जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तकनीकी कारणों के चलते गैर आरएएस से आईएएस के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी अंतरिम रोक को 10 अगस्त तक बढ़ा दिया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश किया गया शपथ पत्र रिकॉर्ड पर नहीं आ पाया. जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 10 अगस्त तक टाल दी.
दरअसल याचिका में कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत आईएएस के 66.67 प्रतिशत सीधी भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के प्रशासनिक अफसरों की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है. वहीं अपवाद परिस्थिति में ही इस 33.33 प्रतिशत कोटे में से कुछ पद अन्य सेवा के अफसरों से भरे जा सकते हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से हर साल अन्य सेवा के अफसरों से आईएएस पद पर पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है.
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पूर्व में गैर आरएएस से पदोन्नत हुए आईएएस का पद खाली होने पर राज्य सरकार इस पद को गैर आरएएस को ही पदोन्नत कर भरती है. ऐसे में राज्य सरकार नियमों के खिलाफ जाकर गैर आरएएस की पदोन्नति के लिए कोटा तय नहीं कर सकती. यह ना केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए तय किए पदोन्नति के पदों पर भी अतिक्रमण है. इस मामले में हाईकोर्ट ने 7 जुलाई के अंतरिम आदेश से गैर आरएएस को आईएएस पद पर पदोन्नत करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी. वहीं पिछली सुनवाई पर गैर आरएएस अधिकारी एसोसिएशन को भी इंटर्वीनर बनने की मंजूरी दी थी.