जयपुर. 2014 से पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त पैरामेडिकल तकनीशियन, राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन कराने के लिए पिछले 5 दिनों से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जब तक राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में उनका पंजीयन नहीं हो जाता है तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे.
शुक्रवार को इन पैरामेडिकल तकनीशियनों ने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट वालों को फायदा पहुंचाने के लिए हमारा पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं कर रही है उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सरकारी नुमाइंदों को एक मोटी रकम दे सकती है लेकिन हमारे पास सरकारी नुमाइंदों को देने के लिए कुछ भी नहीं है.
राजस्थान पैरामेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि हम लोग सस्ती दरों पर जनता को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराते हैं. बता दें कि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी. काउंसिल के गठन के बाद नियमानुसार राजस्थान के सभी पैरामेडिकल तकनीशियनों को पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है लेकिन इससे पूर्व के वर्षों में राजस्थान पेरामेडिकल तकनीशियन में पंजीकरण के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है.
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2014 से पहले राजस्थान के अभ्यर्थियों ने पैरामेडिकल का प्रशिक्षण राजस्थान में और राजस्थान के बाहर के राज्यों से लिया है. यह मेडिकल टेक्नीशियन राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सस्ती दरों पर पैथोलॉजी लैब और एक्सरे का कार्य कर रहे हैं और अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं. यदि इनका पंजीयन नहीं हुआ तो यह आगे अपना काम जारी नहीं रख पाएंगे और इन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
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उक्त मामले में परेशान प्रदर्शनकारी पिछले 5 दिनों से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक राजस्थान में 25 से 30 हजार पैरामेडिकल तकनीशियन है. प्रदर्शन कर रहे पैरामेडिकल तकनीशियनों ने कहा है कि यदि सरकार मांग नहीं मानती है तो हम सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.