जयपुर. लोकसभा चुनाव से पहले पृथ्वीराज नगर के करीब ढाई लाख बाशिंदों को बीसलपुर का पानी उपलब्ध कराने के लिए कुल 852 करोड़ रुपये पर मंजूर किए हैं.हालांकि इसके लिए 2-3 साल का वक्त लग सकता है.इसमें से 289 करोड़ रुपयों से रेनवाल में पम्पिंग स्टेशन और सूरजपुरा में फिल्टर स्टेशन बनाने के साथ ही बीसलपुर लाइन से पेयजल आपूर्ति की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. पेयजल आपूर्ति की क्षमता बढ़ने से पानी की किल्लत वाले इलाके जामडोली, खो नागोरियान और जगतपुरा में भी अधिक पानी लोगों को मिल सकेगा.
लोकसभा चुनाव से पहले लाखों लोगों को मिली राहत
आने वाले लोकसभा के मध्य नजर पृथ्वीराज नगर के लोगों को बीसलपुर का पानी उपलब्ध कराने के लिए यह वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है. पिछली सरकार ने भी खो नागोरियान और जामडोली में बीसलपुर का पानी लोगों को उपलब्ध कराने के लिए इस तरह की स्वीकृति जारी की थी. कुछ दिनों बाद लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने वाली है, माना जा रहा है कि इसलिए सरकार ने ये फैसला अभी कर लिया है. लेकिन काम पूरा होने तक 2-3 साल का समय बीत जाएगा.
पृथ्वीराज नगर तक पानी लाने में खर्च होंगे 320 करोड़
जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता आईडी खान के अनुसार जयपुर शहर के पृथ्वीराज नगर में बीसलपुर का पानी पहुंचाने के लिए 563 करोड रुपए मंजूर किए गए हैं.खान ने बताया कि इनमें से 320 करोड़ रुपये बालावाला से पृथ्वीराज नगर तक बीसलपुर के पानी ट्रांसफर करने, पंपिंग स्टेशन बनवाने और अन्य काम पर खर्च किए होंगे. बाकी रुपये वितरण व्यवस्था पर खर्च होंगे.अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी के मुताबिक 289 करोड़ रुपये सूरजपुरा मे फिल्टर प्लांट बनाने और रेनवाल में पम्पिंग स्टेशन बनवाने में खर्च होंगे. सूरजपुरा में फिल्टर प्लांट बनाने और रेनवाल में पंपिंग स्टेशन बनाने से पानी लेने की क्षमता 500 एमएलडी से बढ़कर 670 एमएलडी हो जाएगी हो जाएगी. नई व्यवस्था से पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में 40 एमएलडी और जगतपुरा जामडोली, खो नागोरियान क्षेत्र में 80 एमएलडी पानी मिल सकेगा. नई व्यवस्था से करीब साढे़ चार लाख आबादी को राहत मिलेगी.
राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के लिए 1454 करोड़ रुपये मंजूर
वित्त विभाग ने जोधपुर क्षेत्र के 5 शहर और 1429 गांव के लिए राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल तृतीय चरण के लिए 1454 करोड़ की मंजूर किए हैं. जोधपुर शहर के लिए एएफडी योजना तृतीय चरण के लिए 271 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. राज्य सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेकर दो माह में सभी स्तर पर जांच करवा कर 30 प्रकरणों की स्वीकृति जारी की है. इसके कारण लंबे समय से धीमी चल रही परियोजनाओं को गति मिलेगी.