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जनता में राजतिलक करने की शक्ति है, तो उसी जनता में मुकुट उतारने की शक्ति भी है : गोपाल शर्मा - BJP candidate Gopal Sharma

जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे गोपाल शर्मा को प्रताप सिंह खाचरियावास के सामने चुनावी मैदान में उतारा है. गोपाल शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जनता से ऊपर कोई नहीं है. जो राजतिलक कर सकती है, वो मुकुट भी उतार सकती है.

Rajasthan assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 5, 2023, 11:08 PM IST

Updated : Nov 6, 2023, 3:02 PM IST

गोपाल शर्मा को सिविल लाइंस विधानसभा सीट से उतारा

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर नॉमिनेशन फाइल करने का आखिरी दिन सोमवार को रहेगा. इससे पहले बीजेपी ने रविवार को 15 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ की. इसमें बहु प्रतीक्षित सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे गोपाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास होंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में गोपाल शर्मा ने कहा है कि जिस जनता में राजतिलक करने की शक्ति है, उसी जनता में मुकुट उतारने की शक्ति भी है, इसलिए उस जनता से ऊपर कोई नहीं.

राष्ट्रवाद बनाम राजद्रोह की लड़ाई : लगातार सांगानेर विधानसभा सीट से तैयारी कर रहे गोपाल शर्मा ने सांगानेर से भजनलाल शर्मा को टिकट मिलने के बाद अपना प्रचार थाम लिया था. अब सांगानेर की बजाय उन्हें सिविल लाइंस से भाग्य आजमाने का मौका मिला है. इस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में गोपाल शर्मा ने कहा कि ये सीधी-सीधी भ्रष्टाचार बनाम ईमानदारी, अहंकार बनाम विनम्रता, राष्ट्रवाद बनाम राजद्रोह की लड़ाई है. उनके लिए नेशन फर्स्ट है. जो लोग लड़ाने, भिड़ाने, भड़काने, लोगों को परेशान करने का काम करते हैं, उनके खिलाफ वो खड़े हैं.

पढ़ें. किशनपोल से चंद्रमनोहर होंगे बीजेपी की कैंडिडेट, बोले पलायन को रोकने का करेंगे प्रयास

जनता से ऊपर कोई नहीं : पहले इस सीट पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का नाम तय माना जा रहा था, जिनका टिकट काटते हुए गोपाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. इस पर शर्मा ने कहा कि अरुण चतुर्वेदी उनके भाई हैं. वो उनके मार्गदर्शन के साथ ही आगे बढ़ेंगे. पार्टी ने अरुण चतुर्वेदी के लिए कोई बड़ी जिम्मेदारी सोच रखी होगी. प्रताप सिंह खाचरियावास से कंपटीशन पर गोपाल शर्मा ने कहा कि खाचरियावास उनके लिए छोटे भाई की तरह हैं. जहां तक बड़े नाम का सवाल है तो जिस जनता में राजतिलक करने की शक्ति है, उसी जनता में मुकुट उतारने की शक्ति भी है, इसलिए जनता से ऊपर कोई नहीं.

देश ने कभी अहंकार को स्वीकार नहीं किया : उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह का कोई अहंकार है तो इस देश ने कभी अहंकार को स्वीकार नहीं किया. वो खुद जनता के चरणों में सिर झुकाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक पैराशूट बताने का सवाल है तो जो उन्हें पैराशूट बता रहे हैं, वो ये नहीं जानते कि उनसे पहले से वो सिविल लाइंस के निवासी हैं. बहुत कम लोग ये जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का प्रधान कार्यालय में रहने से ही उनकी शुरुआत हुई है. ऐसे में यदि वो सिविल लाइंस के नहीं हैं, तो कौन होगा?

पढ़ें. 10 वर्षीय विजन के साथ चुनाव मैदान में डॉ. सुभाष गर्ग, बोले-एजुकेशन, मेडिकल और टूरिस्ट हब प्राथमिकता

गोपाल शर्मा ने कहा कि वो 40 साल से जयपुर में पत्रकारिता कर रहे हैं. इस दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई, जिसका खुलासा करने में उनकी सक्रिय भूमिका नहीं रही हो. उन्हीं के कारण कांग्रेस के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, आईएएस को जेल की सजा काटनी पड़ी है, इसलिए उनके मुद्दे वही हैं, जो जनता के मुद्दे हैं. वो चाहते हैं कि गरीब आदमी सचिवालय में स्वाभिमान से सिर ऊंचा करके जाए. रात को कोई भूखा न सोए और जनता को लगना चाहिए कि ये देश उनका है और उन्हीं के वोटों से सरकार चलती है. बहरहाल, गोपाल शर्मा के सामने कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की चुनौती है. उनके अलावा भी 6 कैंडिडेट ऐसे हैं, जो चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाने के लिए उतरे हैं. ऐसे में देखना होगा कि आखिर बीजेपी की ओर से उतारे गए इस नए चेहरे को जनता का कितना समर्थन मिलता है.

