जयपुर. कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद (Pariwarwad in Congress) को समाप्त करने के लिए भले ही नियम कायदे बनाने की बात होती हो, लेकिन जब किसी पद की बात होती है तो यह नियम कायदे केवल कहने के लिए रह जाते हैं. राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस मेंबर की घोषणा में भी परिवारवाद की छाया साफ दिखाई (Pariwarwad in Rajasthan Congress) दे रही है. जहां मां-बेटे, मां-बेटी, पति-पत्नी और बाप-बेटे की जोड़ी एक साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य (Rajasthan Pradesh Congress Committee) बने हैं.
इनमें पहला नाम है पूर्व सांसद रमा पायलट और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) का. इसके बाद नंबर आता है पूर्व विधानसभा स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत और उनके बेटे बालेंदु सिंह शेखावत का, जो एक ही विधानसभा श्रीमाधोपुर से पीसीसी मेंबर बने हैं. इसके आगे दौसा से पीसीसी मेंबर बनने वाले मंत्री मुरारी लाल मीणा और उनकी पत्नी सांसद प्रत्याशी रही सविता मीणा का नाम आता है. इस लिस्ट (Rajasthan PCC Member List) में अंत में नाम आता है जोधपुर जिला प्रमुख लीला मदेरणा और उनकी बेटी विधायक दिव्या मदेरणा का, जो दोनों ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मेंबर बनी है.
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जहां निर्दलीय वहां कांग्रेस प्रत्याशी आउट- राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस मेंबर (Rajasthan Pradesh Congress Committee) बन चुके हैं, लेकिन उनके नामों को अभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया है. शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली बैठक में जब सभी पीसीसी मेंबर पहुंचेंगे तब ही उनके नाम आउट होंगे. लेकिन बात करें पीसीसी मेंबर की तो इस बार पीसीसी मेंबर बनाने में विधायकों की राय को सर्वोपरि रखा गया है. लेकिन प्रदेश के कुछ ऐसे मंत्री और विधायक भी हैं, जिन्होंने खुद की जगह अपने कार्यकर्ताओं को पीसीसी मेंबर बनाया है.
ये नहीं बने पीसीसी मेंबर- बात करें जयपुर की तो जहां प्रदेश के ज्यादातर मंत्री और विधायक पीसीसी मेंबर बने हैं. मंत्री महेश जोशी, मंत्री लालचंद कटारिया और चाकसू से विधायक वेद सोलंकी पीसीसी मेंबर नहीं बने हैं. यही हाल सपोटरा विधायक ओर मंत्री रमेश मीना का भी है. हालांकि हवा महल से महेश जोशी के कहने पर ही पीसीसी सदस्य बनाए गए हैं, तो वहीं लालचंद कटारिया के कहने पर उनके भाई की पत्नी रेखा कटारिया पीसीसी सदस्य बनी हैं. यही हाल वेद सोलंकी का है जिन्होंने दूसरे नेताओं के नाम भेजें. आज लिस्ट में जो नाम सामने आए हैं उसके अनुसार अगर दिल्ली के बड़े चेहरों की बात की जाए तो कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की मां रमा पायलट भी प्रदेश कांग्रेस की सदस्य बनी हैं. इसी तरह से मंत्री जाहिदा ने अपनी विधानसभा कामा के दोनों ब्लॉक से अपने परिवार को ही पीसीसी मेंबर बनाया है. कामां विधायक ने अपने पति जलीस खान और बेटे साजिद खान को पीसीसी सदस्य बनाया है.
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खुद नहीं बने परिवार को किया आगे-
- बाबूलाल नागर ने बेटे विकासनगर को बनाया पीसीसी मेंबर.
- आलोक बेनीवाल ने पत्नी सविता बेनीवाल को बनाया पीसीसी मेंबर.
- विधायक महेंद्र चौधरी व पत्नी सुनीता चौधरी बने सदस्य
- बद्री जाखड़ व बेटी मुन्नी गोदारा बने पीसीसी सदस्य
निर्दलीयों ने नहीं बनने दिया कांग्रेस प्रत्यशियों को पीसीसी मेंबर- जैसे पहले से उम्मीद थी कि विधायकों के कहने पर ही इस बार प्रदेश कांग्रेस के सदस्य बनाए गए हैं. ऐसे में यह सवाल खड़े हो रहे थे कि उन 19 विधायकों का क्या होगा, जो निर्दलीय या बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए या फिर विधायकों के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. अब उम्मीद के मुताबिक यह साफ हो चुका है कि निर्दलीय विधायकों ने अपने विधानसभा में पुराने प्रतिद्वंदी को समाप्त कर दिया है. यही कारण है कि राजधानी जयपुर की 3 विधानसभा सीट दूदू , बस्सी और शाहपुरा से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़े नेताओं को नो एंट्री कर दिया गया है.
