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बिन पानी सब सून : जमवारामगढ़ बांध को फिर से जीवित करने के लिए ईटीवी की मुहिम के साथ आए संगठन...सभी ने किया श्रमदान - Special Story

कभी जयपुर की प्यास बुझाने वाला जमवारामगढ़ बांध आज खुद बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़ कर लोगों ने जमवारामगढ़ बांध में अच्छी बारिश से जलभराव के लिए श्रमदान किया. बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों ने इस मुहिम में योगदान दिया.

जमवारामगढ़ बांध को फिर से जीवित करने के लिए ईटीवी की मुहिम के साथ आए संगठन
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Published : Jul 22, 2019, 7:00 PM IST

जयपुर. एक दिन था जब जमवारामगढ़ बांध पूरे जयपुर की प्यास बुझाता था. लेकिन आज बांध में पानी की एक बूंद भी नहीं है. बांध को जीवित करने के लिए कई दिनों से लोग आवाज भी उठा रहे है लेकिन बांध में पानी नहीं भर पाया. बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं जिसके चलते पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है.

हाईकोर्ट ने भी इस मामले को लेकर सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी दिए थे. लेकिन प्रशासन जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में आने वाले अतिक्रमणों को हटाने में नाकाम साबित हुआ. हालांकि प्रशासन ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अतिक्रमण के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई तो कि लेकिन पूरी तरह से अतिक्रमणों को नहीं हटा पाया.

आज ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़कर लोगों ने जमवारामगढ़ बांध में श्रमदान कर सरकार को जगाने का प्रयास किया है. बांध को बचाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ, राजपूत करणी सेना, स्थानीय लोग और छात्र भी इस मुहिम में शामिल हुए. जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा सहित भाजपा के कई नेता भी श्रमदान करने के लिए जमवारामगढ़ बांध पर पहुंचे.

जमवारामगढ़ बांध को फिर से जीवित करने के लिए ईटीवी की मुहिम के साथ आए संगठन

पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध एक एक बूंद के लिए तरस रहा है. रामगढ़ बांध हर सावन में प्यासा ही रह जाता. जिसका सबसे बड़ा कारण बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण है. बहाव क्षेत्र में लोगों ने बड़े-बड़े फार्म हाउस और रिसोर्ट बना रखे हैं. जयपुर की जनता चाहती है कि बारिश के दिनों में नदियों का पानी जमवारामगढ़ बांध में आए और बांध का भराव क्षेत्र बढ़ सके. लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज लोगों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. बड़े सरकार से मांग करते हुए कहा कि नदियों के रास्तों में हो रहे अतिक्रमण को हटाकर पानी का मार्ग साफ किया जाए ताकि बांध में पानी आ सके. उन्होंने ईटीवी भारत की इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि आगे भी हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे.

जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर का प्रमुख जल स्रोत रहा है. उन दिनों जमवारामगढ़ बांध में एशियाई खेल भी हुए थे. लेकिन आज इस बांध में एक बूंद पानी भी नहीं बची है. रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने निर्देश भी दिए हैं लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटे. उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि रामगढ़ बांध के भाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए, ताकि बांध में पानी आ सके. जिससे किसानों के चेहरों पर भी खुशी नजर आएगी और जयपुर को भी पीने के लिए पानी मिल पाएगा.

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश मीणा ने बताया कि पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध आज जीवित नही है. जब तक जमवारामगढ़ बांध के अतिक्रमण को नहीं हटाया जाएगा तब तक यह मुहिम जारी रहेगी. उन्होंने सभी से ईटीवी भारत की इस मुहिम से जुड़कर बांध को बचाने में सहयोग देने की अपील की.

राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर की लाइफ लाइन था. जिसने सैकड़ों सालों तक जयपुर की प्यास बुझाई है आज खुद प्यासा मर रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इस मुहिम के साथ आगे भी बड़ा श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा. ऐसे तो जमवारामगढ़ बांध के लिए काफी वर्षों से मुद्दा उठाया जा रहा है. लेकिन आज पहली बार लोगों ने यहां पर श्रमदान किया है. उन्होंने आह्वान किया कि करणी सेना आगे भी इस तरह के जनहित मुद्दों में सहयोग करती रहेगी.

