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लोकसभा चुनाव में सवा करोड़ में से 51 पर्चियों में सामने आई गड़बड़ी, राजस्थान में सिर्फ 2 जगह पर मिला अंतर

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Published : Aug 1, 2019, 6:49 PM IST

लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों और विभिन्न संगठनों की ओर से ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों के बीच निर्वाचन विभाग ने देशभर में ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत देश भर में करीब सवा सौ करोड़ पर्चियों की चेकिंग की गई. जिसमें 8 ईवीएम में वीवीपैट पर्ची के मिलान से सिर्फ 51 मतों का अंतर पाया गया है. जबकि राजस्थान में दो मशीन में एक-एक वोट का अंतर सामने आया हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा पहुंचे जयपुर

भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा पहुंचे जयपुर

जयपुर. भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम ने राजस्थान के पाली जिले में ईवीएम से वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया. जहां पर दो मशीन में एक-एक पर्ची का अंतर सामने आया. इसी प्रकार देश भर में सवा करोड़ मतों की चेकिंग में 51 मतों का अंतर सामने आया है. भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह जानकारी दी.

भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा पहुंचे जयपुर

आयुक्त सुशील चंद्रा और उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने गुरुवार को एक होटल में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ में बैठक की. जिसमें चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग लोकतांत्रिक प्रणाली की अहम चुनाव की प्रक्रिया को फूल प्रूफ बनाने में जुटा है. देश भर में 10 लाख 65 हजार पोलिंग बूथ में वीवीपैट का उपयोग किया गया है. इसके तहत रेंडमली ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान किया गया है.
जिनमें सवा करोड़ मतों की चेकिंग की गई. इनके मिलान में 51 मतों का अंतर सामने आया है. वहीं राजस्थान में दो जगहों पर एक-एक वोट का अंतर पाया गया है.

यह भी पढ़ें : देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रिटिश सरकार का तोहफा नहीं आवाम की ताकत है : प्रणब मुखर्जी

बैठक में सबसे ज्यादा फोकस इलेक्टरल रोल को 100 फीसदी शुद्ध बनाए जाने पर है. चंद्रा ने कहा कि जन जागरूकता अभियान के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटर का नाम एक ही जगह पर हो. इलेक्टरल रोल के जरिए देश भर में राजस्थान के काम की तारीफ की गई है. राजस्थान पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में भी सामने आया हैं. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को खासतौर से महिलाओं को जोड़ने के लिए भी विशेष अभियान चलाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : कभी देश में 31 प्रतिशत वोट कांग्रेस का और 19 फीसदी भाजपा का था, लेकिन अब बदल गया नजारा : सीपी जोशी

हालांकि चंद्रा ने पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पर कहा कि देश की चुनाव में महिलाओं ने बराबरी की भागीदारी निभाई है, यह अच्छा संकेत हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. चंद्रा ने विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों पर कहा कि ईवीएम पूरी तरीके से सुरक्षित है. इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है. जो आरोप लग रहे थे, उसके बीच ही सवा सौ करोड़ से अधिक पर्चियों का मिलान किया गया है.

इनमें साफ हो गया है कि ईवीएम में किसी तरह की छेड़खानी नहीं की जा सकती है और न ही की गई है. दरअसल, इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया था. इसके बाद अब ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जा रहा है. ताकि जो ईवीएम की विश्वसनीयता को जांचा जा सके.

जयपुर. भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम ने राजस्थान के पाली जिले में ईवीएम से वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया. जहां पर दो मशीन में एक-एक पर्ची का अंतर सामने आया. इसी प्रकार देश भर में सवा करोड़ मतों की चेकिंग में 51 मतों का अंतर सामने आया है. भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह जानकारी दी.

भारतीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील चंद्रा पहुंचे जयपुर

आयुक्त सुशील चंद्रा और उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने गुरुवार को एक होटल में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ में बैठक की. जिसमें चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग लोकतांत्रिक प्रणाली की अहम चुनाव की प्रक्रिया को फूल प्रूफ बनाने में जुटा है. देश भर में 10 लाख 65 हजार पोलिंग बूथ में वीवीपैट का उपयोग किया गया है. इसके तहत रेंडमली ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान किया गया है.
जिनमें सवा करोड़ मतों की चेकिंग की गई. इनके मिलान में 51 मतों का अंतर सामने आया है. वहीं राजस्थान में दो जगहों पर एक-एक वोट का अंतर पाया गया है.

