जयपुर. प्रदेश में नए जिले बनाने की मांग अब बजट सत्र से पहले जोर पकड़ने लगी है. अलग-अलग जिलों से उठाई मांग के बीच सांभर-फुलेरा क्षेत्र के लोग सांभर को नया जिला बनाने की मांग (Demand to make Sambhar new district) को लेकर आज सड़कों पर उतर आए. राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक से (people protest in Jaipur) सिविल लाइंस फाटक तक मार्च निकाल कर लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
सांभर-फुलेरा जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक विवेक शर्मा ने बताया कि आजादी के बाद से निरन्तर मांग चली आ रही है. इस अभियान में साभर फुलेरा, नरैना सहित कस्बों और 30 से अधिक ग्राम पंचायतों के साथ 150 से अधिक गांव ढाणियों की समुचित जनता सक्रिय रूप से शामिल हैं . सांभर लेक उपखण्ड मुख्यालय राजस्थान राज्य के प्राचीनतम उपखण्ड मुख्यालयों में से एक है. प्रशासनिक दृष्टि से सांभर लेक कस्बा रियासत काल के समय से ही महत्वपूर्ण रहा हैं, जहां जयपुर एवं जोधपुर रियासत की शामलात अदालत अतिमहत्वपूर्ण थी.
पढ़ें. शाहपुरा को नया जिला बनाने की उठी मांग, कैलाश मेघवाल ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र
इसके साथ ही सांभर झील का अस्तित्व भी जयपुर, नागौर एवं अजमेर तीन जिलों मे फैला हुआ है. जिसका प्रशासनिक मुख्यालय सांभर लेक ही है . उन्होंने कहा कि वर्तमान में सांभर लेक में उपजिला मुख्यालय पर आवश्यक अधिकतम राजकीय प्रशासनिक , न्यायिक कार्यालय संचालित है. जिला मुख्यालय घोषित किए जान पर बिना अत्यधिक परिश्रम के जिला मुख्यालय स्तर के सभी कार्यालयों को सुगमता से स्थापित कर संचालित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण तथ्य है कि सांभर लेक करबा जयपुर शहर से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
18 लाख से अधिक की आबादीः डॉ कानाराम प्रजापति ने बताया कि सांभर लेक जिला मुख्यालय की आबादी लगभग 18 लाख से अधिक होगी. जिसमें दस तहसील मुख्यालय शामिल है. प्रशासनिक दृष्टि के अतिरिक्त सामाजिक समरसता, पर्यटन, धार्मिक महत्वता की दृष्टि से भी अतिमहत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि फिल्म एवं अन्य शूटिंग्स आदि में भी सांभर लेक अग्रणी रहा है. 90 प्रतिशत गांवों एवं कस्बो से सीधा रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है. साथ ही दिल्ली मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कोरिडोर का बड़ा कन्टेनर हब भी न्यूफुलेरा के होने से राज्य सरकार को इस नवीन जिला मुख्यालय से बेहतरीन रेवेन्यू मिलने की भरपूर संभावनाएं हैं.
पढ़ें. ब्यावर को नया जिला बनाने की मांग, इस वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे विधायक शंकर सिंह रावत
कमेटी रिपोर्ट तैयार करने में जुटीः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं. नए जिलों के गठन पर सिफारिश के लिए सेवानिवृत्त आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट देगी. बताया जा रहा है कि दिसंबर तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे सकती है, जिसमें प्रदेश के 60 अलग-अलग जगहों को जिला बनाने की मांग पर कमेटी अपना मत देगी.
रामलुभाया कमेटी को विधायकों, नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने भी जिला बनाने के लिए अलग-अलग ज्ञापन दिए हैं. नए जिलों के लिए आई मांग के बाद कमेटी अब रिपोर्ट तैयार करने के काम में जुटी है. हर जगह की रिपोर्ट विस्तार से तैयार की जा रही है. कौन सा क्षेत्र या कस्बा जिला बनने के मापदंड पूरे करता है, कौन सा नहीं, कौन से फैक्ट पक्ष या विपक्ष में हैं, इसका उल्लेख रिपोर्ट में होगा.
6 नए जिले की हो सकती है घोषणाः सूत्रों की मानें तो सीएम गहलोत अगले बजट से पहले ही रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट और सिफारिशों पर फाइनल मुहर लगा सकते हैं. रामलुभाया कमेटी जिस तेजी से रिपोर्ट पर काम कर रही है, उससे लग रहा है कि सरकार पांच से छह नए जिले बना सकती है . कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर, भिवाड़ी नए जिले बनाने बनाने की तैयारी की जा रही है.
दरअसल सीएम गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाईपावर कमेटी बनाने की घोषणा की थी, इसके बाद 17 मार्च को रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. छह महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया . बाद में इसे मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया . अब कमेटी अपनी रिपोर्ट देने की तैयारी कर रही है पहले कमेटी को सितंबर तक रिपोर्ट देनी थी , कार्यकाल बढ़ाने से अब यह रिपोर्ट इस साल के आखिर तक आने की संभावना है.