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वकीलों को मिला सुरक्षा का अधिकार, विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 हुआ पास - Rajendra Rathore on advocate protection bill

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को वकीलों की सुरक्षा का कानून 'राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023' पास हो गया. बिल को संसोधन कर पास किया गया है.

Rajasthan Advocates Protection Bill 2023 passed in Rajasthan Assembly
वकीलों को मिला सुरक्षा का अधिकार, विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 हुआ पास
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Published : Mar 21, 2023, 7:17 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 10:09 PM IST

राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 हुआ पास

जयपुर. प्रदेश के वकीलों को सुरक्षा का अधिकार मिल गया है. लम्बे समय से चल रही वकीलों की सुरक्षा कानून की मांग अब पूरी हो गई है. विधानसभा में मंगलवार को राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 पास हो गया. इस विधेयक का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान की रोकथाम के लिए लाया गया है. बता दें कि सुरक्षा अधिकार की मांग को लेकर गत 20 फरवरी से वकीलों की ओर से प्रदेशभर में सभी अदालतों में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया जा रहा था.

संशोधन के साथ बिल हुआ पास: विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2023 को संशोधन के बाद बहुमत के साथ पास कर दिया गया. इससे पहले विधि मंत्री शांति धारीवाल ने बिल को लेकर आये सुझावों पर कहा कि जो भी सुझाव आये हैं, उनके आधार पर संशोधन करके बिल को पेश किया गया है. धारीवाल ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी निशने पर लिया. उन्होंने कहा कि सदन में आपने गलतबयानी की है. गैरजमानती प्रावधान 3 साल की सजा या उससे अधिक पर होता है. बिल में 3 साल की सजा या उससे अधिक का प्रावधान था, लेकिन वकीलों के कहने इसमें सजा का प्रावधान 2 साल किया गया है.

पढ़ें: एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में संशोधन के लिए वकीलों ने प्रमुख विधि सचिव से की वार्ता

धारीवाल ने कहा कि सदन में बैठे कई सदस्यों ने इस बिल को पढ़ा ही नहीं. वह सब नियम तो इस बिल में पहले से ही जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि जिनके लिए कानून लाया जा रहा था, उनमें से किसी अधिवक्ता को आपत्ति नहीं है, लेकिन सदन में बैठे सदस्य मांग उठा रहे हैं कि जनमत जानने के लिए 6 महीने के लिए बिल को रोका जाए. धारीवाल ने उपनेता प्रतिपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप ही बता दो इस बिल के पक्ष में हो या विरोध में स्पष्ट करें. अगर आप इस बिल के पक्ष में हो, तो फिर जन्नत जाने के लिए क्यों कहा. इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम इस बिल को और ज्यादा ठीक करना चाहते हैं, इसलिए जनमत जानने के लिए कह रहे हैं.

अधिवक्ता संरक्षण विधेयक के मुख्य बिंदु

  1. सदन से संशोधित रूप में पारित विधेयक अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए अलग से कानून लाने वाला राजस्थान बना पहला राज्य.
  2. अब किसी भी अधिवक्ता के विरूद्ध हिंसा करना होगा गैर जमानती अपराध.
  3. 7 साल तक की सज़ा और जुर्माने का किया गया प्रावधान. कोई व्यक्ति अगर अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो आरोपी से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल कर अधिवक्ता को दिलाने का भी है प्रावधान.
  4. अब कहीं भी अधिवक्ता के साथ हिंसा होने पर लागू होगा एक्ट.
  5. पहले इसे न्यायालय परिसर तक ही किया गया था सीमित. लेकिन आज एक्ट की धारा-3 को किया गया संशोधित.
  6. अब अधिवक्ता के कार्य के संबंध अगर हिंसा होती है तो एक्ट के प्रावधान उस पर लागू होंगे.

पढ़ें: Advocates protection act: राजस्थान हाईटकोर्ट ने बार एसोसिएशन से न्यायिक कार्य बहिष्कार को लेकर मांगा जवाब

एक महीने से थे हड़ताल पर: बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के सदस्य गुजराज चौहान के साथ आसोप थाने में मारपीट और एक अन्य वकील के साथ चैपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस की ओर से दुर्व्यवहार के विरोध में सभी वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. वकीलों की नाराजगी थी कि आए दिन उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही हैं. वकीलों के लिए जब तक सुरक्षा कानून नहीं बन जाता, तब तक उनके साथ होने वाली घटनाएं नहीं रुकने वाली. प्रदेश में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो इसको लेकर पिछले 1 महीने से प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा वकील हड़ताल पर थे.

राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 हुआ पास

जयपुर. प्रदेश के वकीलों को सुरक्षा का अधिकार मिल गया है. लम्बे समय से चल रही वकीलों की सुरक्षा कानून की मांग अब पूरी हो गई है. विधानसभा में मंगलवार को राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 पास हो गया. इस विधेयक का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान की रोकथाम के लिए लाया गया है. बता दें कि सुरक्षा अधिकार की मांग को लेकर गत 20 फरवरी से वकीलों की ओर से प्रदेशभर में सभी अदालतों में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया जा रहा था.

संशोधन के साथ बिल हुआ पास: विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2023 को संशोधन के बाद बहुमत के साथ पास कर दिया गया. इससे पहले विधि मंत्री शांति धारीवाल ने बिल को लेकर आये सुझावों पर कहा कि जो भी सुझाव आये हैं, उनके आधार पर संशोधन करके बिल को पेश किया गया है. धारीवाल ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी निशने पर लिया. उन्होंने कहा कि सदन में आपने गलतबयानी की है. गैरजमानती प्रावधान 3 साल की सजा या उससे अधिक पर होता है. बिल में 3 साल की सजा या उससे अधिक का प्रावधान था, लेकिन वकीलों के कहने इसमें सजा का प्रावधान 2 साल किया गया है.

पढ़ें: एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में संशोधन के लिए वकीलों ने प्रमुख विधि सचिव से की वार्ता

धारीवाल ने कहा कि सदन में बैठे कई सदस्यों ने इस बिल को पढ़ा ही नहीं. वह सब नियम तो इस बिल में पहले से ही जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि जिनके लिए कानून लाया जा रहा था, उनमें से किसी अधिवक्ता को आपत्ति नहीं है, लेकिन सदन में बैठे सदस्य मांग उठा रहे हैं कि जनमत जानने के लिए 6 महीने के लिए बिल को रोका जाए. धारीवाल ने उपनेता प्रतिपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप ही बता दो इस बिल के पक्ष में हो या विरोध में स्पष्ट करें. अगर आप इस बिल के पक्ष में हो, तो फिर जन्नत जाने के लिए क्यों कहा. इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम इस बिल को और ज्यादा ठीक करना चाहते हैं, इसलिए जनमत जानने के लिए कह रहे हैं.

अधिवक्ता संरक्षण विधेयक के मुख्य बिंदु

  1. सदन से संशोधित रूप में पारित विधेयक अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए अलग से कानून लाने वाला राजस्थान बना पहला राज्य.
  2. अब किसी भी अधिवक्ता के विरूद्ध हिंसा करना होगा गैर जमानती अपराध.
  3. 7 साल तक की सज़ा और जुर्माने का किया गया प्रावधान. कोई व्यक्ति अगर अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो आरोपी से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल कर अधिवक्ता को दिलाने का भी है प्रावधान.
  4. अब कहीं भी अधिवक्ता के साथ हिंसा होने पर लागू होगा एक्ट.
  5. पहले इसे न्यायालय परिसर तक ही किया गया था सीमित. लेकिन आज एक्ट की धारा-3 को किया गया संशोधित.
  6. अब अधिवक्ता के कार्य के संबंध अगर हिंसा होती है तो एक्ट के प्रावधान उस पर लागू होंगे.

पढ़ें: Advocates protection act: राजस्थान हाईटकोर्ट ने बार एसोसिएशन से न्यायिक कार्य बहिष्कार को लेकर मांगा जवाब

एक महीने से थे हड़ताल पर: बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के सदस्य गुजराज चौहान के साथ आसोप थाने में मारपीट और एक अन्य वकील के साथ चैपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस की ओर से दुर्व्यवहार के विरोध में सभी वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. वकीलों की नाराजगी थी कि आए दिन उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही हैं. वकीलों के लिए जब तक सुरक्षा कानून नहीं बन जाता, तब तक उनके साथ होने वाली घटनाएं नहीं रुकने वाली. प्रदेश में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो इसको लेकर पिछले 1 महीने से प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा वकील हड़ताल पर थे.

Last Updated : Mar 21, 2023, 10:09 PM IST
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