जयपुर. पंचायत समिति सदस्य बनकर प्रधान के तौर पर गांव की सरकार चुनने वाले प्रदेश के 6000 से ज्यादा पंचायत समिति सदस्य अपने लिए अधिकारों की मांग को लेकर विधानसभा घेराव (Panchayat Samiti members protest on assembly) करेंगे.
राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के बैनर तले अब ये सभी सदस्य एकजुट हो रहे हैं. संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की त्रिस्तरीय व्यवस्थाओं के पंचायत समिति सदस्य महत्वपूर्ण अंग होते हैं. इसके बावजूद पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी प्रकार के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार नहीं मिले है. सदस्य मात्र पंचायत समिति की साधारण सभा की कोरम पूर्ति करने के संसाधन मात्र होते हैं.
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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि पंचायत समिति सदस्यों को मजबूत करने का काम करें, जिससे ग्रामीण राज्य के सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें. उन्होंने कहा कि अभी खंडस्तर पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया है. इसके बाद पंचायत राज मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों का मांग पत्र सौंपा जाएगा. इसके बावजूद भी पंचायत समिति सदस्यों की मांगों पर सरकार का ध्यान नहीं गया, तो मजबूरन बजट सत्र के दौरान पूरे राजस्थान के पंचायत समिति सदस्य एकजुट होकर विधानसभा का घेराव करेंगे और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती, तब तक पूरे राजस्थान में पंचायत समिति सदस्य कार्यों का बहिष्कार करेंगे. इसके तहत साधारण सभा की मीटिंग और स्थायी समिति की बैठकों का बहिष्कार किया जाएगा.
पंचायत समिति सदस्यों की ये हैं 9 मांगें:
- सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन, प्रमाणीकरण करने का अधिकार देने के लिए विभाग स्तर से प्रपत्र जारी किया जाए.
- अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि में से पंचायत समिति सदस्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने के लिए निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाए.
- अपने वार्ड में पंचायत समिति के मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रपत्र 5 दिए जाने की अनिवार्यता को हटाया जाए. इसकी जगह पंचायत समिति सदस्यों से प्रपत्र 5 लिए जाने की स्वीकृति जारी की जाए.
- स्वायत्तशासी संस्थाओं के पार्षदों व पंचायत राज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख व सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यूनतम 10000 रुपए स्वीकृत किए जाएं.
- सदस्यों के वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास कार्यों के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएं.
- पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत की, कोरम बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय में कोरम के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में शामिल किए जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी करवाएं.
- वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर पंचायत समिति सदस्य का नाम लिखे जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी किया जाए.
- पंचायत समिति सदस्य के वार्ड में पंचायत समिति से स्वीकृत विकास कार्य मे सदस्य की अनुशंसा अनिवार्य की जाए.
- सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायतों के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति आदि का प्रगति विवरण उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश जारी किए जाएं.