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कोविड-19 के समय लगातार ड्यूटी करने से सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों में आक्रोश, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Published : May 22, 2020, 7:55 AM IST

कोरोना वायरस के कहर के दौरान लगातार ड्यूटी करने से सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों में आक्रोश है. जिसे लेकर राजस्थान राज्य अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही जल्द से जल्द समस्याओं के समाधान की मांग की.

आईटी कार्मिक जयपुर,  जयपुर न्यूज़,  कलेक्टर को ज्ञापन,  कंप्यूटर कर्मचारी संघ,  सहायक प्रोग्रामर;  सुभाष यादव;  Jaipur News.  Memorandum to the collector,  Computer workers union,  Assistant programme
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जयपुर. कोविड-19 की संकट की घड़ी में लगातार ड्यूटी करने से सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों में आक्रोश है. इस संबंध में राजस्थान राज्य अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया और जल्द से जल्द समस्याओं के समाधान की मांग की.

आईटी कार्मिक जयपुर,  जयपुर न्यूज़,  कलेक्टर को ज्ञापन,  कंप्यूटर कर्मचारी संघ,  सहायक प्रोग्रामर;  सुभाष यादव;  Jaipur News.  Memorandum to the collector,  Computer workers union,  Assistant programme
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन में बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट और समस्त उपखंड कार्यालय पर नियुक्त आईटी कार्मिकों, सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष यादव ने बताया कि आईटी कैडर के कर्मचारियों की ड्यूटी में रोटेशन की पालना नहीं की जा रही है. कार्मिकों को नियमों का हवाला देकर प्रतिदिन 12 से 16 घंटे कार्य करने के लिए और कई कार्यालयों महिला कार्मिकों को रात 9:00 बजे तक रुकने के लिए निर्देशित किया गया है.

ये पढ़ें- हवाई सफर के लिए पूरी करनी होंगी ये शर्तें...

सुभाष यादव ने बताया कि विभिन्न कार्यलयों में घर से किए जा सकने वाले कार्यों के लिए कर्मचारी की सुरक्षा के मद्देनजर घर से ही काम करने की अनुमति दी दी गई है जबकि ऐसे कार्यों के लिए कलेक्ट्रेट और समस्त उपखंड कार्यालय में अनिवार्य रूप से कार्मिकों को कार्यालय में आने के लिए निर्देशित किया जाता है. साथ ही उन्होने बताया कि कुछ सहायक प्रोग्रामर और सूचना सहायक जिनका कार्य स्थल नगर पालिका या पंचायत समिति में है उन्हें सार्वजनिक वाहनों के बंद होने से अपने किराए के वाहनों से हर रोज 60 से 70 किलोमीटर दूरी तय करके आना पड़ रहा है. जिससे उन्हें 500 से एक हजार रुपये प्रतिदिन खर्च करना पड़ रहा है. ऐसे में अल्प वेतनभोगी कार्मिकों के लिए उनके पारिवारिक भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है.

पढ़ें- 23 मई से 55 मार्गों पर चलेगी राजस्थान रोडवेज की बसें, जानिए किन मार्गों पर चलेगी बसें...

ज्ञापन ने बताया गया है कि लॉकडाउन के शुरूआत से ही निरंतर बिना रोटेशन के कार्य करने से सभी सूचना सहायकों और सहायक प्रोग्रामरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. सुभाष यादव ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की कि जिस तरह से शिक्षा विभाग, सचिवालय, सीएमओ और अन्य दफ्तरों में कार्मिकों की रोटेशन के आधार ड्यूटियां लगाई गई है. उसी तरह से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी आईटी कार्मिकों की रोटेशन वाइज ड्यूटी लगाई जाए.

जयपुर. कोविड-19 की संकट की घड़ी में लगातार ड्यूटी करने से सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों में आक्रोश है. इस संबंध में राजस्थान राज्य अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया और जल्द से जल्द समस्याओं के समाधान की मांग की.

आईटी कार्मिक जयपुर,  जयपुर न्यूज़,  कलेक्टर को ज्ञापन,  कंप्यूटर कर्मचारी संघ,  सहायक प्रोग्रामर;  सुभाष यादव;  Jaipur News.  Memorandum to the collector,  Computer workers union,  Assistant programme
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन में बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट और समस्त उपखंड कार्यालय पर नियुक्त आईटी कार्मिकों, सहायक प्रोग्रामरों और सूचना सहायकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष यादव ने बताया कि आईटी कैडर के कर्मचारियों की ड्यूटी में रोटेशन की पालना नहीं की जा रही है. कार्मिकों को नियमों का हवाला देकर प्रतिदिन 12 से 16 घंटे कार्य करने के लिए और कई कार्यालयों महिला कार्मिकों को रात 9:00 बजे तक रुकने के लिए निर्देशित किया गया है.

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सुभाष यादव ने बताया कि विभिन्न कार्यलयों में घर से किए जा सकने वाले कार्यों के लिए कर्मचारी की सुरक्षा के मद्देनजर घर से ही काम करने की अनुमति दी दी गई है जबकि ऐसे कार्यों के लिए कलेक्ट्रेट और समस्त उपखंड कार्यालय में अनिवार्य रूप से कार्मिकों को कार्यालय में आने के लिए निर्देशित किया जाता है. साथ ही उन्होने बताया कि कुछ सहायक प्रोग्रामर और सूचना सहायक जिनका कार्य स्थल नगर पालिका या पंचायत समिति में है उन्हें सार्वजनिक वाहनों के बंद होने से अपने किराए के वाहनों से हर रोज 60 से 70 किलोमीटर दूरी तय करके आना पड़ रहा है. जिससे उन्हें 500 से एक हजार रुपये प्रतिदिन खर्च करना पड़ रहा है. ऐसे में अल्प वेतनभोगी कार्मिकों के लिए उनके पारिवारिक भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है.

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ज्ञापन ने बताया गया है कि लॉकडाउन के शुरूआत से ही निरंतर बिना रोटेशन के कार्य करने से सभी सूचना सहायकों और सहायक प्रोग्रामरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. सुभाष यादव ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की कि जिस तरह से शिक्षा विभाग, सचिवालय, सीएमओ और अन्य दफ्तरों में कार्मिकों की रोटेशन के आधार ड्यूटियां लगाई गई है. उसी तरह से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी आईटी कार्मिकों की रोटेशन वाइज ड्यूटी लगाई जाए.

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