जयपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण देश-दुनिया में बढ़ रहा है. हालांकि राजधानी जयपुर सहित प्रदेशवासियों के लिए राहत की खबर भी है. लगातार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. इस बीच कई बार एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमर्जी किराया वसूलने के मामले भी सामने आ चुके हैं. एंबुलेंस चालकों के लिए निर्धारित दर भी जारी की गई थी. ऐसे में निर्धारित दरों से ज्यादा चार्ज लेने पर एंबुलेंस चालकों का लाइसेंस निलंबित, फिटनेस निलंबित के आदेश भी परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने जारी किए थे. सोनी के आदेशों के बाद जयपुर समेत कई जिलों में एंबुलेंस पर कार्रवाई भी देखने को मिली है.
परिवहन विभाग ने एंबुलेंस चालकों पर कार्रवाई के जो आदेश निकाले थे, उन्हें भारत सरकार के द्वारा भी फॉलो किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी इसी को फॉलो करते हुए 17 मई को एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमर्जी से किराया वसूलने को लेकर आदेश जारी किए थे. जिसके बाद राजस्थान पूरे देश में मॉडल स्टेट बन गया है.
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एंबुलेंस पर कार्रवाई को लेकर परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि कुछ एंबुलेंस चालक इस महामारी के दौर में भी ज्यादा किराया वसूल कर आमजन का शोषण कर रहे हैं. हमने इस पर मंथन भी किया. लेकिन एंबुलेंस एक सामाजिक सेवा वाहन है. यह टैक्स फ्री और परमिट फ्री है. इसके खिलाफ कार्रवाई करने के कोई उचित नियम भी नहीं बने हुए हैं. हमने प्रशासनिक तौर पर इस पर कार्रवाई करने के लिए नियम बनाए. जिसमें हमने स्पष्ट आदेश निकाले कि यदि कोई भी एंबुलेंस चालक ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उस एंबुलेंस चालक का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया जाए. गाड़ी की फिटनेस को भी रद्द कर दिया जाए. इसके साथ ही गाड़ी को सीज कर दिया जाए.
महेंद्र सोनी ने बताया कि उनके इस कदम से वह पूरे प्रदेश के एंबुलेंस चालकों को बदल तो नहीं पाए लेकिन जो एंबुलेंस चालक इस तरीके से आमजन की जेब लूट रहे थे, उनके मन में एक डर का माहौल भी पैदा हो गया है. वह विभाग के द्वारा निर्धारित की गई दर से ही अब पैसे वसूल रहे हैं