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चौमूं में टिड्डी के खात्मे के प्रशासन का 'ऑपरेशन'...किसानों को सता रहा फसल चौपट होने का डर - राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

जयपुर के चौमूं में टिड्डी दल के प्रवेश से किसान परेशान हैं. वहीं, उदयपुरिया के ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया.

Jaipur news, चौमूं में टिड्डी दल
टिड्डियों ने बढ़ाई किसानों की चिंता
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Published : Jun 29, 2020, 5:08 PM IST

जयपुर. राजधानी के चौमूं इलाके में भी लगातार टिड्डी दलों के आने का सिलसिला जारी है. टिड्डी दल ने उपखंड के तिगरिया, अमरपुरा, इटावा गांव में अपना डेरा डाल लिया है. जिसके बाद किसानों को अपनी फसल चौपट होने का डर सता रहा है.

वहीं, टिड्डियों के गांव में प्रवेश की सूचना जनप्रतिनिधियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को दी गई. रविवार की देर रात को कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और रात को 12 बजे से सुबह 5 बजे तक तकरीबन 5 घंटे तक कीटनाशक स्प्रे करने का ऑपरेशन चलाया.

Jaipur news, चौमूं में टिड्डी दल
टिड्डियों ने बढ़ाई किसानों की चिंता

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इस ऑपरेशन के दौरान चार दमकल और 16 ट्रैक्टरों की मदद से कीटनाशक का स्प्रे कर खात्मा किया गया. हालांकि, अब भी इलाके में टिड्डी दल मंडरा रहा है. किसान पीपे और थाली लेकर टिड्डियों को भगाते नजर आ रहे हैं.

चौमूं में 10वीं की परीक्षाओं के लिए 47 केंद्र बनाए गए...

प्रदेश में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की बकाया परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो गई है. जिसके तहत पहले सामाजिक विज्ञान की परीक्षा हुई. राजधानी के चौमूं कस्बे में परीक्षाएं आयोजित करवाने के लिए पहले 47 परीक्षा केंद्र बनाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परीक्षार्थियों को बिठाने की व्यवस्था के लिए 2 नए परीक्षा केंद्र निवाणा और चौमूं में बनाए गए हैं. इस तरह से 49 परीक्षा केंद्रों पर तकरीबन 8 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं.

Jaipur news, चौमूं में टिड्डी दल
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही विद्यार्थियों को मिला प्रवेश

यह भी पढ़ें. 'अनलॉक-2.0' में जयपुर एयरपोर्ट से शुरू हो सकती हैं 11 नई फ्लाइटें

वहीं, परीक्षा केंद्रों पर कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर सभी परीक्षार्थियों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही परीक्षा कक्ष में जाने की अनुमति दी गई. साथ ही परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

पेयजल की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन...

वहीं, राजधानी के उदयपुरिया ग्राम पंचायत में पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों को महंगे दामों पर निजी टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 3 साल से गांव के लोग पेयजल को लेकर त्रस्त हैं. स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों को भी पेयजल व्यवस्था करवाने को लेकर ज्ञापन सौंपा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर महिलाओं ने गांव में खाली मटके लेकर प्रदर्शन किया.

यह भी पढ़ें. अडानी समूह राजस्थान में करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, 5 जिलों में स्थापित करेगा सोलर पार्क

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पहले न्यू ट्रांसपोर्ट नगर से पेयजल सप्लाई की जाती थी, लेकिन दूरी ज्यादा होने के कारण से अब न्यू ट्रांसपोर्ट नगर से भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में उन्हें महंगे दामों पर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. वहीं आर्थिक तंगी के चलते लोग पानी नहीं मंगवा पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें. साइबर हमलों से बचने के लिए आईटी सेक्टर में आत्मनिर्भरता जरूरी, जानिए भारत की स्थिति

स्थानीय लोगों ने उदयपुरिया गांव को बीसलपुर पेयजल योजना से जोड़ने की मांग की है. दरअसल, हरमाड़ा इलाके की कई कॉलोनियों में बीसलपुर योजना से पेयजल की सप्लाई की जाती है. यदि उदयपुरिया गांव को बीसलपुर योजना से जोड़ा जाता है तो पानी का संकट खत्म हो जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी.

जयपुर. राजधानी के चौमूं इलाके में भी लगातार टिड्डी दलों के आने का सिलसिला जारी है. टिड्डी दल ने उपखंड के तिगरिया, अमरपुरा, इटावा गांव में अपना डेरा डाल लिया है. जिसके बाद किसानों को अपनी फसल चौपट होने का डर सता रहा है.

वहीं, टिड्डियों के गांव में प्रवेश की सूचना जनप्रतिनिधियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को दी गई. रविवार की देर रात को कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और रात को 12 बजे से सुबह 5 बजे तक तकरीबन 5 घंटे तक कीटनाशक स्प्रे करने का ऑपरेशन चलाया.

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टिड्डियों ने बढ़ाई किसानों की चिंता

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इस ऑपरेशन के दौरान चार दमकल और 16 ट्रैक्टरों की मदद से कीटनाशक का स्प्रे कर खात्मा किया गया. हालांकि, अब भी इलाके में टिड्डी दल मंडरा रहा है. किसान पीपे और थाली लेकर टिड्डियों को भगाते नजर आ रहे हैं.

चौमूं में 10वीं की परीक्षाओं के लिए 47 केंद्र बनाए गए...

प्रदेश में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की बकाया परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो गई है. जिसके तहत पहले सामाजिक विज्ञान की परीक्षा हुई. राजधानी के चौमूं कस्बे में परीक्षाएं आयोजित करवाने के लिए पहले 47 परीक्षा केंद्र बनाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परीक्षार्थियों को बिठाने की व्यवस्था के लिए 2 नए परीक्षा केंद्र निवाणा और चौमूं में बनाए गए हैं. इस तरह से 49 परीक्षा केंद्रों पर तकरीबन 8 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं.

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थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही विद्यार्थियों को मिला प्रवेश

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वहीं, परीक्षा केंद्रों पर कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर सभी परीक्षार्थियों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही परीक्षा कक्ष में जाने की अनुमति दी गई. साथ ही परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

पेयजल की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन...

वहीं, राजधानी के उदयपुरिया ग्राम पंचायत में पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों को महंगे दामों पर निजी टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 3 साल से गांव के लोग पेयजल को लेकर त्रस्त हैं. स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों को भी पेयजल व्यवस्था करवाने को लेकर ज्ञापन सौंपा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर महिलाओं ने गांव में खाली मटके लेकर प्रदर्शन किया.

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स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पहले न्यू ट्रांसपोर्ट नगर से पेयजल सप्लाई की जाती थी, लेकिन दूरी ज्यादा होने के कारण से अब न्यू ट्रांसपोर्ट नगर से भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में उन्हें महंगे दामों पर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. वहीं आर्थिक तंगी के चलते लोग पानी नहीं मंगवा पा रहे हैं.

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स्थानीय लोगों ने उदयपुरिया गांव को बीसलपुर पेयजल योजना से जोड़ने की मांग की है. दरअसल, हरमाड़ा इलाके की कई कॉलोनियों में बीसलपुर योजना से पेयजल की सप्लाई की जाती है. यदि उदयपुरिया गांव को बीसलपुर योजना से जोड़ा जाता है तो पानी का संकट खत्म हो जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी.

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