ETV Bharat / state

निकाय प्रमुख के ‘हाईब्रिड फॉर्मूले’ पर सरकार के अंदर विरोध...मंत्री प्रताप सिंह और रमेश मीणा ने की फैसले पर पुनर्विचार की मांग - Congress government opposes hybrid formula

निकाय चुनाव में महापौर, सभापति और चेयरमैन बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के हाइब्रिड फार्मूले के लागू करने को लेकर सरकार के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है. खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार के ही फैसले पर सवाल उठाए दिए हैं.

निकाय प्रमुख चुनाव पर कांग्रेस में विरोध, Protest in Congress over body chief election
author img

By

Published : Oct 18, 2019, 1:36 AM IST

जयपुर. निकाय चुनाव में महापौर, सभापति और चेयरमैन बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के हाइब्रिड फार्मूले के लागू करने को लेकर सरकार के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है. खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार के ही फैसले पर सवाल उठाए दिए हैं.

निकाय प्रमुख के ‘हाईब्रिड फॉर्मूले’ पर सरकार के अंदर विरोध

साथ ही उन्होंने इस फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करने की सलाह भी दी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को सुझाव दिया है कि इस फैसले पर पुनर्विचार की जाए. उन्होंने कहा कि इस फार्मूले के लागू होने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी है. खाद्य मंत्री का कहना है कि इस फार्मूले के तहत चुनाव जीत कर आने वाले पार्षदों को उनके हक से वंचित रखा जाएगा जो की गलत हैं.

पढ़ें : कोटा: पॉश कॉलोनी में दिनदहाड़े 17 लाख की चोरी, वारदात CCTV में कैद

इससे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष बढ़ेगा और कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का सममान भी नहीं मिल पाएगा. रमेश मीणा ने कहा कि इस बारे में कैबिनेट मीटिंग में ना तो विस्तार से चर्चा हुई है और ना ही मंत्रियों से सुझाव लिए गए है. लिहाजा, इस फार्मूले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

पार्षदों के जरिए महापौर चुनने का फैसला स्वागत योग्य

मंत्री मीणा ने कहा कि सरकार ने जो प्रत्यक्ष प्रणाली के नियम को बदलकर पार्षदों के जरिए ही महापौर, सभापति चुनने फैसला किया था वह स्वागत योग्य था. उससे कार्यकर्ताओं में खुशी थी और बरसों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे पार्षदों के मन में उम्मीद थी कि वे अब नगर निकाय प्रमुख, सभापति या महापौर बन सकेंगे. लेकिन इस फैसले के बाद अगर आप पर ऊपर से कोई नेता थोप दिया जाएगा तो उसके समान चुने हुए जीत के आने वाले पार्षद के लिए ये सही नहीं है.

मंत्री धारीवाल को अवगत कराएंगे अपनी भावना

रमेश मीणा ने कहा कि वह अपनी भावना से मंत्री शांति धारीवाल को अवगत करवाएंगे और उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने लिए आग्रह करेंगे. गौरतलब है कि राजस्थान के निकाय चुनाव में राज्य सरकार हाइब्रिड फार्मूले को लागू करने जा रही हैं. इस फार्मूले के तहत सरकार पार्षदों को बहुमत आने के बाद किसी भी नेता को अध्यक्ष सभापति या मेयर बना सकती है. उसके बाद उसे तय समय के भीतर चुनाव लड़ कर जीतना होगा.

वहीं, परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि नगर निगम और निकायों में पार्षद चुनाव जीतता है तो उसका पहला हक है. ये फैसला क्यों किया, क्या कारण है, यूडीएच मंत्री धारीवाल जी अच्छा बता पाएंगे. इस बारे में उन्होंने हमसे चर्चा नहीं की है.

जयपुर. निकाय चुनाव में महापौर, सभापति और चेयरमैन बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के हाइब्रिड फार्मूले के लागू करने को लेकर सरकार के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है. खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार के ही फैसले पर सवाल उठाए दिए हैं.

निकाय प्रमुख के ‘हाईब्रिड फॉर्मूले’ पर सरकार के अंदर विरोध

साथ ही उन्होंने इस फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करने की सलाह भी दी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को सुझाव दिया है कि इस फैसले पर पुनर्विचार की जाए. उन्होंने कहा कि इस फार्मूले के लागू होने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी है. खाद्य मंत्री का कहना है कि इस फार्मूले के तहत चुनाव जीत कर आने वाले पार्षदों को उनके हक से वंचित रखा जाएगा जो की गलत हैं.

