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BJP Mission Rajasthan: कल राजस्थान आएंगे पीएम मोदी, मेवाड़ और मारवाड़ से होगा चुनावी आगाज, समझें दौरे के सियासी मायने - मेवाड़ और मारवाड़ से होगा चुनावी आगाज

पीएम नरेंद्र मोदी 10 मई यानी बुधवार को राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान पीएम राजस्थान को रेलवे, हाईवे और मेडिकल से जुड़ी कई बड़ी सौगातें देंगे. साथ ही मारवाड़ और मेवाड़ में भाजपा की सियासी जमीन को भी आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से मजबूत (PM Modi takes charge of Rajasthan) करेंगे.

BJP Mission Rajasthan
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Published : May 9, 2023, 5:20 PM IST

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम का ये दौरा कई मायनों में खास है, क्योंकि अपने इस दौरे के दौरान पीएम राजस्थान को रेलवे, हाईवे और मेडिकल से जुड़ी एक साथ कई बड़ी सौगातें देने वाले हैं. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीएम मारवाड़ और मेवाड़ में भाजपा की सियासी जमीन को मजबूत करने की भी कोशिश करेंगे. दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद अब भाजपा पूरी तरह से राजस्थान पर फोकस बनाए हुए है. राज्य में 5-6 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अब पार्टी पीएम के दौरे के साथ ही चुनावी आगाज करने जा रही है. इसके लिए भाजपा ने मेवाड़ और मारवाड़ की जमीन को चुना है. पीएम यहां अपने दौरे के दौरान सबसे पहले नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर पहुंचेंगे, जहां पूजा-अर्चना के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे. राज्य के सियासी जानकारों की मानें तो पीएम मोदी के इस दौरे का जोधपुर और उदयपुर संभाग की 61 सीटों पर असर पड़ेगा.

5वीं बार राजस्थान आ रहे पीएम - प्रदेश में इसी साल चुनाव होने हैं. ऐसे में भाजपा के केंद्रीय नेताओं की नजरें राजस्थान पर टिकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 9 महीनों में 5वीं बार राजस्थान आ रहे हैं. पहली बार 30 सितंबर, 2022 को पीएम अम्बा माता के दर्शन के लिए सिरोही आए थे. हालांकि, तब मोदी कार्यक्रम में काफी देर से पहुंचे. इसलिए उन्होंने मंच पर आकर जनसभा में उपस्थित लोगों को प्रणाम करते हुए देरी से आने पर माफी भी मांगी थी. साथ ही नियमों का हवाला देते हुए माइक पर जनसभा को संबोधित नहीं किया और सिर्फ इतना ही कहा था कि जल्द ही वो वापस लोगों के बीच हाजिर होंगे. दूसरी बार 1 नवंबर, 2022 को आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम आए तो तीसरी बार 28 जनवरी, 2023 को गुर्जर समाज की ओर से आयोजित देवनारायण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए भीलवाड़ा आए थे. चौथी बार 12 फरवरी, 2023 को दौसा में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे के दिल्ली दौसा लालसोट मार्ग का शुभारम्भ करने के लिए पहुंचे थे और अब 5वीं बार 10 मई को सिरोही के आबूरोड आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - पीएम मोदी कल देंगे राजस्थान की जनता को करोड़ों रुपए की सौगात

इन सीटों पर पड़ेगा असर - पीएम मोदी की सभा का असर वैसे तो मारवाड़ और मेवाड़ की सभी सीटों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पड़ने वाला है. लेकिन सिरोही, जालोर, पाली, उदयपुर और राजसमंद भी इससे अछूता नहीं रहेगा. हालांकि, दक्षिण राजस्थान के जिलों में भाजपा की स्थिति पहले से ही मजबूत है. इन पांच जिलों में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से 19 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. दक्षिण राजस्थान के अन्य तीन जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में कुल 11 सीट हैं. इनमें से अभी भाजपा के कब्जे में महज तीन ही सीटें हैं.

इधर, पाली की छह सीटों में से पांच सीटें भाजपा के पास है. मारवाड़ जंक्शन को छोड़कर सोजत, पाली, जैतारण, बाली और सुमेरपुर में अभी भाजपा के विधायक हैं. इसी प्रकार मारवाड़ जंक्शन सीट पर निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह हैं, जो कांग्रेस से बगावत करके चुनाव लड़े थे. साल 2013 के चुनाव में यहां कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं थी. सभी छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था. इसी तरह से सिरोही जिले में कुल तीन सीटें हैं, जिनमें से दो पिंडवाड़ा-आबू और रेवदर सीट भाजपा के कब्जे में है. सिरोही सीट पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा हैं, जो मौजूदा समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार भी हैं. 2013 के चुनाव में सिरोही की तीनों सीटें भाजपा ने जीती थी.

