जयपुर. पीएम श्री योजना के तहत राजस्थान में सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बदला जाएगा. स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और टेक फ्रेंडली लाइब्रेरी होगी. एक्सपेरिमेंटल, ट्रांसफॉर्मेशनल और ऑलराउंड डवलपमेंट मैथड पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे बच्चों में रिसर्च करने की क्षमता विकसित हो सके. उन्हें खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा. पीएम श्री योजना यानी कि प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया योजना के तहत प्रदेश के हर ब्लॉक से दो स्कूलों एक सीनियर सेकेंडरी और एक अपर प्राइमरी स्कूल का चयन किया जाना है.
बीते दिनों विभाग ने इसके लिए स्कूलों से आवेदन भी मांगे थे. इन स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से होगा. यानी आवेदन करने वाले स्कूलों का पहले भौतिक सत्यापन होगा और मापदंड पूरा करने वाले स्कूलों को ही इसमें शामिल किया जाना है. प्रदेश में इस योजना के तहत तकरीबन 1500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि पीएम श्री योजना के तहत स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट होगा.
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मुख्यमंत्री से अनुमोदन के बाद भारत सरकार से एमओयू किया गया था. प्रदेश के सभी 358 ब्लॉक के दोनों स्कूलों को योजना के तहत चिह्नित किया जाना है. इसमें एक सीनियर सेकेंडरी और एक अपर प्राइमरी स्कूल शामिल किया जाएगा. प्रथम चरण में 654 स्कूल का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है. अप्रैल में भारत सरकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी. फिलहाल, स्कूलों के चयन की प्रक्रिया राज्य स्तर पर की जा रही है. हर स्कूल को दो से ढाई करोड़ रुपए मिलने की संभावना जताई जा रही है.
इस आधार पर चयन :
- स्कूल में कमरों की स्थिति : कक्षा कक्ष, प्रधानाचार्य कक्ष, स्टाफ कक्ष, कार्यालय कक्ष, परीक्षा कक्ष, स्टोर कक्ष, किचन, प्रार्थना हॉल, सभा भवन. पांचवीं, आठवीं, दसवीं और सीनियर सेकेंडरी कक्षा का पिछले पांच साल का परीक्षा परिणाम.
- स्कूल में भौतिक सुविधाएं : पीने का पानी, छात्र छात्राओं के लिए टॉयलेट, किचन शेड, खेल मैदान, चारदीवारी, आपदा प्रबंधन के लिए व्यवस्था. स्कूल में विज्ञान प्रयोगशाला, आईसीटी और अन्य प्रयोगशालाएं और उनका उपयोग.
- स्कूल का संस्थापन विवरण : स्कूल का नाम, पद नाम और पदों की स्थिति. आमजन के मध्य स्कूल की छवि, 10 से 15 व्यक्तियों के नाम, पते और उनके स्कूल के प्रति विचार.
- स्कूल में सह शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन.
- आंगनबाड़ी केंद्र का स्कूल परिसर में संचालन.
- स्कूल में दानदाता/भामाशाहों की सक्रियता.
- स्कूल में पर्यावरण के प्रति जागरुकता की गतिविधियां.
- स्कूल का समग्र मूल्यांकन.
- ग्राम पंचायत का स्कूल से जुड़ाव.
- स्कूल में खेलकूद की व्यवस्थाएं, लाइब्रेरी का उपयोग, स्वास्थ्य परीक्षण और अन्य सुविधाएं.
- स्कूल के संस्था प्रधान की सक्रियता.
आपको बता दें कि राजस्थान के करीब 65 हजार स्कूलों में से 21 हजार स्कूलों का चिह्नित किया गया था. चयन की प्रक्रिया अपनाते हुए 13 हजार स्कूलों को शॉर्टलिस्ट किया गया. अब 13 हजार स्कूलों में से स्टेट लेवल की कमेटी 716 स्कूल चुनेगी, लेकिन फिलहाल भारत सरकार ने 654 स्कूलों को सेलेक्ट करने के निर्देश दिए हैं.