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Pocso court verdict: नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के अभियुक्त को बीस साल की कैद

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने दुष्कर्म (Pocso court has sentenced 20 years imprisonment) के मामले में एक अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

accused of kidnapping and raping a minor,  Pocso court verdict
दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा.
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Published : Feb 4, 2023, 8:42 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 2 महानगर द्वितीय ने 14 साल की नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त पवन कुमार को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा कि उसकी पत्नी साढ़े सात माह की गर्भवती है. ऐसे में उसकी सजा में नरमी बरती जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि उसने 14 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा अपराध किया है. ऐसे में उसके प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसे शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचाया है. ऐसे में यदि उसके प्रति नरमी का रुख रखा गया तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे. ऐसे में उसके प्रति सहानुभूति नहीं रखी जा सकती.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को सुनाई फांसी की सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण कुमार जाटावत ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 26 जुलाई, 2020 को ब्रहमपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं पीड़िता ने अपने बयानों में कहा था कि अभियुक्त उसे एक फार्म हाउस और वजीरपुर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. वहीं डीएनए रिपोर्ट में भी आया कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. इसके साथ ही अभियुक्त पक्ष की ओर से पीड़िता के नाबालिग होने पर भी सवाल उठाए गए. वहीं दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने माना कि पीड़िता नाबालिग है और अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 2 महानगर द्वितीय ने 14 साल की नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त पवन कुमार को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा कि उसकी पत्नी साढ़े सात माह की गर्भवती है. ऐसे में उसकी सजा में नरमी बरती जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि उसने 14 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा अपराध किया है. ऐसे में उसके प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसे शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचाया है. ऐसे में यदि उसके प्रति नरमी का रुख रखा गया तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे. ऐसे में उसके प्रति सहानुभूति नहीं रखी जा सकती.

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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण कुमार जाटावत ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 26 जुलाई, 2020 को ब्रहमपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं पीड़िता ने अपने बयानों में कहा था कि अभियुक्त उसे एक फार्म हाउस और वजीरपुर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. वहीं डीएनए रिपोर्ट में भी आया कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. इसके साथ ही अभियुक्त पक्ष की ओर से पीड़िता के नाबालिग होने पर भी सवाल उठाए गए. वहीं दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने माना कि पीड़िता नाबालिग है और अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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