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पायलट कैंप के निशाने पर CM के चहेते, नोटिसधारियों पर कार्रवाई की मांग, जोशी एक तो धारीवाल छोड़ सकते हैं दो पद

राजस्थान में जारी सियासी संग्राम का फिलहाल समापन संभव (Rajasthan political crisis) नहीं दिख रहा है, लेकिन करीब महीने भर की चुप्पी के बाद अब पायलट समर्थकों ने हमले तेज कर दिए हैं. मंत्री गढ़ा ने तो आलाकमान से नोटिसधारी मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई व बर्खास्तगी की मांग की है. वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि मंत्री जोशी और धारीवाल अतिरिक्त पदों के भार को छोड़ सकते हैं.

Rajasthan political crisis
पायलट कैंप के निशाने पर CM के चहेते
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Published : Nov 2, 2022, 12:18 PM IST

Updated : Nov 2, 2022, 12:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट अब भी (Rajasthan political crisis) बरकरार है. करीब महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर गहलोत और पायलट खेमे के नेता आमने-सामने हैं. दोनों ही ओर से जुबानी बाण दागे जा रहे हैं. इस बीच पायलट खेमे के विधायकों ने पार्टी आलाकमान से उन नेताओं की बर्खास्तगी की मांग की है, जिन्हें विधायक दल की बैठक को दरकिनार करने और इस्तीफा देने की सूरत में कारण बताओ नाटिस जारी किया गया था. यानी कि पायलट समर्थकों के निशाने पर सीएम गहलोत के चहेते मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांतिलाल धारीवाल (Increased difficulties of Shantilal Dhariwal) और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ हैं.

सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के करीबियों में शुमार मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो यहां तक कह दिया कि आलाकमान की साख ही इन तीन नेताओं की बर्खास्तगी पर निर्भर है, क्योंकि इनके कृत्य से पार्टी की छवि को खासा नुकसान हुआ है. ऐसे में इन नेताओं की बर्खास्तगी से एक कड़ा संदेश जाएगा. साथ ही सख्त कार्रवाई से आलाकमान की विश्वसनीयता बरकरार रहेगी.

इसे भी पढ़ें - Special : एक दूसरे के लिए क्या कह गए मोदी-गहलोत ? लग रहे कयास...

सीएम के चहेतों से पायलट खेमे के नेता इसलिए भी नाराज हैं, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात से लेकर सरकारी कार्यक्रमों तक में गहलोत के करीबी अग्रिम पंक्ति में होते हैं. वहीं, मौजूदा समय में तो आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ अब खुले तौर पर पायलट गुट के नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. यही कारण है कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा आलाकमान से गहलोत के चहेतों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं. लेकिन यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि पार्टी नोटिसधारियों पर आगे क्या रुख अख्तियार करती है.

कहते हैं कि सन्नाटा संकट का संकेत देता है और मल्लिकार्जन खड़गे के बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान संभालने के बाद से ही गहलोत खेमे में घबराहट की आहट के संकेत मिलने लगे हैं. वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि अब जल्द ही मंत्री महेश जोशी एक पद तो मंत्री शांतिलाल धारीवाल दो पदों को छोड़ सकते हैं. साथ ही अगर आलाकमान की ओर से कोई कार्रवाई हुई तो फिर राठौड़ का आरटीडीसी के चेयरमैन पद से जाना भी तय होगा. हालांकि, कारण बताओ नोटिस के बाद से ही मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांतिलाल धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की आशंका बनी हुई है.

गौर हो कि वर्तमान में महेश जोशी मुख्य सचेतक के साथ ही जलदाय मंत्री और शांतिलाल धारीवाल यूडीएच के अलावा राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. ऐसे में ये दोनों ही नेता आगे अतिरिक्त पदों के भार से खुद को अलग करने की घोषणा कर सकते हैं. लेकिन धर्मेंद्र राठौड़ पर अगर आलाकमान ने कार्रवाई की तो फिर उनका आरटीडीसी का चेयरमैन पद जाना तय है.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट अब भी (Rajasthan political crisis) बरकरार है. करीब महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर गहलोत और पायलट खेमे के नेता आमने-सामने हैं. दोनों ही ओर से जुबानी बाण दागे जा रहे हैं. इस बीच पायलट खेमे के विधायकों ने पार्टी आलाकमान से उन नेताओं की बर्खास्तगी की मांग की है, जिन्हें विधायक दल की बैठक को दरकिनार करने और इस्तीफा देने की सूरत में कारण बताओ नाटिस जारी किया गया था. यानी कि पायलट समर्थकों के निशाने पर सीएम गहलोत के चहेते मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांतिलाल धारीवाल (Increased difficulties of Shantilal Dhariwal) और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ हैं.

सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के करीबियों में शुमार मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो यहां तक कह दिया कि आलाकमान की साख ही इन तीन नेताओं की बर्खास्तगी पर निर्भर है, क्योंकि इनके कृत्य से पार्टी की छवि को खासा नुकसान हुआ है. ऐसे में इन नेताओं की बर्खास्तगी से एक कड़ा संदेश जाएगा. साथ ही सख्त कार्रवाई से आलाकमान की विश्वसनीयता बरकरार रहेगी.

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सीएम के चहेतों से पायलट खेमे के नेता इसलिए भी नाराज हैं, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात से लेकर सरकारी कार्यक्रमों तक में गहलोत के करीबी अग्रिम पंक्ति में होते हैं. वहीं, मौजूदा समय में तो आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ अब खुले तौर पर पायलट गुट के नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. यही कारण है कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा आलाकमान से गहलोत के चहेतों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं. लेकिन यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि पार्टी नोटिसधारियों पर आगे क्या रुख अख्तियार करती है.

कहते हैं कि सन्नाटा संकट का संकेत देता है और मल्लिकार्जन खड़गे के बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान संभालने के बाद से ही गहलोत खेमे में घबराहट की आहट के संकेत मिलने लगे हैं. वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि अब जल्द ही मंत्री महेश जोशी एक पद तो मंत्री शांतिलाल धारीवाल दो पदों को छोड़ सकते हैं. साथ ही अगर आलाकमान की ओर से कोई कार्रवाई हुई तो फिर राठौड़ का आरटीडीसी के चेयरमैन पद से जाना भी तय होगा. हालांकि, कारण बताओ नोटिस के बाद से ही मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांतिलाल धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की आशंका बनी हुई है.

गौर हो कि वर्तमान में महेश जोशी मुख्य सचेतक के साथ ही जलदाय मंत्री और शांतिलाल धारीवाल यूडीएच के अलावा राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. ऐसे में ये दोनों ही नेता आगे अतिरिक्त पदों के भार से खुद को अलग करने की घोषणा कर सकते हैं. लेकिन धर्मेंद्र राठौड़ पर अगर आलाकमान ने कार्रवाई की तो फिर उनका आरटीडीसी का चेयरमैन पद जाना तय है.

Last Updated : Nov 2, 2022, 12:39 PM IST
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