दूदू से बाबूलाल नागर ने अपने बेटे विकास नागर को और जितेश चौधरी को पीसीसी सदस्य बनवाया है. जबकि इस सीट से कांग्रेस के सिंबल पर रितेश बैरवा ने चुनाव लड़ा था. इसी तरह से बस्सी विधानसभा से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले दौलत मीणा का भी नाम लिस्ट से आउट है. हालांकि, तीसरी विधानसभा शाहपुरा से निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने अपनी पत्नी सविता बेनीवाल को पीसीसी सदस्य बनाने के साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे मनीष यादव को शाहपुरा विधानसभा से पीसीसी मेंबर नहीं बनने दिया. लेकिन मनीष यादव का नाम विधायक इंद्राज गुर्जर ने विराट नगर से भेज दिया. इसके चलते उनका नाम शामिल हो गया, लेकिन उन्हें भी पीसीसी सदस्य अपनी विधानसभा शाहपुरा से नहीं बनने दिया गया.
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जयपुर से ये बने पीसीसी मेंबर-
- सांगानेर- पुष्पेंद्र भारद्वाज, मुमताज मसीह
- मालवीय नगर- अर्चना शर्मा, राजीव अरोड़ा
- विद्याधरनगर- सीताराम अग्रवाल, रमेश खण्डेलवाल
- हवामहल- अवध शर्मा, असगर अली
- सिविल लाइन्स- प्रताप सिंह खाचरियावास, मनोज मुदगल
- आदर्श नगर- रफीक खान, मुकुंद गोयल
- किशनपोल- अमीन कागजी, आरआर तिवाड़ी
- बगरू- गंगादेवी, अश्क अली टाक
- आमेर- प्रशांत सहदेव शर्मा, जसवंत गुर्जर
- झोटवाड़ा- अशोक शर्मा, रेखा कटारिया
- चौमूं- भगवान सहाय सैनी, ललित तूनवाल
- जमवारामगढ़- गोपाल मीणा, रामसहाय कांकरेलिया
- चाकसू- हरिनारायण चौधरी, शिवप्रसाद
- विराटनगर- इंद्राज गुर्जर, मनीष यादव
- फुलेरा- स्वर्णिम चतुर्वेदी, विद्याधर चौधरी
- शाहपुरा- सविता बेनीवाल, संदीप चौधरी
- बस्सी- सुरेंद्र सिंह, गिर्राज शर्मा
- दूदू- जितेश चौधरी, विकास नागर
नेताओं ने अपने बेटों व रिश्तेदारों को बनाया पीसीसी सदस्य
- विधायक नरेंद्र बुडानिया के बेटे अमित बुडानिया बने तारानगर से सदस्य
- रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा बने सदस्य
- बाबूलाल बैरवा के बेटे अवधेश बेरवा बने सदस्य
- मंत्री लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी रेखा कटारिया बनी सदस्य
- मंत्री राजेंद्र यादव के बेटे मधुर यादव बने पीसीसी सदस्य
- विधायक मीना कंवर के पति उम्मेद सिंह बने सदस्य
- गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा बने सदस्य
महेंद्र सिंह खेड़ी को नहीं बनाया पीसीसी सदस्यः पीसीसी मेंबर की सूची में सचिन पायलट कैंप की अनदेखी किस तरह से की गई है. इसका पता इससे चलता है कि प्रदेश कार्यकारिणी में 43 पदाधिकारी हैं. इनमें से एकमात्र पदाधिकारी महेंद्र सिंह खेड़ी ऐसे है, जिन्हें पीसीसी मेंबर नहीं बनाया गया है. गोविंद सिंह डोटासरा की कार्यकारणी में महेंद्र सिंह खेड़ी एकमात्र राजपूत पदाधिकारी हैं, लेकिन सचिन पायलट कैंप के होने के चलते उन्हें पीसीसी मेंबर नहीं बनाया गया है. यह इसलिए भी आश्चर्यजनक लग रहा है, क्योंकि बाकी सभी पदाधिकारी पीसीसी मेंबर बनाए गए हैं, केवल एक पदाधिकारी को छोड़ दिया गया है.