जयपुर. मरुधरा में पांच साल बाद चुनावी रणभेरी फिर बज गई है. सियासत अपने परवान पर है. प्रदेश भर में विधानसभा चुनाव का रंग तेजी से चढ़ रहा है. वैसे तो हर बार की तरह इस बार भी सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में है, लेकिन स्थानीय और बाहरी पार्टियों की एंट्री ने गठबंधन के संकेतों के साथ मुकाबले को रोचक बना दिया है. आरएलपी और आम आदमी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन होने की चर्चाएं है तो, वहीं भाजपा के साथ जननायक जनता पार्टी और शिवसेना के साथ गठबंधन की संभावना थी. हालांकि भाजपा की पहली प्रत्याशियों की सूची जारी पर जेजेपी और शिवसेना का गठबंधन करने का खुमार उत्तर गया. भाजपा ने जेजेपी और शिवसेना की प्रमुख दावेदारी वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.
टूटा गठबंधन का खुमार: राजस्थान विधानसभा चुनाव में हरियाणा की जननायक जनता पार्टी का भाजपा से गठबंधन का खुमार टूटने के बाद अब अकेले चुनावी मैदान में उत्तर रही है. शेखावाटी में जमीन मजबूत करने में जुटी जेजेपी को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब बीजेपी ने अपनी 41 प्रत्याशियों की पहली सूची में उन दनों सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए जहां जेजेपी अपनी मजबूती का दावा कर गठबंधन की आस लगाए हुए थी.
भाजपा ने दातारामगढ़ से गजानंद कुमावत और फतेहपुर से श्रवण सिंह चौधरी को मैदान में उतार दिया है. बीजेपी की घोषणा के साथ अब जेजेपी ने भी इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतरने के साथ दो अपनी मजबूत सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए. फतेहपुर से नंदकिशोर महरिया और दांतारामगढ़ से रिटा सिंह को चुनावी मैदान मे उतारा है. उम्मीदवार घोषित करने के साथ अजय चौटाला ने अपनी उसी बात को दोहराया कि हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान की विधानसभा का ताला इस बार जेजेपी की चाबी खोलने का काम करेगी.
अन्य राज्यों में गठबंधन, लेकिन यहां आमने-सामने: हरियाणा में भले ही जेजेपी और भाजपा गठबंधन के साथ हो, लेकिन राजस्थान में दोनों ही दल आमने-सामने हैं. राजस्थान की उदयपुरवाटी से चर्चाएं थी कि भाजपा शिवसेना के साथ मिल कर चुनाव लड़ सकती है. कांग्रेस सरकार में लाल डायरी को लेकर विवाद में आने के बाद मंत्री पद गवाने वाले राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. लेकिन 41 प्रत्याशी की सूची में बीजेपी ने उदयपुरवाटी से शुभकरण चौधरी को मैदान में उतार गठबंधन की चर्चों पर विराम लगा दिया.
साल 2023 के चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के साथ उन राजनीतिक दलों का भी सामना करेंगी जिनके साथ उनका अन्य राज्यों में गठबंधन है. बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग प्रस्थितियां हैं. लेकिन राजस्थान में सभी 200 विधानसभा सीटों पर भाजपा मजबूत है. यहां किसी तरह का कोई गठबंधन करने की जरूरत नहीं है. इस बार बड़े बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने जा रही है.
पति पत्नी होंगे आमने सामने : विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन का खुमार टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी ने शेखावाटी में पूरी शिद्दत के साथ चुनाव अभियान में जुटी हुई है. फतेहपुर और दातारामगढ़ विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित किए हैं. खास बात है कि इनमें से जेजेपी ने दातारामगढ़ से कांग्रेस से सीकर जिला प्रमुख रह चुकी है. रीटा सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है. रीटा सिंह के ससुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नारायण सिंह दांतारामगढ़ सीट से कई बार विधायक रहे हैं. वर्तमान में नारायण सिंह के पुत्र वीरेन्द्र सिंह यहां से कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं, भाजपा ने दातारामगढ़ से गजानन्द कुमावत प्रत्याशी को घोषित कर दिया है, जबकि कांग्रेस की टिकट मौजूदा विधायक वीरेन्द्र सिंह को मिलने की संभावना है. रीटा सिंह और वीरेंद्र सिंह पति पत्नी है. अब कांग्रेस वीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित करती है तो चुनाव मैदान में पति-पत्नी के आमने-सामने होंगे.