जयपुर. एक दिन था जब जमवारामगढ़ बांध पूरे जयपुर की प्यास बुझाता था. लेकिन आज बांध में पानी की एक बूंद भी नहीं है. बांध को जीवित करने के लिए कई दिनों से लोग आवाज भी उठा रहे है लेकिन बांध में पानी नहीं भर पाया. बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं जिसके चलते पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है.

हाईकोर्ट ने भी इस मामले को लेकर सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी दिए थे. लेकिन प्रशासन जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में आने वाले अतिक्रमणों को हटाने में नाकाम साबित हुआ. हालांकि प्रशासन ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अतिक्रमण के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई तो कि लेकिन पूरी तरह से अतिक्रमणों को नहीं हटा पाया.

आज ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़कर लोगों ने जमवारामगढ़ बांध में श्रमदान कर सरकार को जगाने का प्रयास किया है. बांध को बचाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ, राजपूत करणी सेना, स्थानीय लोग और छात्र भी इस मुहिम में शामिल हुए. जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा सहित भाजपा के कई नेता भी श्रमदान करने के लिए जमवारामगढ़ बांध पर पहुंचे.

जमवारामगढ़ बांध को फिर से जीवित करने के लिए ईटीवी की मुहिम के साथ आए संगठन

पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध एक एक बूंद के लिए तरस रहा है. रामगढ़ बांध हर सावन में प्यासा ही रह जाता. जिसका सबसे बड़ा कारण बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण है. बहाव क्षेत्र में लोगों ने बड़े-बड़े फार्म हाउस और रिसोर्ट बना रखे हैं. जयपुर की जनता चाहती है कि बारिश के दिनों में नदियों का पानी जमवारामगढ़ बांध में आए और बांध का भराव क्षेत्र बढ़ सके. लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज लोगों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. बड़े सरकार से मांग करते हुए कहा कि नदियों के रास्तों में हो रहे अतिक्रमण को हटाकर पानी का मार्ग साफ किया जाए ताकि बांध में पानी आ सके. उन्होंने ईटीवी भारत की इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि आगे भी हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे.

जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर का प्रमुख जल स्रोत रहा है. उन दिनों जमवारामगढ़ बांध में एशियाई खेल भी हुए थे. लेकिन आज इस बांध में एक बूंद पानी भी नहीं बची है. रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने निर्देश भी दिए हैं लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटे. उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि रामगढ़ बांध के भाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए, ताकि बांध में पानी आ सके. जिससे किसानों के चेहरों पर भी खुशी नजर आएगी और जयपुर को भी पीने के लिए पानी मिल पाएगा.

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश मीणा ने बताया कि पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध आज जीवित नही है. जब तक जमवारामगढ़ बांध के अतिक्रमण को नहीं हटाया जाएगा तब तक यह मुहिम जारी रहेगी. उन्होंने सभी से ईटीवी भारत की इस मुहिम से जुड़कर बांध को बचाने में सहयोग देने की अपील की.

राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर की लाइफ लाइन था. जिसने सैकड़ों सालों तक जयपुर की प्यास बुझाई है आज खुद प्यासा मर रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इस मुहिम के साथ आगे भी बड़ा श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा. ऐसे तो जमवारामगढ़ बांध के लिए काफी वर्षों से मुद्दा उठाया जा रहा है. लेकिन आज पहली बार लोगों ने यहां पर श्रमदान किया है. उन्होंने आह्वान किया कि करणी सेना आगे भी इस तरह के जनहित मुद्दों में सहयोग करती रहेगी.

Intro:जयपुर
एंकर- कभी जयपुर की प्यास बुझाने वाला जमवारामगढ़ बांध आज खुद बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है। ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़ कर लोगों ने आज जमवारामगढ़ बांध में अच्छी बारिश से जलभराव के लिए श्रमदान किया। बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों ने इस मुहिम में योगदान दिया।


Body:सैकड़ों की संख्या में लोगों ने जमवारामगढ़ बांध पहुंचकर श्रमदान किया। इसके बाद लोगों ने जमवारामगढ़ बांध के प्राचीन शिव मंदिर में गंगाजल से अभिषेक कर अच्छी बारिश से रामगढ़ बांध के भरने की कामना की। एक दिन था जब जमवारामगढ़ बांध पूरे जयपुर की प्यास बुझाता था। लेकिन आज बांध में पानी की एक बूंद भी नहीं है। बांध को जीवित करने के लिए कई दिनों से लोग आवाज भी उठा रहे है लेकिन बांध में पानी नहीं भर पाया। बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं जिसके चलते पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है। हाईकोर्ट ने भी इस मामले को लेकर सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन प्रशासन जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में आने वाले अतिक्रमणों को हटाने में नाकाम साबित हुआ। हालांकि प्रशासन ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अतिक्रमण के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई तो की लेकिन पूरी तरह से अतिक्रमणों को नही हटा पाया। आज ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़कर लोगों ने जमवारामगढ़ बांध में श्रमदान कर सरकार को जगाने का प्रयास किया है। बांध को बचाने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ, राजपूत करणी सेना, स्थानीय लोग और छात्र भी इस मुहिम में शामिल हुए। जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा सहित भाजपा के कई नेता भी श्रमदान करने के लिए जमवारामगढ़ बांध पर पहुंचे।

जन समस्या निवारण मंच के अध्यक्ष सूरज सोनी ने बताया कि
पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध एक एक बूंद के लिए तरस रहा है। रामगढ़ बांध हर सावन में प्यासा ही रह जाता। जिसका सबसे बड़ा कारण बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण है। बहाव क्षेत्र में लोगों ने बड़े-बड़े फार्म हाउस और रिसोर्ट बना रखे हैं। जयपुर की जनता चाहती है कि बारिश के दिनों में नदियों का पानी जमवारामगढ़ बांध में आए और बांध का भराव क्षेत्र बढ़ सके। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज लोगों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बड़े सरकार से मांग करते हुए कहा कि नदियों के रास्तों में हो रहे अतिक्रमण को हटाकर पानी का मार्ग साफ किया जाए ताकि बांध में पानी आ सके। उन्होंने ईटीवी भारत की इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि आगे भी हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।

जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर का प्रमुख जल स्रोत रहा है। उन दिनों जमवारामगढ़ बांध में एशियाई खेल भी हुए थे। लेकिन आज इस बांध में एक बूंद पानी भी नहीं बची है। रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने निर्देश भी दिए हैं लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटे। उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि रामगढ़ बांध के भाव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए, ताकि बांध में पानी आ सके। जिससे किसानों के चेहरों पर भी खुशी नजर आएगी। और जयपुर को भी पीने के लिए पानी मिल पाएगा।

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश मीणा ने बताया कि पूरे जयपुर को पानी पिलाने वाला जमवारामगढ़ बांध आज जीवित नही है। जब तक जमा रामगढ़ बांध के अतिक्रमण को नहीं हटाया जाएगा तब तक यह मुहिम जारी रहेगी। उन्होंने सभी से ईटीवी भारत की इस मुहिम से जुड़कर बांध को बचाने में सहयोग देने की अपील की।










Conclusion:राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि जमवारामगढ़ बांध जयपुर की लाइफ लाइन था। जिसने सैकड़ों सालों तक जयपुर की प्यास बुझाई है आज खुद प्यासा मर रहा है। उन्होंने ईटीवी भारत की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इस मुहिम के साथ आगे भी बड़ा श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा। ऐसे तो जमवारामगढ़ बांध के लिए काफी वर्षों से मुद्दा उठाया जा रहा है। लेकिन आज पहली बार लोगों ने यहां पर श्रमदान किया है। उन्होंने आह्वान किया कि करणी सेना आगे भी इस तरह के जनहित मुद्दों में सहयोग करती रहेगी।


बाईट- सूरज सोनी, अध्यक्ष जन समस्या निवारण मंच
बाईट- रामचरण बोहरा, जयपुर शहर सांसद
बाईट- राजेश मीणा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय
बाईट- महिपाल सिंह मकराना, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजपूत करणी सेना
बाईट- विमल अग्रवाल, भाजपा नेता
बाईट- विनोद कुमार, जन समस्या निवारण मंच के उपाध्यक्ष
बाईट- मुकेश चावंडिया, स्थानीय ग्रामीण

क्लोजिंग पीटीसी- उमेश सैनी











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