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बैठक में सबसे ज्यादा फोकस इलेक्टरल रोल को 100 फीसदी शुद्ध बनाए जाने पर है. चंद्रा ने कहा कि जन जागरूकता अभियान के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटर का नाम एक ही जगह पर हो. इलेक्टरल रोल के जरिए देश भर में राजस्थान के काम की तारीफ की गई है. राजस्थान पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में भी सामने आया हैं. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को खासतौर से महिलाओं को जोड़ने के लिए भी विशेष अभियान चलाए जाएंगे.

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हालांकि चंद्रा ने पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पर कहा कि देश की चुनाव में महिलाओं ने बराबरी की भागीदारी निभाई है, यह अच्छा संकेत हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. चंद्रा ने विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों पर कहा कि ईवीएम पूरी तरीके से सुरक्षित है. इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है. जो आरोप लग रहे थे, उसके बीच ही सवा सौ करोड़ से अधिक पर्चियों का मिलान किया गया है.

इनमें साफ हो गया है कि ईवीएम में किसी तरह की छेड़खानी नहीं की जा सकती है और न ही की गई है. दरअसल, इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया था. इसके बाद अब ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जा रहा है. ताकि जो ईवीएम की विश्वसनीयता को जांचा जा सके.

Intro:
जयपुर

लोकसभा चुनाव में सवा करोड़ में से 51पर्चियों आई गढबड़ी , राजस्थान में 2 जगह पर एक एक पर्ची का अंतर , देश भर में मिलाई जा रही है ईवीएम और वीवीपेट कि पर्चियां

एंकर:- लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियां और समझ ही संगठनों द्वारा ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों के बीच निर्वाचन विभाग ने देशभर में ईवीएम और बीबीपेट पक्षियों का मिलान अभियान चला है , इस अभियान में देश भर में सवा सौ करोड़ मतों की चेकिंग की गई जिसमें 8 ईवीएम में वीवीपैट की मिलान से सिर्फ 51 मतों का अंतर पाया गया है , राजस्थान में दो मशीन में एक एक वोट का अंतर सामने आए हैं ।



Body:VO:- भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने राजस्थान के पाली जिले में ईवीएम से वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जहां पर दो मशीन में एक-एक पर्ची का अंतर आया , इसी प्रकार देश भर में सवा करोड़ मतों की चेकिंग में 51 मतों का अंतर सामने आया है , भारत निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह जानकारी दी , सुशील चंद्रा और उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने आज होटल मेरठ में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ में बैठक की चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग लोकतांत्रिक प्रणाली की अहम चुनाव की प्रक्रिया को फूलपुर बनाने में जुटा है देश भर में 10 लाख 65 हाजर पोलिंग बूथ में वीवीपैट का उपयोग किया गया है इसके तहत रेंडमली ईवीएम और वीवी पेट की पर्चियों का मिलान किया गया है , सवा करोड़ मतों की चेकिंग की गई इनके मिलान में 51 मतों का अंतर है वह राजस्थान में दो जगहों पर एक-एक वोट का अंतर पाया गया बैठक में सबसे ज्यादा फोकस इलेक्टरल रोल को 100 फ़ीसदी शुद्ध करने पर है , चंद्रा ने कहा कि जन जागरूकता अभियान के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटर का नाम एक ही जगह हो इलेक्टरल रोल के जरिए देश भर में राजस्थान के काम की तारीफ की गई है राजस्थान पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में भी सामने आए हैं उन्होंने कहा कि मतदाताओं को खासतौर से महिलाओं को जोड़ने के लिए भी विशेष अभियान चलाए जाएंगे हालांकि चंद्रा ने पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पर कहा कि देश की चुनाव में महिलाओं ने बराबरी की भागीदारी की है यह अच्छा संकेत है लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। चंद्रानी विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों पर कहा कि ईवीएम पूरी तरीके से सुरक्षित है इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती जो आरोप लग रहे थे उसके बीच ही सवा सौ करोड़ से अधिक पक्षियों का मिलान किया गया है इनमें साफ हो गया है कि एवीएम में ना कि स्त्री को छेड़खानी की जा सकती है और न की गई है
बाइट:- सुशील चंद्रा - भारतीय निर्वाचन आयुक्त


Conclusion:VO:- दरअसल इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया था इसके बाद अब एवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जा रहा है ताकि जो ईवीएम की विश्वसनीयता को जांच जा सके ।
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