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Pocso court: दुष्कर्म के बाद पीड़िता से शादी करना बचाव नहीं, अभियुक्त पति को दस साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का (sentenced 10 years imprisonment) अपहरण करके उससे दुष्कर्म करने के वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा सुनाई है.

Pocso court sentenced,  sentenced 10 years imprisonment
अभियुक्त पति को दस साल की सजा.
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Published : Jul 20, 2023, 9:41 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 17 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने प्रकरण की पीड़िता के वयस्क होने पर शादी भी कर ली है तो इससे प्रकरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी. कानून में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है. पीड़िता के बालिग होने पर उससे शादी करने पर नाबालिग रहने के दौरान हुई घटना के संबंध में अभियुक्त को नहीं छोड़ा जा सकता.

सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बच्चे के साथ अदालत में हाजिर हुई. उसने अदालत को बताया कि वह अभियुक्त के साथ शादी कर सुखपूर्वक रह रही है और उनके संतान भी हुई है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाया जाए. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 23 सितंबर 2020 को 17 वर्षीय पीड़िता के भाई ने जोबनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

रिपोर्ट में कहा गया कि उसके चाचा की बेटी 18 सितंबर को घर से बिना बताए कहीं चली गई है और काफी तलाश करने के बाद भी उसकी जानकारी नहीं मिल रही है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त उसे अपने साथ महाराष्ट्र ले गया था और उसके साथ कई बार संबंध बनाए थे. वहीं सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा कि वह मर्जी से उसके साथ गई थी और मर्जी से संबंध बनाए थे. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 17 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने प्रकरण की पीड़िता के वयस्क होने पर शादी भी कर ली है तो इससे प्रकरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी. कानून में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है. पीड़िता के बालिग होने पर उससे शादी करने पर नाबालिग रहने के दौरान हुई घटना के संबंध में अभियुक्त को नहीं छोड़ा जा सकता.

सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बच्चे के साथ अदालत में हाजिर हुई. उसने अदालत को बताया कि वह अभियुक्त के साथ शादी कर सुखपूर्वक रह रही है और उनके संतान भी हुई है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाया जाए. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 23 सितंबर 2020 को 17 वर्षीय पीड़िता के भाई ने जोबनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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रिपोर्ट में कहा गया कि उसके चाचा की बेटी 18 सितंबर को घर से बिना बताए कहीं चली गई है और काफी तलाश करने के बाद भी उसकी जानकारी नहीं मिल रही है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त उसे अपने साथ महाराष्ट्र ले गया था और उसके साथ कई बार संबंध बनाए थे. वहीं सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा कि वह मर्जी से उसके साथ गई थी और मर्जी से संबंध बनाए थे. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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