जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में यूथ कांग्रेस की भूमिका को लेकर शुक्रावर को बैठक हुई. इस दौरान राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उन परिवारों पर जमकर तंज कसा, जो अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट मांग रहे हैं. युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रंधावा ने कहा कि मेरे पास टिकट मांगने के लिए जो आवेदन आ रहे हैं, उनमें बाप मंत्री, बेटा-बेटी अध्यक्ष, उसी परिवार के दूसरे सदस्य अन्य पद पर हैं. अगर एक ही आदमी सब पद ले लेगा तो फिर यह यूथ कांग्रेस का कार्यकर्ता कहां जाएगा?
रंधावा ने कहा कि जब तक बड़े लीडर अपने परिवार को पीछे नहीं करेंगे, कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के लिए मेहनत कैसे करेगा? उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे पिता जब तक राजनीति में एक्टिव थे, उन्होंने मुझे आगे नहीं किया और जब मुझे टिकट दिया तो उन्होंने एक्टिव राजनीति से संन्यास ले लिया. इसी तरीके की सोच कांग्रेस के सीनियर नेताओं को रखनी होगी. अगर नेता अपनी तरफ ही देखते रहेंगे तो वर्कर कांग्रेस पार्टी के लिए क्यों लड़ेगा? कांग्रेस कार्यकर्ता तभी पार्टी के लिए लड़ेगा जब उसे लगेगा कि मेरा भी पार्टी में भविष्य है.
यूथ कांग्रेस का कोटा हमने पहले ही रखा फिक्स : रंधावा ने कहा कि यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को आश्वासन दिया है कि उन्हें भी चुनाव में प्राथमिकता मिलेगी. भले ही आवेदन उनके पास नेताओं के परिवार के सदस्यों के आए हों, लेकिन जिस तरीके से पहले भी कुछ प्रतिशत यूथ कांग्रेस के लिए टिकट रखे जाते थे, उसी तरीके से इस बार भी वह टिकट दिए जाएंगे, ताकि यूथ और फ्यूचर पार्टी में एडजस्ट होता रहे. उन्होंने कहा कि जो भी डिजर्व करेगा उसे टिकट दिया जाएगा. बता दें कि मंत्री गोविंद मेघवाल, मंत्री जाहिदा, विधायक जोगिंदर अवाना, किसान आयोग अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला, गिर्राज सिंह मलिंगा समेत कई नेता ऐसे हैं जिनके बच्चे भी राजनीति में सक्रिय हैं.