जयपुर. प्रदेश में हार्डकोर बदमाशों और अपराधिक गैंग्स को लेकर पुलिस सख्त नजर आ रही है. वर्ष 2023 में प्रदेश भर में राजस्थान पुलिस की 5137 टीमों ने 13600 ठिकानों पर दबिश देकर करीब 20542 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. सोमवार को राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर मीडिया से मुखातिब हुए और इस संबंध में जानकारी शेयर की.
डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में अपराधिक मामलों में 9 प्रतिशत कमी आई है. सोशल मीडिया पर बदमाशों के फॉलोअर्स घटे हैं. फिरौती के कॉल्स में भी कमी आई है. डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि हार्डकोर अपराधियों, माफियाओं और अपराधिक गैंग्स के खिलाफ अभियान शुरू किया जाए. जिससे अपराधों पर नियंत्रण हो सके.
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आमजन विश्वास और अपराधियों में भय के ध्येय वाक्य को ध्यान रखते हुए राज्य स्तर पर ’एरिया डोमिनेशन, रेड एंड सर्च का अभियान’ शुरू किया गया. अपराधियों के साथ ही अपराधियों के गुणगान करने वाले, सोशल मीडिया पर फॉलो करने वाले और सहयोग देने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई है. अभियान के तहत हथियारों का प्रदर्शन करने वाले और फायरिंग की घटनाओं में शामिल गैंग्स को टारगेट किया गया. कारोबारियों को अवैध वसूली के लिए फोन पर धमकी देने वाले अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.
रोहित गोदारा के खिलाफ रेड नोटिस: डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि कुछ अपराधी देश के बाहर बैठकर अपराध को अंजाम दे रहे थे, जिनके विरूद्ध इंटरपोल के माध्यम से शिकंजा कसा जा रहा है. रोहित गोदारा के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया जा चुका है. अनमोल विश्नोई और गोल्डी बराड़ के विरुद्ध रेड नोटिस जारी कराने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. मार्च 2023 में एरिया डोमिनेशन के लिए पुलिस की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत विभिन्न अपराधों में वांछित 12895 अपराधियों के गिरफ्तारी की गई है. जिसमें जघन्य अपराध में वांछित 433 अपराधी शामिल हैं. धारा 151 सीआरपीसी के तहत 7683 गिरफ्तारी की गई.
प्रदेश भर में पुलिस की 5137 टीमों ने करीब 13600 स्थानों पर दबिश दी. हथियारों का प्रयोग करने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिए अभियान के दौरान 649 प्रकरण दर्ज करके 677 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें 690 हथियार और 1062 कारतूस बरामद किए गए. फरवरी 2023 की तुलना में मार्च 2023 में आर्म्स एक्ट के मामलों में 55 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
एनडीपीएस एक्ट के तहत 342 प्रकरण दर्ज करके 375 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. फरवरी 2023 की तुलना में मार्च 2023 में इन मामलों में 90 प्रतिशत वृद्धि हुई है. अवैध शराब के 1088 मामले दर्ज करके 1085 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अवैध खनन के 649 प्रकरण दर्ज करके 535 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. डीजीपी के मुताबिक 1411 हिस्ट्रीशीटर, हार्डकोर और इनामी श्रेणी के अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. 5833 स्थाई वारंटी और 299 सीआरपीसी में वांछित अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं.
11512 हिस्ट्रीशीटर में से 2471 की संपत्ति का रिकॉर्ड संधारण: ऑपरेशन वज्रप्रहार के तहत अपराधियों की गिरफ्तारी की गई. साथ ही सर्च के दौरान अवैध कृत्यों से अर्जित की गई संपत्ति और वाहनों पर भी कार्रवाई की जा रही है. इसमें अब तक 11512 हिस्ट्रीशीटर में से 2471 की संपत्ति का रिकॉर्ड संधारण किया गया है. 35 अपराधियों की संपत्ति पर कार्रवाई के लिए आईटी विभाग और स्थानीय निकायों को सूचित किया गया है. सोशल मीडिया पर अपराधियों को फॉलो करने वालों के विरुद्ध 36 प्रकरण दर्ज कर 56 लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रीवेंटिव एक्शन में 1027 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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400 वांछित अपराधी प्रतिदिन गिरफ्तार: अवैध वसूली के मामले में वर्ष 2023 मार्च में कुल 31 प्रकरण दर्ज करके 68 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अभियान से पहले अवैध वसूली के लिए फोन कॉल के प्रकरण जनवरी 2023 में 15 प्रकरण, फरवरी 2023 में 12 दर्ज हुए थे. मार्च 2023 में प्रकरणों में कमी होकर 4 प्रकरण दर्ज हुए हैं. एक महीने में एग्रेसिव पुलिसिंग के माध्यम से करीब 13000 वांछितों की गिरफ्तारी की गई है. लगभग 400 वांछित अपराधी प्रतिदिन गिरफ्तार किए गए हैं. डीजीपी ने संगठित अपराधों पर कार्रवाई को लेकर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की ओर से किए गए प्रयासों को लेकर तारीफ की. पुलिस की कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मच गया और रिकॉर्ड संख्या में अपराधी पकड़े गए हैं.
