जयपुर. करीब एक महीने से चल रहा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का आंदोलन समाप्त हो गया है. प्रदेश सरकार के साथ वार्ता के दौरान राजस्थान सहकारी संघ की सभी पांचों मांगों पर सहमति बन गई है. जिसके बाद सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों आंदोलन खत्म करने की घोषणा की है.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मंगलवार को सचिवालय में सहकारी कर्मचारी संघ के साथ वार्ता की. वार्ता में राजस्थान सहकारी संघ की सभी पांचों मांगों पर सहमति बनने के बाद पिछले करीब 1 महीने से चल रहे आंदोलन समाप्त हो गया. इसके साथ ही प्रदेश के पांच हजार सहकारी समितियों के व्यवस्थापक काम पर लौट आए. व्यवस्थापकों के काम पर लौटने के बाद किसानों को फसली ऋण वितरण में अब तेजी आएगी. सरकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदलाल वैष्णव सहित प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की वार्ता के दौरान संघ की पांच मांगों पर सहमति बनी.
मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सहकारी समितियों की व्यवस्थापकों की उचित मांगों के संबंध में उचित निर्णय लिया गया है. अतः शीघ्र ही उनके आदेश जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सहायक व्यवस्थापक से व्यवस्थापक के लिए स्क्रीनिंग करने व्यवस्थापकों के कैडर संबंधी बिजनेस कॉरस्पॉडेंट नहीं बनाने, पदोन्नति और वेतन समझौते की मांगों के संबंध में व्यवस्थापक संघ के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि लोन सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति का विस्तृत आकलन कर शीघ्र ही आदेश जारी किए जाएंगे.
माना जा रहा है प्रदेश में करीब 5 हजार व्यवस्थापक 3 जून से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन समाप्ति की घोषणा से किसानों की फसल ऋण वितरण में तेजी आएगी. वहीं सहकारी समिति व्यवस्थापक संघ के अध्यक्ष वैष्णव ने सहकारी मंत्री को आश्वस्त किया है कि प्रदेश में आयोजित होने वाली सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीकरण एवं वितरण योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आज से ही सभी व्यवस्थापक एकजुट होकर कार्य करेंगे.