जयपुर. महिला कर्मचारियों को पीरियड के दौरान छुट्टी मिले इसको लेकर देश भर में बहस चल रही है. इस बीच राज्य समाज कल्याण बोर्ड ने महिला कर्मचारियों को पीरियड के दौरान होने वाली समस्या को देखते हुए सरकार को वर्क फ्रॉम होम देने के सुझाव का प्रस्ताव पास किया (Proposal of work form home during menstrual cycle) है. समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा ने बताया कि बैठक में राज्य बोर्ड की और से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन प्रारम्भ करने के लिए आज साधारण सभा की बैठक में 9 प्रस्ताव पास किए हैं. इसमें महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान वर्क फ्रॉम होम के प्रावधान महत्वपूर्ण हैं.
ये 9 प्रस्ताव हुए पास: बोर्ड अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा ने बताया कि बोर्ड का गठन राज्य में विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं, महिला एवं बच्चों के कल्याण एवं उत्थान के लिए प्रभावी नीति का निर्धारण एवं उनके सामाजिक कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से किया गया है. इस संबंध में बोर्ड समय-समय पर सुझाव भी देता रहा है. आज की बोर्ड मीटिंग में गुड टच-बैड टच कार्यशाला, महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान वर्क फ्रॉम होम के प्रावधान, परिवार परामर्श केन्द्र, वृद्धाश्रम संचालन, यशोदा पालना गृह योजना, अंतरराष्ट्रीय भाषा शिक्षण केन्द्र की स्थापना करने का प्रस्ताव पास हुआ है.
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अर्चना शर्मा ने बताया कि इनके अतिरिक्त राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य और जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन, नशा मुक्ति कार्यक्रम, वृद्ध एवं अशक्त गृह (वृद्धाश्रम) का संचालन समाज कल्याण बोर्ड की ओर से किया जाना और राज्य बोर्ड में स्वैच्छिक संगठनों का डेटा एकत्र कर उन्हें सूचीबद्ध करने संबंधी प्रस्तावों की भी अनुशंषा प्रशासनिक विभाग के माध्यम से स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया.
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आवश्यकता क्यों : अर्चना शर्मा ने बताया कि बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से राज्य में संचालित सभी कॉलेजों, विद्यालयों में राज्य, जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें उन्हें गुड टच-बैड टच एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि निरंतर सामाजिक परिवर्तनों के फलस्वरूप पारिवारिक तनावों में अत्यधिक वृद्धि हो रही है, जिसका असर वैवाहिक रिश्तों पर भी पड़ रहा है. इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परिवार परामर्श केन्द्र स्थापित किये जाने की आवश्यकता है. जहां पर परिवार/महिलाओं की काउंसलिंग की जाए और आवश्यकता पड़ने पर समुचित विधिक सहायता भी प्रदान की जाए.
शर्मा ने बोर्ड की ओर से यशोदा पालनागृह योजना का भी संचालन किये जाने का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल के साथ-साथ, बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए शिक्षापूरक मनोरंजन एवं पोषाहार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को सिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भाषा शिक्षण केन्द्र की स्थापना की जानी प्रस्तावित है. केन्द्र के माध्यम से भाषा सीखकर युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा. बैठक में बोर्ड उपाध्यक्ष मीनाक्षी चंद्रावत, सदस्य श्रद्वा आर्य, आस्था अग्रवाल, हुकुम मीणा, सीमा चौरडिया, डॉ चन्द्रीका, तारा बेनीवाल, भावना सैनी और विभिन्न शासकीय सदस्य उपस्थित रहे.