जयपुर. राजस्थान में पानी की समस्या शुरू से रही है. गर्मियों में तो पानी का संकट और गहरा जाता है. ऐसी परिस्थिति में पानी अमृत जैसा लगता है. इसी अमृत को चोरी से बचाने के लिए जयपुर में ऐसी बस्ती है, जहां लोग पानी को ताले में बंद कर रखते हैं.
एक परिवार का 10 दिन बाद आता है नंबर
हवामहल विधानसभा क्षेत्र की बास बदनपुरा की खारवाल बस्ती में पानी के ड्रम पर ताले लगे देखने को मिलते हैं. यहां कई साल से इस बस्ती में पानी की समस्या बनी हुई है. दिन भर में यहां एक ही टैंकर पानी आता है. जिसमें से जिसकी बारी होती है, वही परिवार अपने ड्रम भर लेता है. फिर ड्रम पर ताला मार दिया जाता है. एक परिवार यदि पहले दिन पानी भर लेता है तो उसका अगला नंबर 6 से 10 दिन बाद आता है. इतने दिन पानी का गुजारा मुश्किल से चल पाता है. फिर इधर-उधर से व्यवस्था करनी पड़ती है.
पानी की समस्या (water problem in Jaipur) को लेकर बस्ती के लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन किए. जलदाय विभाग में शिकायत की. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी कई बार गुहार लगाई लेकिन सालों से समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. यहां के परिवार पानी की किल्लत झेलने को मजबूर हैं. स्थानीय महिलाओं ने बताया कि यहां एक हैंडपंप भी लगा हुआ है लेकिन उसमें से खारा पानी आता है. कुंओं से भी पानी आना बंद हो चुका है.
बस्ती में पाइप लाइन तक नहीं
दूसरी ओर लोगों का कहना है कि जिस जगह पर यह बस्ती बसी हुई है, वहां कोर्ट में केस चल रहा है. इसी का ही बहाना बनाकर जलदाय विभाग और जनप्रतिनिधि पाइप लाइन डालने से मना कर देते है. बस्ती वासियों का आरोप है कि इसी जमीन पर और भी आबादी हैं लेकिन वहां जनप्रतिनिधियों ने पाइपलाइन बिछा दी. हमारी बस्ती के साथ भेदभाव किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि यह क्षेत्र में हवामहल विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. यहां के स्थानीय पार्षद को कई बार इस समस्या के बारे में बता चुके हैं. वे भी टाल-मटोल कर रहे हैं.
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पानी की किल्लत से जूझ रहे बस्ती वालों को पानी भरने की भी परेशानी है. यहां दिन में एक सरकारी टैंकर आता है. वो बस्ती में जा नहीं सकता. इसलिए सारे लोगों ने एक ही जगह ड्रम रख दिए हैं. महिलाओं का कहना है कि पिछले 15 सालों से ऐसी स्थिति है. कई बार ताला नहीं लगाने पर पानी चोरी हो चुका है.
15 साल से समस्या जस का तस
बस्ती में टैंकर जा भी नहीं सकता इसलिए यहां के लोगों ने एक ही जगह पर सारे पानी के ड्रम रखे हुए हैं. यहां दिन में एक बार सरकारी टैंकर आता है और अपनी-अपनी बारी से लोग अपने-अपने ड्रम को भर लेते हैं. पानी भरकर ड्रमों पर उस पर ताला लगा देते हैं. महिलाओं ने बताया कि यह स्थिति पिछले 15 साल से चल रही है. कई बार ताला नहीं लगाने से पानी भी चोरी हो चुका है. उन्होंने कहा कि जब इस बस्ती में बिजली आ सकती है तो पानी क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा.
नेता वोट लेकर आश्वासन देकर चले जाते हैं
महिलाओं ने बताया कि इतने सालों में कई सरकारें आई और गई. हर बार नेता वोट लेने आ जाते हैं और वे आश्वासन भी देते हैं कि जल्द ही यहां पानी के लिए पाइप लाइन बिछा दी जाएगी लेकिन जीतने के बाद नेता भी पलट कर इस बस्ती की ओर नहीं देखते.
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करोड़ों खर्च, फिर भी समस्या का समाधान नहीं
जयपुर में पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. हर चुनाव में आम जनता तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने का वादा भी किया जाता है. इन सब के बावजूद भी जयपुर की यह तस्वीरें किसी भी स्थिति में सही नहीं कही जा सकती. 15 साल से बस्ती के लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं और न तो सरकार और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाए. इसे लेकर बस्ती के लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है.