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राइट टू हेल्थ बिल : सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील

राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे चिकित्सकों का आंदोलन लगातार जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील के बाद चिकित्सकों का एक दल रविवार को सचिवालय में वार्ता के लिए पहुंचा, लेकिन सरकार और चिकित्सकों के बीच यह वार्ता विफल रही.

सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल
सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल
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Published : Mar 26, 2023, 5:12 PM IST

जयपुर. बीते दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा था कि वे हड़ताल को खत्म करें और सरकार ने चिकित्सकों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. जिसके बाद चिकित्सकों का 10 सदस्य एक दल वार्ता के लिए सचिवालय पहुंचा, जहां मुख्य सचिव उषा शर्मा समेत वित्त सचिव चिकित्सा सचिव और जयपुर कलेक्टर भी मौजूद रहे. हालांकि, वार्ता शुरू होने के 5 मिनट के बाद भी चिकित्सक वार्ता कक्ष से बाहर निकल आए, लेकिन उषा शर्मा ने एक बार फिर वार्ता के लिए चिकित्सकों को बुलाया.

जिसके बाद एक बार फिर सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता हुई और सरकार ने चिकित्सकों का पक्ष सुना और चिकित्सकों ने कहा कि वे किसी भी हालत में राइट टू हेल्थ बिल को स्वीकार नहीं करेंगे. सरकार इस बिल को वापस ले और अपनी बात कह कर चिकित्सक वार्ता खत्म करके निकल गए. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर चिकित्सकों और सरकार के बीच दूसरे दौर की वार्ता हो सकती है.

पढ़ें : Protest Against Right To Health Bill: जयपुर में आज सड़क पर होगा इलाज! RTH के विरोध में डॉक्टर्स निकालेंगे कार रैली

हालांकि, सरकार अब निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. पुलिस व चिकित्सा विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने सभी थानाधिकारियों को पत्र जारी किया गया हैं. जिसमें उनके थाना क्षेत्र के निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. वहीं, निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से भी आदेश जारी कर सभी सीएमएचओ से निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. इसमें आंदोलन कर रहे सरकारी और निजी अस्पताल के डॉक्टर्स का नाम, संचालक/मालिक का नाम, अस्पतालों में बेड्स की संख्या, इसके बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा है.

जयपुर. बीते दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा था कि वे हड़ताल को खत्म करें और सरकार ने चिकित्सकों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. जिसके बाद चिकित्सकों का 10 सदस्य एक दल वार्ता के लिए सचिवालय पहुंचा, जहां मुख्य सचिव उषा शर्मा समेत वित्त सचिव चिकित्सा सचिव और जयपुर कलेक्टर भी मौजूद रहे. हालांकि, वार्ता शुरू होने के 5 मिनट के बाद भी चिकित्सक वार्ता कक्ष से बाहर निकल आए, लेकिन उषा शर्मा ने एक बार फिर वार्ता के लिए चिकित्सकों को बुलाया.

जिसके बाद एक बार फिर सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता हुई और सरकार ने चिकित्सकों का पक्ष सुना और चिकित्सकों ने कहा कि वे किसी भी हालत में राइट टू हेल्थ बिल को स्वीकार नहीं करेंगे. सरकार इस बिल को वापस ले और अपनी बात कह कर चिकित्सक वार्ता खत्म करके निकल गए. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर चिकित्सकों और सरकार के बीच दूसरे दौर की वार्ता हो सकती है.

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हालांकि, सरकार अब निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. पुलिस व चिकित्सा विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने सभी थानाधिकारियों को पत्र जारी किया गया हैं. जिसमें उनके थाना क्षेत्र के निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. वहीं, निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से भी आदेश जारी कर सभी सीएमएचओ से निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. इसमें आंदोलन कर रहे सरकारी और निजी अस्पताल के डॉक्टर्स का नाम, संचालक/मालिक का नाम, अस्पतालों में बेड्स की संख्या, इसके बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा है.

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