पढ़ें : कोटा: पॉश कॉलोनी में दिनदहाड़े 17 लाख की चोरी, वारदात CCTV में कैद

इससे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष बढ़ेगा और कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का सममान भी नहीं मिल पाएगा. रमेश मीणा ने कहा कि इस बारे में कैबिनेट मीटिंग में ना तो विस्तार से चर्चा हुई है और ना ही मंत्रियों से सुझाव लिए गए है. लिहाजा, इस फार्मूले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

पार्षदों के जरिए महापौर चुनने का फैसला स्वागत योग्य

मंत्री मीणा ने कहा कि सरकार ने जो प्रत्यक्ष प्रणाली के नियम को बदलकर पार्षदों के जरिए ही महापौर, सभापति चुनने फैसला किया था वह स्वागत योग्य था. उससे कार्यकर्ताओं में खुशी थी और बरसों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे पार्षदों के मन में उम्मीद थी कि वे अब नगर निकाय प्रमुख, सभापति या महापौर बन सकेंगे. लेकिन इस फैसले के बाद अगर आप पर ऊपर से कोई नेता थोप दिया जाएगा तो उसके समान चुने हुए जीत के आने वाले पार्षद के लिए ये सही नहीं है.

मंत्री धारीवाल को अवगत कराएंगे अपनी भावना

रमेश मीणा ने कहा कि वह अपनी भावना से मंत्री शांति धारीवाल को अवगत करवाएंगे और उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने लिए आग्रह करेंगे. गौरतलब है कि राजस्थान के निकाय चुनाव में राज्य सरकार हाइब्रिड फार्मूले को लागू करने जा रही हैं. इस फार्मूले के तहत सरकार पार्षदों को बहुमत आने के बाद किसी भी नेता को अध्यक्ष सभापति या मेयर बना सकती है. उसके बाद उसे तय समय के भीतर चुनाव लड़ कर जीतना होगा.

वहीं, परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि नगर निगम और निकायों में पार्षद चुनाव जीतता है तो उसका पहला हक है. ये फैसला क्यों किया, क्या कारण है, यूडीएच मंत्री धारीवाल जी अच्छा बता पाएंगे. इस बारे में उन्होंने हमसे चर्चा नहीं की है.

Intro:निकाय प्रमुख के ‘हाईब्रिड फॉर्मूले’ पर सरकार के अंदर विरोध

- मंत्री प्रताप सिंह और रमेश मीणा ने की फैसले पर पुनर्विचार की मांग

जयपुर
निकाय चुनाव में महापौर, सभापति और चेयरमैन बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के हाइब्रिड फार्मूले के लागू करने को लेकर सरकार के भीतर ही विरोध शुरू हो गया हैं। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार के ही फैसलेपर सवाल उठाए है , साथ ही उन्होंने इस फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करने की सलाह भी दी है ,

VO:- खाद्य एवं नागरिके आपूर्ति मंत्री ने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को सुझाव दिया है की इस फैसले पर पुनर्विचार की या जाए। उन्होंने कहा कि इस फार्मूले के लागू होने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी है।
खाद्य मंत्री का कहना है कि इस फार्मूले के तहत चुनाव जीत कर आने वाले पार्षदों के उनके हक· से वंचित रखा जाएगा जो की गलत हैं। इससे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष बढ़ेगा और कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का सममान भी नहीं मिल पाएगा।
रमेश मीणा ने कहा कि इस बारे में कैबिनेट की मीटिंग में भी विस्तार से चर्चा नहीं हुई और ना ही सरकार के मंत्रियों के मंत्रियों से सुझाव लिए गए हैं, लिहाजा इस फार्मूले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
पार्षदों के जरिए महापौर चुनने का फैसला स्वागत योग्य
मंत्री मीना ने कहा कि सरकार ने जो प्रत्यक्ष प्रणाली के नियम को बदलकर पार्षदों के जरिए ही महापौर, सभापति चुनने फैसला किया था वह स्वागत योग्य था। उससे कार्यकर्ताओं में खुशी थी और बरसों से पार्टी ·के लिए मेहनत रहे पार्षदों के मद में उम्मीद थी कि वे अब नगर निकाय प्रमुख, सभापति या महापौर बन सकेंगे लेकिन इस फैसले के बाद आप पर ऊपर से ·कोई नेता अगर थोप दिया जाएगा तो उसके समान चुने हुए जीत के आने वाले पार्षद नहीं कर पाएंगे।

- मंत्री धारीवाल ·को अवगत कराएंगे अपनी भावना
रमेश मीणा ने कहा कि वह अपनी भावना से मंत्री शांति धारीवाल को अवगत करवाएंगे और उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने लिए आग्रह करेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान के निकाय चुनाव में राज्य सरकार हाइब्रिड फार्मूले को लागू करने जा रही हैं। इस फार्मूले तहत सरकार पार्षदों को बहुमत आने के बाद ·किसी भी नेता को अध्यक्ष सभापति या मेयर बना स·ती है। उसके बाद उसे तय समय के भीतर चुनाव लड़ कर जीतना होगा।

पार्षद चुनाव जीतता है पहला हक उसीका , यूडीएच मंत्रीजी ने हमसे चर्चा नहीं की : खाचरियावास
परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि नगर निगम और निकायों में पार्षद चुनाव जीतता है तो उसका पहला हक है। ये फैसला क्यों ·किया? क्या कारण है, यूडीएच मंत्री धारीवालजी अच्छा बता पाएंगे। इस बारे में उन्होंने हमसे चर्चा नहीं की।
Body:ViConclusion:Vo
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.