साइबर क्राइम बड़ी चुनौतीः एडीजी रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि साइबर क्राइम बड़ी चुनौती है. सरकार ने प्रदेश के 32 जिलों में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन स्थापना की घोषणा की थी. थानों की शुरुआत हो चुकी है और एफआईआर दर्ज होने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है. करीब 1600 पुलिसकर्मियों को देश के विभिन्न उच्च प्रशिक्षण संस्थाओं से प्रशिक्षित करवा चुके हैं. भरतपुर पुलिस ने अप्रैल 2022 में 130 गांवों का मोबाइल डाटा एनालिसिस किया. जिसमें 21000 सिम पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और आसाम की पाई गई.
23000 हैंडसेट भी उन्हीं राज्यों के थे. जिनका उपयोग साइबर ठगी में किया जा रहा था. पुलिस ने सभी मोबाइल सिम और हैंडसेट को ब्लॉक करवाया. अप्रैल 2022 में भरतपुर पुलिस से फिर से 38000 सिम चिन्हित की गई. जनवरी में 41000 सिम चिन्हित करके ब्लॉक करवाया गया. अब तक 1.10 लाख हैंडसेट को भरतपुर पुलिस ने ब्लॉक करवाया है. करीब 300 मोबाइल टावर पर रोमिंग सुविधा को बंद करवाया गया.
पहले गैंग्स को किया आईडेंटिफाईः एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि सबसे पहले गैंग्स को आईडेंटिफाई किया गया. गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई. आईजी लेवल पर मॉनिटरिंग की गई. बदमाशों का सोर्स ऑफ इनकम, प्रॉपर्टी समेत अन्य डिटेल्स एनालिसिस की गई. अवैध रूप से अर्जित की गई प्रॉपर्टी को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई. दकई जगह पर सरकार ने बदमाशों की अवैध प्रॉपर्टी को तोड़कर कब्जे में लिया है. पेंडिंग वारदातों और वांटेड अपराधियों पर पुलिस की नजर है. कोशिश रहेगी कि आगे कोई वारदात नहीं हो, अगर वारदात होती है, तो जल्द कार्रवाई हो.
बम ब्लास्ट आरोपियों की एसएलपी होगी दायरः बम ब्लास्ट आरोपियों के मामले में डीजीपी ने कहा कि एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव भेज दिया गया है. न्यायालय के आदेश किए हम आलोचना नहीं कर सकते. इस पूरे मामले में अपील करने के सशक्त आधार हैं. न्यायालय की टिप्पणी को हमने गंभीरता से लिया है. इस पूरे मामले को लेकर विश्लेषण किया जा रहा है. पत्रावली को नए सिरे से देखकर कमियों का विश्लेषण किया जाएगा. किस जगह पर क्या कमी रही है, इस पूरे मामले को लेकर इंटरनल ऑडिट की जाएगी.
जेलों से अपराधी करते हैं ऑपरेटः डीजीपी ने कहा कि अपराधी जेलों से भी गैंग्स को ऑपरेट करते हैं. लॉरेंस विश्नोई को लेकर कहा कि उसका टीवी पर जो इंटरव्यू आया था, वह दूसरे राज्य का था. वह ज्यादातर दिल्ली की जेल में रहता है. राजस्थान की जेलों में समय-समय सर्च किया जाता है.
अपराध में सहयोग करने वालों को नहीं बख्शा जाएगाः पुलिस अपराध उन्मूलन और अपराध नियंत्रण के लिए है. अगर कोई भी पुलिसकर्मी अपराध में सहयोग करता हुआ पाया जाता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. पिछले दिनों एक कार्रवाई की गई थी जिसमें बाड़मेर के डिप्टी और कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया. अन्य जगहों पर भी अपराध में सहयोग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है.