जयपुर. राजस्थान विधानसभा में चुनाव में 200 में से 81 विधानसभा क्षेत्र में एक भी महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं हैं, यानि राज्य की साढ़े 40% सीटों पर जनप्रतिनिधित्व के मामले में महिला की अपेक्षा पुरुषों का वर्चस्व नजर आता है. यही नहीं पिछले चुनाव के मुकाबले महिला प्रत्याशियों की संख्या में भी कमी हुई है.
यहां नहीं हैं महिला प्रत्याशी : राज्य में किशनगढ़, मसूदा, तिजारा, बहरोड, रामगढ़, घाटोल, बांसवाड़ा, बायतू, पचपदरा, सिवाना, चौहटन, नगर, भरतपुर, आसींद, मांडल, सहाड़ा, शाहपुरा, लूणकरणसर, हिंडौली, कपासन, बेगूं, चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, बड़ी सादड़ी, चूरू, सरदारशहर, लालसोट, आसपुर, सागवाड़ा, चौरासी, पीलीबंगा, नोहर, भादरा, शाहपुरा, फुलेरा, दूदू, आमेर, झोटवाड़ा, किशनपोल, जैसलमेर में एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है.
इसी तरह भीनमाल, जालोर, सांचौर, रानीवाड़ा, डग, मनोहरथाना, पिलानी, नवलगढ़, फलोदी, लोहावट, लूणी, पीपल्दा, सांगोद, कोटा उत्तर, रामगंजमंडी, लाडनूं, डीडवाना, खींवसर, परबतसर, नावां, पाली, बाली, सुमेरपुर, धरियावद, प्रतापगढ़, भीम, कुंभलगढ़, नाथद्वारा, गंगापुर सिटी, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, सीकर, सिरोही, पिंडवाड़ा, मालपुरा, टोंक, देवली-उनियारा, गोगुंदा, उदयपुर ग्रामीण, मावली और सलूंबर में एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है.
पिछली बार के मुकाबले 6 महिला प्रत्याशी कम : 2018 के चुनाव के मुकाबले इस बार 6 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में कम उतरीं हैं, जबकि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बाद आधी आबादी को अपने प्रतिनिधित्व में इजाफे की उम्मीद थी. पिछले चुनाव में ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा 189 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में थीं, इस बार इनकी संख्या 183 है, जो पिछले बार के मुकाबले 6 कम है. साल 2018 में कुल 2294 प्रत्याशियों में से 189 यानि 8.23% महिला प्रत्याशी मुकाबले में थीं, जिनमें से 24 यानि 12.69% महिलाएं जीतीं थी. जीत हासिल करने वाली महिला प्रत्याशियों का महज 1.04 फीसदी रहा था. इस बार 1875 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 1692 पुरुष और 183 महिला प्रत्याशी हैं. इस हिसाब से चुनावी मुकाबले में उतरे प्रत्याशियों में से महज 9.76 फीसदी ही महिला प्रत्याशी हैं.