जयपुर. राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी सधी हुई रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है. यही वजह है कि टिकट वितरण से पहले बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने विधानसभा सीटों की सियासी नब्ज टटोलने के लिए अलग- अलग राज्यों के 200 विधायकों की फौज को राजस्थान में उतार दिया है.
ये सभी अगले एक सप्ताह में प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों में प्रवास करते हुए फीडबैक रिपोर्ट तैयार करेंगे. ये रिपोर्ट सीधे केंद्रीय नेतृत्व को दी जाएगी. माना जा सकता है कि टिकट वितरण में इस रिपोर्ट का भी बड़ा महत्व होगा, क्योंकि ये रिपोर्ट दावेदारों के साथ ही विधानसभा सीट की सामाजिक और राजनितिक दृष्टिकोण से तैयार होगी.
पांच राज्यों के 200 विधायकः राजस्थान में सत्ता पाने के लिए बीजेपी अलग अलग एक्शन प्लान के तहत काम कर रही है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की सियासी नब्ज टटोलने और राज्य की 200 सीटों की सटीक रिपोर्ट तैयार करने के लिए अलग अलग राज्यों के 200 विधायकों को राजस्थान भेजा गया है. केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भेजे गए 200 विधायक दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से आए हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की रिती - नीति होती है, अल्पकालीन प्रवास के तौर पर राजस्थान के विधायक गुजरात , उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के चुनाव में जाते हैं . इसी तरह 1 सप्ताह के अल्पकालीन प्रवास के लिए अलग-अलग राज्यों के 200 विधायक राजस्थान आए हैं. ये सभी विधायक एक-एक विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे. बूथ स्तर तक बैठक करेंगे अन्य राज्यों की स्थिति और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. साथ ही सभी विधायक अपने अपने राज्यों में भाजपा सरकार की ओर से किए जा रहे कामकाज को भी जनता के बीच रखेंगे. तुलनात्मक अध्ययन कराएंगे कि किस तरह से राजस्थान सरकार अन्य राज्यों से पीछे है.
रिपोर्ट होगी तैयारः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीधे तौर पर तो नहीं , लेकिन इस बात को भी स्वीकारा कि जब ये सभी विधायक विधानसभा क्षेत्र में प्रवास करेंगे तो वहां की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का भी आकलन करेंगे . उस विधानसभा क्षेत्र में क्या जातिगत समीकरण है , वहां का उम्मीदवार कितना मजबूत है और बीजेपी किस स्थिति में है? इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे. राठौड़ ने कहा कि निश्चित रूप से जब केंद्रीय नेतृत्व आगामी चुनाव को लेकर अपना कोई भी निर्णय लेगा तो उसमें इस रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा जाएगा . माना जा सकता है कि विधानसभा चुनाव को लेकर जो टिकट बांटे जाएंगे इसमें इन विधायकों की रिपोर्ट को खास महत्व दिया जा सकता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 7 दिन में ये विधायक राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से उस विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी किस तरह से जीत सकती है, उसका आंकलन करेंगे.