पढ़ेंः पीएम मोदी कल राजस्थान के दौरे पर आएंगे, नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन और जनसभा को करेंगे संबोधित

बात अगर जालोर की करें तो यहां की पांच सीटों में से चार सीट भाजपा के पास है. इनमें अहोर, जालोर, भीनमाल और रानीवाड़ा सीट शामिल हैं. जबकि सांचौर कांग्रेस के कब्जे में है. यहां से भाजपा पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है. उदयपुर की 8 में से 6 सीटें गोगुंदा, झाड़ोल, उदयपुर ग्रामीण, उदयपुर शहर, मावली और सलूंबर पर भाजपा काबिज है. वहीं, कांग्रेस के पास यहां सिर्फ वल्लभनगर और खैरवाड़ा सीट है. इसी तरह राजसमंद जिले में कुल 4 सीटें हैं. इनमें से दो सीटें कुंभलगढ़ और राजसमंद भाजपा के पास है. जबकि दो सीटें नाथद्वारा और भीम कांग्रेस के पास है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी नाथद्वारा से ही विधायक हैं. हालांकि, 2013 के चुनाव में भाजपा ने राजसमंद की चारों सीटों पर जीत हासिल की थी.

उदयपुर और जोधपुर पर फोकस - वैसे तो मारवाड़ और मेवाड़ में हमेशा से ही ये ट्रेड रहा है कि जिस भी सियासी पार्टी को यहां जीत मिली राज्य में उसी की सरकार बनती है. हालांकि, पिछली बार मारवाड़ में तो कांग्रेस की अच्छी पकड़ रही, लेकिन मेवाड़ में भाजपा का प्रभुत्व कायम रहा. सियासी गणित के आंकड़े बताते हैं कि मेवाड़ में 28 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें 2018 के चुनाव में कांग्रेस के पास 10, भाजपा के पास 15 और 3 अन्य के पास रही थी. जबकि मारवाड़ में कांग्रेस को 16, भाजपा को 14 , 1 आरएलपी व 2 अन्य के खाते में गई थी. ऐसे में अब पीएम मोदी अपने पांच घंटे के दौरे में मारवाड़ और मेवाड़ की 61 सीटों पर सियासी संदेश के जरिए भाजपा को इन दोनों ही संभागों में मजबूत करने की कोशिश करेंगे.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम का ये दौरा कई मायनों में खास है, क्योंकि अपने इस दौरे के दौरान पीएम राजस्थान को रेलवे, हाईवे और मेडिकल से जुड़ी एक साथ कई बड़ी सौगातें देने वाले हैं. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीएम मारवाड़ और मेवाड़ में भाजपा की सियासी जमीन को मजबूत करने की भी कोशिश करेंगे. दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद अब भाजपा पूरी तरह से राजस्थान पर फोकस बनाए हुए है. राज्य में 5-6 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अब पार्टी पीएम के दौरे के साथ ही चुनावी आगाज करने जा रही है. इसके लिए भाजपा ने मेवाड़ और मारवाड़ की जमीन को चुना है. पीएम यहां अपने दौरे के दौरान सबसे पहले नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर पहुंचेंगे, जहां पूजा-अर्चना के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे. राज्य के सियासी जानकारों की मानें तो पीएम मोदी के इस दौरे का जोधपुर और उदयपुर संभाग की 61 सीटों पर असर पड़ेगा.

