जयपुर. राजधानी में ई-रिक्शा को जोन वाइज बांटने के निर्णय से ई-रिक्शा चालकों में आक्रोश है. इसको लेकर ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन ने विरोध जताया है. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की ओर से शहर में ई-रिक्शा को जोन में बांटने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसका विरोध जताया (Protest of Electric Rickshaw zone distribution) है.
ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिंदर पाल सिंह के मुताबिक ई-रिक्शा चालक अपने जोन से दूसरे जोन में नहीं जा सकेगा. सवारियों के लिए अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. जब अन्य साधन एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं, तो ई-रिक्शा पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए. परिवहन और ट्रैफिक पुलिस की ओर से ई-रिक्शा चालकों को जोन में बांटने से गरीबों की रोजी-रोटी छिन जाएगी. ई-रिक्शा को जोन में बांटने से सवारियों को ज्यादा किराया देना पड़ेगा. इससे गरीब व्यक्ति को भी नुकसान होगा.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सब्सिडी की घोषणा भी की थी. यह घोषणा मार्च 2023 से लागू होनी थी, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से उस प्रावधान को सितंबर में ही खत्म कर दिया गया. ई-रिक्शा चालकों को सब्सिडी दी जानी चाहिए. ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक अगर जोन में ई-रिक्शा को बांटा गया, तो जो लोग किस्तों पर ई-रिक्शा लेकर आए हैं, उन्हें किस्तों चुकाना मुश्किल हो जाएगी. ऐसे में ई-रिक्शा को जोन वाइज नहीं बांटा जाए.