जयपुर. राजस्थान के उदयपुर में हनुमान जन्मोत्सव के दिन उदयपुर कलेक्टर की ओर से धारा 144 लगाने और सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक प्रतीक लगाए जाने पर रोक के मामले को भाजपा ने मुद्दा बना लिया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति का प्रमाण पत्र बताया है. भाजपा के आरोपों पर प्रदेश के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सामने आए और उन्होंने कलेक्टर के इन आदेशों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवैधानिक अधिकार बताया.
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है कि वो न तो रामनवमी के दिन पिछली बार की तरह दंगे करवाने में कामयाब हो सकी और न ही हनुमान जन्मोत्सव पर भाजपा दंगे करवा पाई. जब दंगे की प्लानिंग फेल हो गई तो अब इन आरोपों से भाजपा मेवाड़ की धरती पर केवल माहौल बिगाड़ना चाहती है. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा या किसी भी पार्टी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.
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उन्होंने कहा कि जो भी आदमी धर्म, जाति के नाम पर कानून हाथ में लेकर दंगे फैलाएगा, उसे बंद करेंगे. क्योंकि कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. प्रताप सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अगर कोई कलेक्टर 144 लगाता है तो वह उसका संवैधानिक अधिकार है. कलेक्टर और पुलिस कानून-व्यवस्था नहीं संभालेगी तो उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी. कानून-व्यवस्था संभालने के लिए धारा 144 लगाने से किसी को क्या परेशानी है. यह कलेक्टर का अधिकार है.
धारा 144 कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई जाती है. इसे पॉजिटिव तरीके से देखना चाहिए. राजस्थान में अगर भाजपा दंगे की प्लानिंग कर रही है तो हम उसे सफल नहीं होने देंगे. खाचरियावास ने कहा कि भाजपा कांग्रेस या देश की अन्य पार्टियां 75 साल से देश में हैं, जबकि केसरिया और हरा रंग सतयुग से साथ रहा है, जो हिंदुस्तान के तिरंगे में भी है. भाजपा को हरे रंग से इतनी ही तकलीफ है तो वह अपने झंडे में से हरे रंग को निकाल दे.