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Pocso Court Decision: दुष्कर्म पीड़िता और परिजन बयान से मुकरे, मेडिकल आधार पर सुनाई आरोपी को उम्रकैद - etv bharat Rajasthan news

पॉक्सो कोर्ट में आए दुष्कर्म मामले में नाबालिग (Pocso Court Decision) और उसके परिजन अपने बयान से मुकर गए. इस पर कोर्ट ने मेडिकल प्रपत्रों औऱ जांच के तथ्यों के आधार पर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई.

Pocso Court Decision
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Published : Nov 3, 2022, 9:54 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत (Pocso Court Decision) ने घर में घुसकर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त भगवान बैरवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सुनवाई के दौरान पीडिता और उसके माता-पिता के पक्षद्रोही होने के बाद भी अदालत ने डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त (life imprisonment to accused on medical grounds) को सजा सुनाई है.

अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था और उसकी पुष्टि डीएनए जांच सहित अन्य मेडिकल साक्ष्य में हो गई है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 21 मार्च 2021 को पीड़िता के पिता ने दूदू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 20 मार्च को पीड़िता घर में कमरे के अंदर थी. इसी दौरान पड़ोसी अभियुक्त घर की दीवार कूदकर कमरे में आ गया और उसके साथ दुष्कर्म किया.

पढ़ें. पॉक्सो कोर्ट ने बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को सुनाई फांसी की सजा

पीड़िता ने परिजनों के खेत से वापस आने पर इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता सहित उसके परिजन पूर्व दिए बयानों से मुकर (Rape victim and family retracted from statement) गए. इस पर अदालत ने उन्हें पक्षद्रोही घोषित करते हुए मेडिकल साक्ष्य के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत (Pocso Court Decision) ने घर में घुसकर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त भगवान बैरवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सुनवाई के दौरान पीडिता और उसके माता-पिता के पक्षद्रोही होने के बाद भी अदालत ने डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त (life imprisonment to accused on medical grounds) को सजा सुनाई है.

अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था और उसकी पुष्टि डीएनए जांच सहित अन्य मेडिकल साक्ष्य में हो गई है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 21 मार्च 2021 को पीड़िता के पिता ने दूदू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 20 मार्च को पीड़िता घर में कमरे के अंदर थी. इसी दौरान पड़ोसी अभियुक्त घर की दीवार कूदकर कमरे में आ गया और उसके साथ दुष्कर्म किया.

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पीड़िता ने परिजनों के खेत से वापस आने पर इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता सहित उसके परिजन पूर्व दिए बयानों से मुकर (Rape victim and family retracted from statement) गए. इस पर अदालत ने उन्हें पक्षद्रोही घोषित करते हुए मेडिकल साक्ष्य के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई.

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