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Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा ने थामा भाजपा का दामन

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व कांग्रेस नेत्री ज्योति मिर्धा और सवाई सिंह चौधरी राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए.

Rajasthan Assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2023, 2:13 PM IST

भाजपा में शामिल हुईं पूर्व कांग्रेस नेत्री ज्योति मिर्धा

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के दिग्गज पूर्व जाट नेता व पूर्व सांसद नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया. ज्योति मिर्धा पूर्व में कांग्रेस की टिकट पर नागौर से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन सोमवार को उन्होंने कांग्रेस से अपने सभी नाते तोड़ दिए और भाजपा में शामिल हो गईं. ज्योति मिर्धा ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस में उन्हें घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए वो भाजपा में शामिल हुई हैं और अब पार्टी की सच्चे सिपाही की तरह काम करेंगी.

कांग्रेस में हो रही थी घुटन - भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यहां सुशासन देने की बात थी, लेकिन गहलोत सरकार इसमें पूरी तरह से विफल हो चुकी है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. लगातार पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया. उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बुलाया, उनसे बातें की. साथ ही उन्हें पार्टी में शामिल होने को कहा, जिस पर वो राजी हुईं और राज्य में पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जताई.

इसे भी पढ़ें - मिर्धा परिवार में 'फूट' के कयास पर ज्योति का जवाब, कहा- हम सब एक हैं

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अब नेता और कार्यकर्ताओं की जिस तरह से अनदेखी हो रही है, उससे वहां काम करने की कोई गुंजाइश नहीं है. मिर्धा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया, लेकिन अब उन्हें कांग्रेस में घुटन महसूस होने लगी थी. ऐसे में राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हैं. पार्टी के आगे की जो दिशा निर्देश होंगे, वो उसके अनुसार निस्वार्थ भाव से काम करेंगी. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन पर जो विश्वास जाता है, वो उस पर सौ फीसद खरा उतरने की कोशिश करूंगी.

जाट समाज में मजबूत पकड़ - ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि जाट समुदाय में मिर्धा परिवार का दबदबा माना जाता है. बता दें कि प्रदेश के जाट समुदाय में मिर्धा परिवार की अच्छी पकड़ है. पिछले लोकसभा चुनाव में मिर्धा को भाजपा और आरएलपी के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने हराया था. उससे पहले 2009 में ज्योति नागौर से कांग्रेस की सांसद रही हैं. वहीं, साल 2019 में कांग्रेस ने नागौर सीट से ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारा था, उनके सामने भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के गठबंधन में रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल थे, जिन्होंने उन्हें हरा दिया था. इस बार हनुमान बेनीवाल ने दावा किया है कि वो इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस के साथ कोई गठजोड़ नहीं करेंगे. ऐसे में माना जा सकता है कि भाजपा ज्योति मिर्धा को नागौर से लोकसभा उम्मीदवार बना सकती है.

भाजपा में शामिल हुईं पूर्व कांग्रेस नेत्री ज्योति मिर्धा

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के दिग्गज पूर्व जाट नेता व पूर्व सांसद नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया. ज्योति मिर्धा पूर्व में कांग्रेस की टिकट पर नागौर से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन सोमवार को उन्होंने कांग्रेस से अपने सभी नाते तोड़ दिए और भाजपा में शामिल हो गईं. ज्योति मिर्धा ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस में उन्हें घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए वो भाजपा में शामिल हुई हैं और अब पार्टी की सच्चे सिपाही की तरह काम करेंगी.

कांग्रेस में हो रही थी घुटन - भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यहां सुशासन देने की बात थी, लेकिन गहलोत सरकार इसमें पूरी तरह से विफल हो चुकी है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. लगातार पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया. उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बुलाया, उनसे बातें की. साथ ही उन्हें पार्टी में शामिल होने को कहा, जिस पर वो राजी हुईं और राज्य में पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जताई.

इसे भी पढ़ें - मिर्धा परिवार में 'फूट' के कयास पर ज्योति का जवाब, कहा- हम सब एक हैं

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अब नेता और कार्यकर्ताओं की जिस तरह से अनदेखी हो रही है, उससे वहां काम करने की कोई गुंजाइश नहीं है. मिर्धा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया, लेकिन अब उन्हें कांग्रेस में घुटन महसूस होने लगी थी. ऐसे में राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हैं. पार्टी के आगे की जो दिशा निर्देश होंगे, वो उसके अनुसार निस्वार्थ भाव से काम करेंगी. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन पर जो विश्वास जाता है, वो उस पर सौ फीसद खरा उतरने की कोशिश करूंगी.

जाट समाज में मजबूत पकड़ - ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि जाट समुदाय में मिर्धा परिवार का दबदबा माना जाता है. बता दें कि प्रदेश के जाट समुदाय में मिर्धा परिवार की अच्छी पकड़ है. पिछले लोकसभा चुनाव में मिर्धा को भाजपा और आरएलपी के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने हराया था. उससे पहले 2009 में ज्योति नागौर से कांग्रेस की सांसद रही हैं. वहीं, साल 2019 में कांग्रेस ने नागौर सीट से ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारा था, उनके सामने भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के गठबंधन में रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल थे, जिन्होंने उन्हें हरा दिया था. इस बार हनुमान बेनीवाल ने दावा किया है कि वो इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस के साथ कोई गठजोड़ नहीं करेंगे. ऐसे में माना जा सकता है कि भाजपा ज्योति मिर्धा को नागौर से लोकसभा उम्मीदवार बना सकती है.

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