोर ग्रुप की बैठक भाजपा मुख्यालय पर होती थी, लेकिन समर्थकों की बढ़ती तादात और नाराजगी को देखते हुए गुप्त जगह पर कोर ग्रुप की बैठक की गई. पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी भी पार्टी के भीतर पहली सूची को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. पार्टी की सूची में हो रही देरी और समर्थकों की नाराजगी पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बीजेपी लोकप्रिय पार्टी है. जब बड़ी पार्टी होती है तो कुछ नाराजगी भी सामने आती है, लेकिन पार्टी इन सबको ठीक कर लेगी. उन्होंने कहा कि राजनीति में टाइमिंग सबसे अहम होता है. जब वक्त आएगा, पार्टी उसी के अनुसार उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी.