जयपुर. पावणों की पहली पसंद राजस्थान इन दिनों हरियाणा, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के गैंगस्टर्स और उनके गुर्गों की शरण स्थली बना हुआ (other state gangsters taking shelter in Rajasthan) है. ताज्जुब की बात यह है कि दूसरे राज्यों की पुलिस राजस्थान में आकर बदमाशों को पकड़ कर ले जा रही है, लेकिन राजस्थान पुलिस को इसकी जरा भी भनक नहीं लग पा रही. उन्हें नहीं पता चलता कि दूसरे राज्यों के शातिर बदमाश उनके अलग-अलग जिलों में बेखौफ होकर फरारी काट रहे हैं. रविवार को राजधानी के रामनगरिया थाना इलाके में पंजाब पुलिस द्वारा हरियाणा के शातिर गैंगस्टर रमजान खान उर्फ राज हुड्डा को एनकाउंटर कर दबोचने के बाद एक बार फिर से राजस्थान पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. राजस्थान पुलिस का इंटेलिजेंट तंत्र भी इन बदमाशों पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है.
विदेश में छुपे और जेल में बंद गैंगस्टर्स के गुर्गों को मिल रही पनाह: यदि बात हाल ही में घटित कुछ घटनाओं की करें तो सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड के तार भी राजस्थान से जुड़े हुए पाए गए. इस हत्याकांड को कनाडा में छिपे बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर अंजाम दिया गया. राजस्थान के बदमाशों ने ना केवल गाड़ी मुहैया कराई बल्कि शूटर भी पंजाब भेजे. सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड को अंजाम देने वाले एक बदमाश को अजमेर से और एक को जयपुर से गिरफ्तार कर पंजाब पुलिस अपने साथ ले गई.
पढ़ें: Dera Premi Murder Case : गैंगस्टर राज हुड्डा का जयपुर में एनकाउंटर, गोली लगने के बाद पुलिस ने दबोचा
कुछ माह पूर्व जयपुर पुलिस ने जयपुर में अपना वर्चस्व कायम करने का प्रयास कर रहे और व्यापारियों को धमकाकर रंगदारी मांगने के प्रकरण में राजू ठेठ को भी गिरफ्तार किया था. वहीं हाल ही में पंजाब के फरीदकोट में डेरा प्रेमी प्रदीप सिंह की हत्या करने वाले हरियाणा के गैंगस्टर इमरान खान उर्फ राज हुड्डा को भी जयपुर से दबोचा गया. राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद उसकी गैंग के गुर्गों ने भी गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई का हाथ थाम लिया. जो राजस्थान में बैठकर दूसरे राज्यों के बदमाशों को संसाधन मुहैया कराने और पनाह देने का काम कर रहे हैं. किसी भी बड़ी वारदात की प्लानिंग राजस्थान से बाहर विदेश में बैठे गोल्डी बरार या दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई द्वारा रची जाती है. जिसे लेकर इंटरनेट कॉल के जरिए अपने गुर्गों को आदेश दिया जाता है जिसे राजस्थान पुलिस ट्रैक नहीं कर पाती है.
पढ़ें: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के स्थानीय नेटवर्क को खंगाल रही है पंजाब पुलिस, अजमेर एसपी से की मुलाकात
इंटरनेट कॉल के जरिए गोल्डी दे रहा था हुड्डा को निर्देश: रामनगरिया थानाधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा एनकाउंटर में घायल हुए राज हुड्डा को इलाज के बाद अस्पताल से गिरफ्तार कर थाने लाया गया है. जिससे इस पूरे प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है. राजू को अपने कमरे में पनाह देने वाले दोनों भाइयों को भी डीटेन किया गया. जिसमें से नाबालिब को निरुद्ध कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया, वहीं उसके बड़े भाई को गिरफ्तार किया गया है.
अब तक के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि कनाडा में छिपे बैठे गोल्डी बरार ने इंटरनेट कॉल के जरिए राज हुड्डा को फोन कर जगतपुरा स्थित एक यूनिवर्सिटी के गेट पर जाने को कहा. इसके बाद बाबूलाल योगी के मकान में किराए से रहने वाले दोनों सगे भाइयों के पास हनुमानगढ़ से उनके एक परिचित पवन ने फोन किया. जिसने राज को अपना परिचित बताते हुए उसकी बस छूटने की बात कही और उसे अपने कमरे में ठहराने को कहा. पवन के कहने पर बड़ा भाई इंटरनेट कॉल कर राज को लेने यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंचा और अपने साथ कमरे पर ले आया. पवन और राज के बीच में भी किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई. राज को जयपुर में ठहराने की पूरी व्यवस्था गोल्डी ने इंटरनेट कॉल के जरिए की.
मकान मालिकों को किया जाएगा जागरूक: राज हुड्डा एनकाउंटर के बाद अब जयपुर पुलिस मकान मालिकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है. रामनगरिया थानाधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि राज एनकाउंटर मामले में मकान मालिक ने कमरे में रह रहे दोनों सगे भाइयों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था. रामनगरिया थाना इलाके में काफी खुले एरिया में अपार्टमेंट और ऐसे मकान मौजूद हैं जहां पर बड़ी तादाद में किराए पर स्टूडेंट व अन्य लोग रहते हैं. इन सब के वेरिफिकेशन को लेकर मकान मालिकों को जागरूक करने के लिए जयपुर पुलिस एक विशेष अभियान चलाएगी. साथ ही जो मकान मालिक किरायेदारों का वेरिफिकेशन नहीं करवाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस पूरे प्रकरण में राज हुड्डा और उसको शरण देने वाले एक युवक से लगातार पूछताछ जारी है.