जयपुर. देश में 2 महीने बाद लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसको देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस ने मिशन-25 का टारगेट राजस्थान के लिए बनाया है. सार्वजनिक मंच और पार्टी फोरम पर भले ही कांग्रेस नेता मिशन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हो लेकिन अंदर खाने सभी जानते हैं कि मिशन-25 का लक्ष्य राजस्थान पार करना आसान नहीं है.
कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन की कवायद बीते डेढ़ माह से राजस्थान में चल रही है लेकिन जिताऊ चेहरों को तलाशने में पार्टी नेताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. खासतौर पर राजस्थान की एक मुश्किल सीटों में से एक है जयपुर लोकसभा सीट पर जो पार्टी के लिए किसी सर दर्द से कम नहीं है. कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज इस सीट पर हार का सामना कर चुके हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव ही देख लिजिए कांग्रेस को जयपुर सीट पर साढ़े पांच लाख मतों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था जो देश की सबसे बड़ी हार में से एक थी.
अबतक केवल तीन बार जीता जयपुर
जयपुर लोकसभा सीट की बात करें तो 1952 से लेकर 2014 तक कांग्रेस पार्टी को 3 बार ही सफलता मिली है. 1952 में कांग्रेस के दौलतमल भंडारी, 1984 मैं पंडित नवल किशोर शर्मा और 2009 में महेश जोशी ने यहां से चुनाव जीता था. 1957 से लेकर 1984 तक पार्टी को एक जीत के लिए 27 इंतजार करना पड़ा था. वहीं 1989 से 2009 तक कांग्रेस पार्टी को 20 बाद जीत मिली थी.
खास बात यह है कि जयपुर से तीन बार जीत दर्ज करने वाले नेता ब्राह्मण जाति के रहे हैं. ऐसे में इस बार भी ब्राह्मण वर्क से टिकट की मांग उठ रही है. हालांकि बीता चुनाव भी महेश जोशी ने ही लड़ा था जो ब्राह्मण हैं लेकिन जयपुर सीट पर भाजपा का ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे पर हमेशा भारी पड़ा है. जयपुर लोकसभा सीट से 1962 से लेकर सन 1971 तक स्वतंत्र पार्टी की गायत्री देवी ने चुनाव जीता था तो 1977 और 1980 में सतीश चंद्र अग्रवाल ने जयपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी.
इसके अलावा 11 लोकसभा चुनाव -जयपुर से कोई भी ब्राह्मण उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका. कांग्रेस ने जो तीन बार जीत दर्ज की उन-से दो बार ब्राह्मण ही सीट निकालने में कामयाब रहे. जिन-पंडित नवल किशोर शर्मा और महेश जोशी शामिल हैं. जयपुर की सीट से आज तक सर्वाधिक बार जीतने का रिकॉर्ड गिरधारी लाल भार्गव के नाम रहा जो 1989 से लेकर 2004 तक लगातार 6 बार भाजपा की टिकट से जयपुर सांसद रहे.
इसके अलावा जयपुर राजघराने की पूर्व राजमाता गायत्री देवी 1962 से 1971 तक 3 बार स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रूप -जयपुर लोकसभा सीट से सांसद रहीं. सतीश चंद्र अग्रवाल ने 1977 और फिर 1980 में दो लोकसभा चुनाव जीते. इसके बाद 1989 से गिरधारी लाल भार्गव ने लगातार 6 बार लोकसभा का चुनाव यहां से जीता.
कांग्रेस के लिए यह सीट हमेशा एक बुरा सपना बनकर रही. इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस को लंबा इंतजार करना पड़ा. 2009 के लोकसभा चुनावों में महेश जोशी ने कांग्रेस के लिए हार का सिलसिला तोड़ा और जयपुर सांसद बने. लेकिन उनकी पिछली हार से ये भी साबित हो गया कि आज भी जयपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर ही है.
कांग्रेस को जीत की आस
20 बाद 2009 का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस को लगा था कि उसका ये सूखा खत्म हो गया लेकिन 2014 -मोदी लहर के बीच भाजपा ने उसे बड़े अंतर से हराया. मोदी की आंधी में महेश जोशी तिनके की तरह उड़ गए और एक भाजपा के एक नए चेहरे रामचरण बौहरा सीट निकाल ले गए. हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में आए नतीजों के बाद कांग्रेस को उम्मीद है की वो इस सीट को निकाल लेगी. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जयपुर शहर की 8 विधानसभाओं में से 5 पर जीत दर्ज की है और इसी को वह जीत का आधार मान रहे हैं. हालांकि जयपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस जीत पाती है या नहीं यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे.
जयपुर लोकसभा सीट का इतिहास
- 1952 - दौलतमल- कांग्रेस
- 1957 - हरीश चंद्र शर्मा- निर्दलीय
- 1962 - गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
- 1967 - गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
- 1971 - गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
- 1977 - सतीश चंद्र अग्रवाल- भारतीय लोक दल
- 1980 - सतीश चंद्र अग्रवाल- जनता पार्टी
- 1984 - नवल किशोर शर्मा-कांग्रेस
- 1989- गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 1991- गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 1996 - गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 1998 - गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 1999- गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 2004 - गिरधारी लाल भार्गव- भाजपा
- 2009 - महेश जोशी - कांग्रेस
- 2014 - रामचरण बोहरा- भाजपा