5वीं बार राजस्थान आ रहे पीएम - प्रदेश में इसी साल चुनाव होने हैं. ऐसे में भाजपा के केंद्रीय नेताओं की नजरें राजस्थान पर टिकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 9 महीनों में 5वीं बार राजस्थान आ रहे हैं. पहली बार 30 सितंबर, 2022 को पीएम अम्बा माता के दर्शन के लिए सिरोही आए थे. हालांकि, तब मोदी कार्यक्रम में काफी देर से पहुंचे. इसलिए उन्होंने मंच पर आकर जनसभा में उपस्थित लोगों को प्रणाम करते हुए देरी से आने पर माफी भी मांगी थी. साथ ही नियमों का हवाला देते हुए माइक पर जनसभा को संबोधित नहीं किया और सिर्फ इतना ही कहा था कि जल्द ही वो वापस लोगों के बीच हाजिर होंगे. दूसरी बार 1 नवंबर, 2022 को आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम आए तो तीसरी बार 28 जनवरी, 2023 को गुर्जर समाज की ओर से आयोजित देवनारायण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए भीलवाड़ा आए थे. चौथी बार 12 फरवरी, 2023 को दौसा में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे के दिल्ली दौसा लालसोट मार्ग का शुभारम्भ करने के लिए पहुंचे थे और अब 5वीं बार 10 मई को सिरोही के आबूरोड आ रहे हैं.

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इन सीटों पर पड़ेगा असर - पीएम मोदी की सभा का असर वैसे तो मारवाड़ और मेवाड़ की सभी सीटों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पड़ने वाला है. लेकिन सिरोही, जालोर, पाली, उदयपुर और राजसमंद भी इससे अछूता नहीं रहेगा. हालांकि, दक्षिण राजस्थान के जिलों में भाजपा की स्थिति पहले से ही मजबूत है. इन पांच जिलों में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से 19 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. दक्षिण राजस्थान के अन्य तीन जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में कुल 11 सीट हैं. इनमें से अभी भाजपा के कब्जे में महज तीन ही सीटें हैं.

इधर, पाली की छह सीटों में से पांच सीटें भाजपा के पास है. मारवाड़ जंक्शन को छोड़कर सोजत, पाली, जैतारण, बाली और सुमेरपुर में अभी भाजपा के विधायक हैं. इसी प्रकार मारवाड़ जंक्शन सीट पर निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह हैं, जो कांग्रेस से बगावत करके चुनाव लड़े थे. साल 2013 के चुनाव में यहां कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं थी. सभी छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था. इसी तरह से सिरोही जिले में कुल तीन सीटें हैं, जिनमें से दो पिंडवाड़ा-आबू और रेवदर सीट भाजपा के कब्जे में है. सिरोही सीट पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा हैं, जो मौजूदा समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार भी हैं. 2013 के चुनाव में सिरोही की तीनों सीटें भाजपा ने जीती थी.

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बात अगर जालोर की करें तो यहां की पांच सीटों में से चार सीट भाजपा के पास है. इनमें अहोर, जालोर, भीनमाल और रानीवाड़ा सीट शामिल हैं. जबकि सांचौर कांग्रेस के कब्जे में है. यहां से भाजपा पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है. उदयपुर की 8 में से 6 सीटें गोगुंदा, झाड़ोल, उदयपुर ग्रामीण, उदयपुर शहर, मावली और सलूंबर पर भाजपा काबिज है. वहीं, कांग्रेस के पास यहां सिर्फ वल्लभनगर और खैरवाड़ा सीट है. इसी तरह राजसमंद जिले में कुल 4 सीटें हैं. इनमें से दो सीटें कुंभलगढ़ और राजसमंद भाजपा के पास है. जबकि दो सीटें नाथद्वारा और भीम कांग्रेस के पास है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी नाथद्वारा से ही विधायक हैं. हालांकि, 2013 के चुनाव में भाजपा ने राजसमंद की चारों सीटों पर जीत हासिल की थी.

उदयपुर और जोधपुर पर फोकस - वैसे तो मारवाड़ और मेवाड़ में हमेशा से ही ये ट्रेड रहा है कि जिस भी सियासी पार्टी को यहां जीत मिली राज्य में उसी की सरकार बनती है. हालांकि, पिछली बार मारवाड़ में तो कांग्रेस की अच्छी पकड़ रही, लेकिन मेवाड़ में भाजपा का प्रभुत्व कायम रहा. सियासी गणित के आंकड़े बताते हैं कि मेवाड़ में 28 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें 2018 के चुनाव में कांग्रेस के पास 10, भाजपा के पास 15 और 3 अन्य के पास रही थी. जबकि मारवाड़ में कांग्रेस को 16, भाजपा को 14 , 1 आरएलपी व 2 अन्य के खाते में गई थी. ऐसे में अब पीएम मोदी अपने पांच घंटे के दौरे में मारवाड़ और मेवाड़ की 61 सीटों पर सियासी संदेश के जरिए भाजपा को इन दोनों ही संभागों में मजबूत करने की कोशिश करेंगे.

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