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ACB का U-turn: भ्रष्टाचार के आरोपी की पहचान छुपाने वाला आदेश लिया वापस

राजस्थान एसीबी की ओर से ट्रैप किए गए कर्मचारी और अधिकारियों के फोटो और नाम उजागर नहीं करने के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी के 4 जनवरी के आदेश को शुक्रवार को वापस ले लिया गया (Rajasthan ACB withdraws disputed order) है. इस आदेश को लेकर सरकार और विपक्ष ने घोर ​आपत्ति जताई थी. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फटकार के बाद आदेश वापस लिया गया है.

ACB withdrew order of hiding identity of trapped officials
ACB का U-turn: भ्रष्टचार के आरोपी की पहचान छुपाने वाला आदेश लिया वापस
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Published : Jan 6, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Jan 7, 2023, 8:39 AM IST

जयपुर. राजस्थान एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने गत 4 जनवरी को ट्रैपशुदा आरोपी व संदिग्ध व्यक्ति की फोटो और नाम उजागर नहीं करने को लेकर जो आदेश जारी किया था, उसे भारी विरोध के चलते आज वापस ले लिया (ACB withdraws disputed order) गया. शुक्रवार शाम को हेमंत प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने के आदेश जारी कर दिए. आदेश वापस लेने के बाद से एसीबी ने ट्रैप किए जाने वाले आरोपी की फोटो और नाम प्रेसनोट में देना भी शुरू कर दिया है. सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आदेश को लेकर हेमंत प्रियदर्शी को फटकार लगाते हुए उसे वापस लेने के लिए कहा. जिसपर आदेश को वापस लिया गया है.

सरकार और विपक्ष दोनों ने जताई थी नाराजगी: प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को जब ट्रैपशुदा आरोपी व संदिग्ध व्यक्ति की फोटो और नाम उजागर नहीं करने को लेकर आदेश जारी किया था, तब से ही उस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया था. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक ने इस आदेश को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके साथ ही आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी इस आदेश का विरोध किया था. वहीं गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उदयपुर में इस आदेश को लेकर जयपुर जाने के बाद रिव्यू करने और आदेश को वापस लेने की बात कही थी. आदेश को लेकर जब विरोध लगातार बढ़ने लगा, तब आज जाकर इसे वापस लेने का निर्णय किया गया.

ACB withdraws disputed order
एसीबी ने वापस लिया विवादित आदेश...

पढ़ें: एसीबी का बड़ा फैसला: राजस्थान में भ्रष्टाचारियों के नाम और फोटो अब नहीं होंगे उजागर

इस आदेश को लिया गया वापस: एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को यह आदेश जारी किया था की एसीबी टीम द्वारा किसी भी व्यक्ति को ट्रैप करने के बाद जब तक न्यायालय उस व्यक्ति को दोषी साबित नहीं कर देता, तब तक उस व्यक्ति की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा. उस व्यक्ति की फोटो और नाम किसी व्यक्ति या विभाग में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है उस विभाग का नाम और व्यक्ति के पदनाम के बारे में मीडिया को जानकारी दी जाएगी. एसीबी की कस्टडी में जो भी आरोप या संदिग्ध व्यक्ति होगा उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की रक्षा की जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी या अनुसंधान अधिकारी की होगी.

जयपुर. राजस्थान एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने गत 4 जनवरी को ट्रैपशुदा आरोपी व संदिग्ध व्यक्ति की फोटो और नाम उजागर नहीं करने को लेकर जो आदेश जारी किया था, उसे भारी विरोध के चलते आज वापस ले लिया (ACB withdraws disputed order) गया. शुक्रवार शाम को हेमंत प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने के आदेश जारी कर दिए. आदेश वापस लेने के बाद से एसीबी ने ट्रैप किए जाने वाले आरोपी की फोटो और नाम प्रेसनोट में देना भी शुरू कर दिया है. सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आदेश को लेकर हेमंत प्रियदर्शी को फटकार लगाते हुए उसे वापस लेने के लिए कहा. जिसपर आदेश को वापस लिया गया है.

सरकार और विपक्ष दोनों ने जताई थी नाराजगी: प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को जब ट्रैपशुदा आरोपी व संदिग्ध व्यक्ति की फोटो और नाम उजागर नहीं करने को लेकर आदेश जारी किया था, तब से ही उस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया था. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक ने इस आदेश को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके साथ ही आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी इस आदेश का विरोध किया था. वहीं गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उदयपुर में इस आदेश को लेकर जयपुर जाने के बाद रिव्यू करने और आदेश को वापस लेने की बात कही थी. आदेश को लेकर जब विरोध लगातार बढ़ने लगा, तब आज जाकर इसे वापस लेने का निर्णय किया गया.

ACB withdraws disputed order
एसीबी ने वापस लिया विवादित आदेश...

पढ़ें: एसीबी का बड़ा फैसला: राजस्थान में भ्रष्टाचारियों के नाम और फोटो अब नहीं होंगे उजागर

इस आदेश को लिया गया वापस: एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने 4 जनवरी को यह आदेश जारी किया था की एसीबी टीम द्वारा किसी भी व्यक्ति को ट्रैप करने के बाद जब तक न्यायालय उस व्यक्ति को दोषी साबित नहीं कर देता, तब तक उस व्यक्ति की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा. उस व्यक्ति की फोटो और नाम किसी व्यक्ति या विभाग में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है उस विभाग का नाम और व्यक्ति के पदनाम के बारे में मीडिया को जानकारी दी जाएगी. एसीबी की कस्टडी में जो भी आरोप या संदिग्ध व्यक्ति होगा उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की रक्षा की जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी या अनुसंधान अधिकारी की होगी.

Last Updated : Jan 7, 2023, 8:39 AM IST
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