जयपुर. कोरोना काल के बीच स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की शुरुआत हो चुकी है. इस बार लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं. स्टार रेटिंग के नए पैरामीटर में लोगों का फीडबैक काफी महत्वपूर्ण होगा. फीडबैक के दायरे को भी बढ़ाकर इसके 1800 अंक निर्धारित किए गए हैं और जल्द ही स्वच्छ नगर एप लॉन्च होने के साथ लोग फीडबैक दे सकेंगे.
खास बात ये है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए 2021 का सर्वे इसी के इर्द गिर्द रहेगा. हजार्ड्स कचरे से निपटने वाले शहरों को ज्यादा अंक मिलेंगे. इसके लिए शहर भर में कचरा कलेक्शन करने वाले हूपर में भी अलग से डिब्बा लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें बायो मेडिकल वेस्ट और हजार्ड्स वेस्ट को डाला जा सकेगा. यही नहीं, गीले-सूखे कचरे के साथ-साथ प्लास्टिक के भी सेग्रीगेशन करने की व्यवस्था की जा रही है.
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वहीं, अब तक जो भी स्वच्छ सर्वेक्षण हुए उनमें कचरा संग्रहण पर ध्यान दिया गया. लेकिन इस बार कचरा मुक्त शहर बनाने पर निगम को ध्यान देना होगा. इसके साथ ही शहर को प्लास्टिक फ्री सिटी पर भी काम करना होगा.
इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा जोर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर दिया है और इसे दिव्य, अनुपम, उज्ज्वल, उदित, आरोही नामक श्रेणियों में बांटा गया है. इसके तहत शहर के कितने प्रतिशत वार्डों में हूपर पहुंच रहे हैं, उसके अनुसार श्रेणी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन अपने स्तर पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया है, लेकिन अब आम जनता से भी सहयोग की अपेक्षा है.
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इस तरह स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की स्टार रेटिंग के नए पैरामीटर में लोगों का फीडबैक काफी महत्वपूर्ण होगा. ऐसे में अब जनता का फीडबैक ही बताएगा कि जयपुर कितना स्वच्छ है. शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की क्या स्थिति है और क्या शहर वाकई पॉलिथीन से मुक्त है या नहीं. ये सभी बातें अहम होंगी. वहीं, इस सर्वेक्षण के साथ निगम प्रशासन ने गीले-सूखे कचरे के अलावा प्लास्टिक और हजार्ड्स कचरे को भी सेग्रीगेट करने के लिए हूपर में व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. साथ ही आम जनता से भी सेग्रीगेशन की अपील की ग है.