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हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब: बिना प्रावधान कांस्टेबल भर्ती में क्यों अपनाई नॉमलाईजेशन पद्धति

कांस्टेबल भर्ती 2021 की परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि बिना प्रावधान ही इस परीक्षा में नॉमलाईजेशन क्यों किया गया. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अधिक अंक आने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई.

Question on Normalization in Constable Bharti 2021, court asked reply from concerned officials
हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब: बिना प्रावधान कांस्टेबल भर्ती में क्यों अपनाई नॉमलाईजेशन पद्धति
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Published : Dec 1, 2022, 7:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2021 में अधिक अंक लाने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने और बिना प्रावधान नॉमलाईजेशन करने पर गृह सचिव, एडीजी भर्ती और जयपुर पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश लेखराज व अन्य की याचिका पर (petition in constable Bharti 2021) दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जयपुर कमिश्नरेट की ओर से आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था. विभाग की ओर से जारी परीक्षा परिणाम में उसकी पारी में परीक्षा देने वाले बहुत कम परीक्षार्थियों का ही चयन हुआ. वहीं विभाग ने नॉमलाईजेशन कर याचिकाकर्ताओं के अंक कम कर दिए. जबकि भर्ती विज्ञापन में नॉमलाईजेशन करने शर्त ही नहीं थी. वहीं परिणाम जारी करने के दौरान न तो सफल अभ्यर्थियों के कट ऑफ बताए गए और ना ही उनका वर्ग सार्वजनिक किया गया. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं के अधिक अंक होने के बावजूद भी उसे नियुक्ति से वंचित कर दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2021 में अधिक अंक लाने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने और बिना प्रावधान नॉमलाईजेशन करने पर गृह सचिव, एडीजी भर्ती और जयपुर पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश लेखराज व अन्य की याचिका पर (petition in constable Bharti 2021) दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जयपुर कमिश्नरेट की ओर से आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था. विभाग की ओर से जारी परीक्षा परिणाम में उसकी पारी में परीक्षा देने वाले बहुत कम परीक्षार्थियों का ही चयन हुआ. वहीं विभाग ने नॉमलाईजेशन कर याचिकाकर्ताओं के अंक कम कर दिए. जबकि भर्ती विज्ञापन में नॉमलाईजेशन करने शर्त ही नहीं थी. वहीं परिणाम जारी करने के दौरान न तो सफल अभ्यर्थियों के कट ऑफ बताए गए और ना ही उनका वर्ग सार्वजनिक किया गया. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं के अधिक अंक होने के बावजूद भी उसे नियुक्ति से वंचित कर दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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