गोपाल शर्मा को सिविल लाइंस विधानसभा सीट से उतारा

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर नॉमिनेशन फाइल करने का आखिरी दिन सोमवार को रहेगा. इससे पहले बीजेपी ने रविवार को 15 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ की. इसमें बहु प्रतीक्षित सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे गोपाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास होंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में गोपाल शर्मा ने कहा है कि जिस जनता में राजतिलक करने की शक्ति है, उसी जनता में मुकुट उतारने की शक्ति भी है, इसलिए उस जनता से ऊपर कोई नहीं.

राष्ट्रवाद बनाम राजद्रोह की लड़ाई : लगातार सांगानेर विधानसभा सीट से तैयारी कर रहे गोपाल शर्मा ने सांगानेर से भजनलाल शर्मा को टिकट मिलने के बाद अपना प्रचार थाम लिया था. अब सांगानेर की बजाय उन्हें सिविल लाइंस से भाग्य आजमाने का मौका मिला है. इस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में गोपाल शर्मा ने कहा कि ये सीधी-सीधी भ्रष्टाचार बनाम ईमानदारी, अहंकार बनाम विनम्रता, राष्ट्रवाद बनाम राजद्रोह की लड़ाई है. उनके लिए नेशन फर्स्ट है. जो लोग लड़ाने, भिड़ाने, भड़काने, लोगों को परेशान करने का काम करते हैं, उनके खिलाफ वो खड़े हैं.

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जनता से ऊपर कोई नहीं : पहले इस सीट पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का नाम तय माना जा रहा था, जिनका टिकट काटते हुए गोपाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. इस पर शर्मा ने कहा कि अरुण चतुर्वेदी उनके भाई हैं. वो उनके मार्गदर्शन के साथ ही आगे बढ़ेंगे. पार्टी ने अरुण चतुर्वेदी के लिए कोई बड़ी जिम्मेदारी सोच रखी होगी. प्रताप सिंह खाचरियावास से कंपटीशन पर गोपाल शर्मा ने कहा कि खाचरियावास उनके लिए छोटे भाई की तरह हैं. जहां तक बड़े नाम का सवाल है तो जिस जनता में राजतिलक करने की शक्ति है, उसी जनता में मुकुट उतारने की शक्ति भी है, इसलिए जनता से ऊपर कोई नहीं.

देश ने कभी अहंकार को स्वीकार नहीं किया : उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह का कोई अहंकार है तो इस देश ने कभी अहंकार को स्वीकार नहीं किया. वो खुद जनता के चरणों में सिर झुकाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक पैराशूट बताने का सवाल है तो जो उन्हें पैराशूट बता रहे हैं, वो ये नहीं जानते कि उनसे पहले से वो सिविल लाइंस के निवासी हैं. बहुत कम लोग ये जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का प्रधान कार्यालय में रहने से ही उनकी शुरुआत हुई है. ऐसे में यदि वो सिविल लाइंस के नहीं हैं, तो कौन होगा?

पढ़ें. 10 वर्षीय विजन के साथ चुनाव मैदान में डॉ. सुभाष गर्ग, बोले-एजुकेशन, मेडिकल और टूरिस्ट हब प्राथमिकता

गोपाल शर्मा ने कहा कि वो 40 साल से जयपुर में पत्रकारिता कर रहे हैं. इस दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई, जिसका खुलासा करने में उनकी सक्रिय भूमिका नहीं रही हो. उन्हीं के कारण कांग्रेस के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, आईएएस को जेल की सजा काटनी पड़ी है, इसलिए उनके मुद्दे वही हैं, जो जनता के मुद्दे हैं. वो चाहते हैं कि गरीब आदमी सचिवालय में स्वाभिमान से सिर ऊंचा करके जाए. रात को कोई भूखा न सोए और जनता को लगना चाहिए कि ये देश उनका है और उन्हीं के वोटों से सरकार चलती है. बहरहाल, गोपाल शर्मा के सामने कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की चुनौती है. उनके अलावा भी 6 कैंडिडेट ऐसे हैं, जो चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाने के लिए उतरे हैं. ऐसे में देखना होगा कि आखिर बीजेपी की ओर से उतारे गए इस नए चेहरे को जनता का कितना समर्थन मिलता है.

Last Updated : Nov 6, 2023, 3:02 PM IST
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