जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और गर्भ ठहरने पर उसका गर्भपात कराने वाले अभियुक्त हीरालाल गुर्जर को बीस साल की कठोर सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ संबंध बनाए हैं और नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखी है. ऐसे संबंधों को दुष्कर्म के तहत ही माना जाएगा.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि अभियुक्त नाबालिग पीड़िता के पड़ोस में रहता था. पड़ोस में रहने के चलते दोनों के बीच बोलचाल थी, ऐसे में अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता का फायदा उठाकर उसके साथ संबंध बनाए. उसने पीड़िता को बहला फुसलाकर उसके साथ रेप किया. वहीं पीड़िता के गर्भवती होने पर दवा देकर उसका गर्भपात करा दिया. इस दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराने पर घटना की जानकारी सामने आई.
पीड़िता ने अस्पताल में 14 जनवरी 2022 को पुलिस को बयान दिए थे कि आरोपी ने उसके साथ दो माह पहले सहमति से संबंध बनाए थे, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. वहीं गर्भपात के उद्देश्य से आरोपी ने उसे दवा दी थी. जिसके बाद उसके अत्यधिक रक्तस्राव हो गया और उसकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़िता की ओर से यह भी कहा गया कि सब उसकी मर्जी से हुआ था और वह आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहती है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 15 जनवरी को अभियुक्त को गिरफ्तार किया और तीन दिन के भीतर जांच पूरी कर अदालत में आरोप पत्र पेष कर दिया.