जयपुर. प्रदेश की जनता के लिए राहत की खबर है. पीएचईडी विभाग के इंजीनियरों ने बुधवार को जलदाय मंत्री महेश जोशी के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी (PHED engineers strike ends in Jaipur) है और अब प्रदेश में पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होगी. करौली में पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता अरुण गुप्ता के साथ करौली कलेक्टर अंकित कुमार ने दुर्व्यवहार किया और उनके घर का पानी बंद कर दिया था.
इसके बाद मंगलवार को प्रदेश भर के पीएचईडी इंजीनियरों में रोष व्याप्त हो गया और जयपुर स्थित हेड ऑफिस जल भवन के गेट बंद कर इंजीनियरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. उन्होंने अधीक्षण अभियंता के घर का पानी फिर से सुचारू करने और करौली कलेक्टर को हटाने की मांग की थी. सरकार को 48 घंटों में मांग नहीं मानने पर फील्ड में तैनात इंजीनियरों को भी हड़ताल में शामिल करने और पेयजल आपूर्ति ठप करने की चेतावनी तक दे दी थी. चेतावनी के बाद सरकार जागी और जलदाय मंत्री महेश जोशी ने मंगलवार देर रात को इन्हें वार्ता के लिए बुलाया. पीएचईडी के इंजीनियरों की मांग के अनुसार अधीक्षण अभियंता अरुण गुप्ता के घर पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है.
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ग्रेजुएट इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जीईएआर) के प्रदेश अध्यक्ष आनंद प्रकाश मीणा ने बुधवार को जल भवन पर अपने साथी इंजीनियरों के साथ हड़ताल खत्म करने की घोषणा की. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि करौली के अधीक्षण अभियंता अरुण गुप्ता के घर पर जलापूर्ति सुचारू कर दी गई है, जो मोटर जिला प्रशासन ने जब्त किया था, उसे दोबारा लगा दिया गया है. प्रदेश में किसी भी तरह की पेयजल आपूर्ति अब बाधित नहीं होगी. सभी इंजीनियर काम पर लौट आए हैं.
मीणा ने बताया कि मंत्री महेश जोशी ने आश्वासन दिया है कि यदि अधीक्षण अभियंता की ओर से कोई शिकायत आती है, तो वे कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए उचित स्तर पर लिखेंगे. महेश जोशी ने विश्वास दिलाया है कि आगे इस तरह की घटना दोबारा नहीं होगी. मुख्य सचिव इस तरह की संवेदनशील घटनाओं को रोकने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भी लिखेंगी.
राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष भवनेश कुलदीप ने बताया कि जलदाय मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई है. अब प्रदेश में किसी भी तरह की पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होगी. कल भी आम जनता को पेयजल को लेकर किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई. भवनेश कुलदीप ने मांग की है कि इस तरह की घटनाएं फील्ड ऑफिसर के साथ नहीं हों और फील्ड ऑफिसर का सरकार की ओर से पूरा संरक्षण किया जाए.
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आपको बता दें कि करौली में अधीक्षण अभियंता के साथ हुई घटना को लेकर प्रदेश के सभी पीएचईडी के इंजीनियर एकजुट हो गए थे. जल भवन के बाहर मंगलवार को हुए धरने में मुख्य अभियंता केडी गुप्ता, दिनेश गोयल, दिलीप गौड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी, जयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरसी मीणा व जयपुर शहर के सभी अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कर्मचारी नेता भी धरने में शामिल हो गए थे.