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Pocso court: नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा

पॉक्सो मामले की विशेष अदालत ने नाबालिग (Pocso court sentenced) के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा सुनाई है.

Pocso court sentenced,  Pocso court
अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा.
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Published : Jul 22, 2023, 7:47 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त मानसिंह को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो भी यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है.

नाबालिग पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. वहीं अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह सही है कि अभियुक्त और पीड़िता के पिता के बीच लेनदेन का विवाद चल रहा था, लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की गरिमा को दांव पर लगाकर ऐसा घृणित आरोप नहीं लगा सकता. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने अदालत को बताया कि 16 अप्रैल, 2019 को पीड़िता के भाई ने खोनागोरियान थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग बहन घर से बिना बताए कहीं चली गई है. ऐसे में उसकी तलाश की जाए. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से कहा गया कि अभियुक्त उसे देर रात ऑटो में बैठाकर चौमूं ले गया था, यहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

वहीं, अगले दिन अभियुक्त के माता-पिता के फोन करने पर अभियुक्त उसे घर के पास छोड़कर भाग गया था. दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता के पिता ने उससे रुपए उधार लिए थे. रुपए वापस देने के नाम पर उसने चेक दिया था, जो बाउंस हो गया. इसे लेकर उसने पीड़िता के पिता के खिलाफ चेक अनादरण का मामला दर्ज कराया था. इसके चलते उसने उसके खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करा दिया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त मानसिंह को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो भी यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है.

नाबालिग पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. वहीं अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह सही है कि अभियुक्त और पीड़िता के पिता के बीच लेनदेन का विवाद चल रहा था, लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की गरिमा को दांव पर लगाकर ऐसा घृणित आरोप नहीं लगा सकता. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने अदालत को बताया कि 16 अप्रैल, 2019 को पीड़िता के भाई ने खोनागोरियान थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग बहन घर से बिना बताए कहीं चली गई है. ऐसे में उसकी तलाश की जाए. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से कहा गया कि अभियुक्त उसे देर रात ऑटो में बैठाकर चौमूं ले गया था, यहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया.

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वहीं, अगले दिन अभियुक्त के माता-पिता के फोन करने पर अभियुक्त उसे घर के पास छोड़कर भाग गया था. दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता के पिता ने उससे रुपए उधार लिए थे. रुपए वापस देने के नाम पर उसने चेक दिया था, जो बाउंस हो गया. इसे लेकर उसने पीड़िता के पिता के खिलाफ चेक अनादरण का मामला दर्ज कराया था. इसके चलते उसने उसके खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करा दिया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है.

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