जयपुर. 15 विश्वविद्यालय और 5 स्वायत्तशासी बोर्ड के कर्मचारियों ने जयपुर में शुक्रवार को प्रदर्शन किया और बिना शर्त OPS लागू करने की मांग की. ओपीएस में शामिल होने के लिए कर्मचारियों पर 8 लाख से 40 लाख तक पड़ने वाले वित्तीय भार हवाला देते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी सुनवाई नहीं हुई तो पहले 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा और अगले सप्ताह से राजकीय विश्वविद्यालय और स्वायत्तशासी बोर्ड में पूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल की जाएगी.
राज्य सरकार की ओर से बजट 2022 में 1 जनवरी 2004 के बाद लगे हुए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ लागू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालय और ऑटोनॉमस बॉडी जेसीटीएसएल, जयपुर मेट्रो के कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने में उनके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लग रहा है. ओल्ड पेंशन संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि वित्त विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि न्यू पेंशन स्कीम में जमा एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन राशि 12 प्रतिशत ब्याज सहित 8 लाख से 40 लाख के बीच है, जो कार्मिक को खुद जमा कराने को कहा है. जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों पर ऐसे कोई नियम लागू नहीं किए गए.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन जमा कराने की शर्त को नहीं हटाती और पेंशन का भार सरकार वहन नहीं करेगी, तो एक सप्ताह बाद राजस्थान के सभी राजकीय विश्वविद्यालय बंद करेंगे. वहीं, जयपुर मेट्रो संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामकरण पवार ने बताया की मेट्रो में लगभग 400 न्यू पेंशन स्कीम कार्मिक वित्त विभाग के आदेश से प्रभावित होंगे, जबकि अखिल राज्य विश्वविद्यालय अशैक्षणिक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष भरत व्यास ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों को बेवकूफ बना रही है, जिसका पुरजोर विरोध करते हैं. इसके अलावा जेसीटीएसएल एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष विपिन चौधरी ने बताया कि 2013 में भर्ती हुए 1140 कर्मचारी लाखों रुपए कहा से लेकर आएंगे. इसकी जिम्मेदारी खुद राज्य सरकार को उठानी चाहिए.
आपको बता दें कि राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश में 1 जनवरी 2004 के बाद के सेवारत कार्मिक न्यू पेंशन स्कीम सब्सक्राइबर हैं, जिन्हें एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन की राशि 12% वार्षिक ब्याज के साथ 15 जुलाई तक संबंधित संस्था के पेंशन निधि खाते में जमा करने पर ही 1 जनवरी 2023 से ओपीएस का लाभ दिए जाने का नियम लागू किया गया है. ये नियम कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा, जिसका अब खुलकर विरोध हो रहा है.